भारतीय अंतरिक्षण अनुसंधान संगठन (इसरो) अब केवल भविष्य की नई खोजों पर ही ध्यान देगा और अंतरिक्ष से जुड़ी अपनी ज्यादातर गतिविधियों को उद्योगों के हवाले कर देगा।
भारत और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों ने गुरुवार को संयुक्त चंद्र ध्रुवीय खोज अभियान (लूपेक्स) को लेकर जारी सहयोग की समीक्षा की।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से पी.एस.एल.वी.-सी 51 के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों को लॉन्च किया।
भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) द्वारा रविवार को सुबह 19 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी सूचना देते हुए कहा कि शनिवार सुबह 8.54 बजे से इसके लॉन्च होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 28 फरवरी को एक ऐसा सैटेलाइट लॉन्च करेगा, जो भगवद् गीता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और 25 हजार लोगों के नाम अपने साथ अंतरिक्ष में लेकर जाएगा।
आम बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जमीन से लेकर आसमान तक का जिक्र किया। मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन का मानव रहित पहला लॉन्च इसी साल दिसंबर 2021 में होगा।
दो फ्लाइट सर्जन जल्द ही गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष में चिकित्सा का अनुभव अपने रूसी समकक्षों से लेने के लिए रूस रवाना होंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें तीन साल से अधिक समय पहले जहर दिया गया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन ‘गगनयान’ के लिए ‘हरित प्रणोदक’ विकसित कर रही है।
इसरो के भरोसेमंद रॉकेट पीएसएलवी-सी50 ने बृहस्पतिवार को भारत के नवीनतम कम्युनिकेशन सैटेलाइट सीएमएस-01 को कक्षा में स्थापित कर दिया।
1,410 किलोग्राम का CMS-01 उपग्रह फ्रिक्वेंसी स्पेक्ट्रम के विस्तारित-सी बैंड में सेवाएं प्रदान करेगा और इसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप दोनों के लिए विस्तारित और बेहतर दूरसंचार कवरेज शामिल होगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को कहा कि ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (पीएसएलवी)-सी 50 आगामी 17 दिसंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से संचार उपग्रह सीएमएस-01 का प्रक्षेपण करेगा।
अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ में कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के कारण एक साल की देरी हो सकती है।
भारत के शुक्र ग्रह ऑर्बिटर अभियान ‘शुक्रयान’ के साथ स्वीडन ने जुड़ने का फैसला किया है जिसके तहत वह ग्रह पर खोज करने के लिए एक वैज्ञानिक उपकरण उपलब्ध कराएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने प्रस्तावित 'शुक्रयान' मिशन के लिए फ्रांस के प्रस्ताव सहित अंतरिक्ष-आधारित 20 प्रायोगिक प्रस्तावों का चयन किया है। बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि इसमें रूस, फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी का ‘‘सहयोग योगदान’’ भी शामिल है।
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01) ने 26 घंटों की उल्टी गिनती के बाद अपराह्न तीन बजकर 12 मिनट पर यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रृंखलाबद्ध अभियानों की तैयारी कर रहा है जिसमें छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यानों का छोड़ा जाना शामिल है। इसरो के अध्यक्ष के.सिवन ने शनिवार को यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पीएसएलवी-सी 49 रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारत के अंतरिक्ष उद्योग को बधाई दी।
PSLV के जरिए जो नया सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है उसके जरिए पृथ्वी पर निगरानी ज्यादा बेहतर हो सकेगी। यह सैटेलाइट बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा सकता है और साफ तस्वीर खींचकर भेज सकता है
भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान (ह्यूमन स्पेस फ्लाइट) रॉकेट में सुरक्षा के मामले में कई अतिरेक/बैकअप सिस्टम होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से रॉकेट के निर्माण के लिए आवश्यक हार्डवेयर भी उपलब्ध होंगे।
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