चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इसरो वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई की , लेकिन पार्टी नेता उदित राज ने ''वैज्ञानिकों के पूजा-पाठ' पर सवाल उठाकर एक विवाद को जन्म दे दिया।
इसरो प्रमुख के सिवन का कहना है कि चंद्रयान मिशन 95 फीसदी सफल रहा है और विक्रम लैंडर से दोबारा संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये बाते इसरो प्रमुख ने दूरदर्शन से बातचीत के दौरान कहीं।
चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर रोवर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग” कराने का भारत का ऐतिहासिक मिशन भले ही अधूरा रह गया हो लेकिन उसके इंजीनियरिंग कौशल और बढ़ती आकांक्षाओं ने अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के उसके प्रयास को गति दी है।
लैंडर विक्रम का शनिवार तड़के चांद के सतह पर उतरने से कुछ समय पहले संपर्क टूट गया था।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के तथ्यों के मुताबिक पिछले छह दशक में शुरू किए गए चंद्र मिशन में सफलता का अनुपात 60 प्रतिशत रहा है।
वर्ष 1986 से 2001 तक पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित रूसी अंतरिक्ष केंद्र मीर में लिनेंगर पांच महीने तक रहे थे। वह शुक्रवार को नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग के सजीव प्रसारण में शामिल हुए।
चंद्रयान -2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि यह सफर थोड़ा लंबा जरूर हुआ है लेकिन आने वाले कल में सफलता जरूर मिलेगी।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी कहा कि लैंडर से सिर्फ संपर्क टूटा है लेकिन 1.3 अरब भारतीयों का हौसला बरकरार है।
लैंडर का यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई पर दिया गया था। इसे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए डिजाइन किया गया था और इसे एक चंद्र दिवस यानी पृथ्वी के 14 दिन के बराबर काम करना था।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ के चांद की सतह को छूने से चंद मिनटों पहले जमीनी स्टेशन से उसका संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि वे मिशन में आई रुकावटों के कारण अपना दिल छोटा नहीं करें, क्योंकि नई सुबह जरूर होगी।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। इस मौके पर पड़ोसी देश भूटान की तरफ से भी हौसला बढ़ाने वाला बयान दिया गया है।
चंद्रयान-2 मिशन के तहत चांद पर भेजे गए विक्रम लैंडर का संपर्क भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों से लैंडिंग से पहले टूट गया है। इस पूरे मिशन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के कंट्रोल सेंटर से देश को संबोधिति किया।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था।
एक साल मिशन अवधि वाला ऑर्बिटर चंद्रमा की कई तस्वीरें लेकर इसरो को भेज सकता है। अधिकारी ने कहा कि ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें भी लेकर भेज सकता है, जिससे उसकी स्थिति के बारे में पता चल सकता है।
लैंडर विक्रम से मिले आंकड़ों की समीक्षा की जा रही है। मॉरीशस और मैड्रिड में लैंडर विक्रम के भेजे गए संदेश भी मिले थे लेकिन इसरो इनकी समीक्षा कर रहा है। इस पूरे मिशन में अभी भी एक बहुत ही पावरफुल सैटेलाइट आर्बिटर चांद की कक्षा में चक्कर लगा रही है जो चांद पर कई तरह के प्रयोग करने में सक्षम है।
इसरो के कंट्रोल रूम से लैंडर 'विक्रम' का संपर्क टूटने पर पाकिस्तान के विज्ञान एवं तकनीक मंत्री फवाद हुसैन चौधरी अपनी टूटी-फूटी अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए सैटेलाइट की स्पेलिंग ही गलत लिख गए।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञनिकों से कहा कि वे निराश न हों और सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करें।
चंद्रयान-2 के साथ इसरो की उपलब्धि ने अब तक हर भारतीय को गौरवान्वित किया है। भारत हमारे प्रतिबद्ध और मेहनती इसरो वैज्ञानिकों के साथ खड़ा है। भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।
विक्रम लैंडर का संपर्क टूटने पर पूरे देश से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इसरो की टीम को चंद्रयान-2 मून मिशन पर उनके अविश्वसनीय काम के लिए बधाई।
चंद्रयान 2 की लैंडिंग पर इसरो ने ट्वीट कर कहा कि विक्रम लैंडर की लैंड करने की जो योजना बनाई गई उसके अनुसार चांद की सतह से 2.1 किमी की ऊंचाई तक सामान्य प्रदर्शन देखा गया था। इसके बाद लैंडर से ग्राउंड स्टेशनों तक संचार टूट गया। इसरो ने कहा कि डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़