भुवनेश्वर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को कहा कि देश दिसंबर 2021 तक मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन अपने उद्देश्यों में 98 प्रतिशत सफल रहा है। इसरो हालांकि अभी तक लैंडर 'विक्रम' से संपर्क स्थापित नहीं कर पाया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को यहां कहा कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है जबकि वैज्ञानिक लैंडर ‘विक्रम’ के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
ऐसा कहा गया था कि ‘विक्रम’ की हार्ड लैंडिंग के कारण जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। इसरो ने आठ सितंबर को कहा था कि ‘चंद्रयान-2’ के ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल तस्वीर ली है, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद इससे अब तक संपर्क नहीं हो पाया।
शनिवार तड़के से चांद पर रात शुरू हो जाएगी और अंधकार छाने के साथ ही ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से सपंर्क की सभी संभावनाएं अब लगभग खत्म हो गई हैं।
गत सात सितंबर को चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान से लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी लेकिन अंतिम चरण में चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर ऊपर इसका इसरो से संपर्क टूट गया। तभी से लैंडर से संपर्क साधने के प्रयास किये जा रहे थे लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
ISRO ने बताया कि चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले ऑरबिटर के सभी पेलोड ठीक तरह से काम कर रहे हैं, ऑरबिटर पेलोड के शुरुआती ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘गगनयान’ परियोजना के लिए मानव केंद्रित प्रणालियां विकसित करने के लिहाज से सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।
ISRO ने एक हफ्ते बाद आज ट्वीट करके लोगों को उसके साथ खड़ा होने के लिए शुक्रिया कहा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तकनीशियन और अन्य पदों पर आवेदन करने के लिए भर्ती के लिए आवेदन किया था।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से शीघ्र संपर्क साध कर उसमें मौजूद ‘रोवर’ प्रज्ञान को उपयोग में लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।
हमारा रास्ता सही है, हमारी टेक्नोलॉजी विश्वसनीय है। जो थोड़ी बहुत कमी रह गई वो भी ठीक हो जाएगी और अगली कोशिश में हम चांद को फतह करेंगे। हमारा मून मिशन जरूर कामयाब होगा।
चंद्रयान 2 के आखिरी वक्त में विफल होने के भावुक क्षण को एक तस्वीर में इस तरह उकेरा है..
चंद्रयान-2 से लैंडर विक्रम का संपर्क टूटने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और इसके प्रमुख के. सिवन के नाम पर बने फर्जी अकाउंट की भरमार आ गई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तकनीशियन और अन्य पदों पर आवेदन करने के लिए भर्ती के लिए आवेदन किया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से संपर्क बहाल करने की कोशिश जारी रखे हुए है लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि समय निकलता जा रहा है और संपर्क बहाल होने की संभावना कम होती जा रही है।
लैंडर विक्रम की लोकेशन की जानकारी ISRO को मिल गई है। अब ISRO लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश में लगा हुआ है।
इसरो चीफ के सिवन ने बताया, हमें चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की लोकेशन मिल गई है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज क्लिक की है।
नासा ने ट्वीट कर कहा कि अंतरिक्ष मुश्किलों से भरा है। हम इसरो के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के प्रयास की सराहना करते हैं। आपकी यात्रा ने हमें प्रेरित किया है
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