मिशन चंद्रयान 3 को लेकर प्रोफेसर मयंक वाहिया ने कहा है कि लोगों को मिठाई लेकर तैयार रहना चाहिए, क्योंकि चांद की सतह पर चंद्रयान सफल लैंडिंग करने वाला है।
भारत की स्पेस एजेंसी के मुकाबले पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी कहां ठहरती है। पाक की स्पेस एजेंसी ने अब तक क्या क्या काम किया है? पढ़िए पूरी खबर।
चंद्रयान 3 का लैंडर मॉड्यूल चांद के और करीब पहुंच चुका है। इस बीच मिशन चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया है।
चंद्रयान के चंद्रमा की सतह पर उतरने में बस दो दिन बचे हैं। जानकारी के मुताबिक लैंडर रोवर बुधवार की शाम को चांद की सतह पर उतरेगा। कैसे और कहां कदम रखेगा, जानिए पूरा प्रोसेस-
चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक रविवार के दिन डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। इसी के साथ अब लैंडर और चंद्रमा की सतह के बीच मात्र 25 किमी की दूरी शेष रह गई है।
शनिवार रात 2 बजे चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर विक्रम में दूसरी बार डीबूस्टिंग की गई। इस डीबूस्टिंग के बाद अब लैंडर विक्रम चंद्रमा की धरती के और करीब पहुंच गया है। दूसरी डीबूस्टिंग के साथ ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग का काउंटडाउन भी शुरू हो चुका है।
चंद्रयान-3 चांद पर उतरने से बस एक कदम दूर रह गया है। वह चांद के सबसे नजदीक वाले कक्षा में है और बहुत जल्द ही विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।
चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल ने डिबूस्टिंग की प्रकिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसी के साथ अब लैंडर और चांद के बीच दूरी और भी कम हो गई है।
चंद्रयान-3 मिशन: विक्रम लैंडर की डीबूस्टिंग का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त को होगा।
चंद्रयान के लैंडर को चंद्रम की सतह पर उतरने से पहले अभी कुछ और अहम पड़ाव पार करने हैं। इसी के तहत आज डीबूस्टिंग होगी जिससे यह चंद्रमा के और करीब आ जाएगा।
चंद्रयान-2 के दौरान हुई गलतियों से सबक सीखकर ISRO ने इस बार कई सुधार किए हैं इसलिए दिल की धड़कनें जरूर तेज हैं लेकिन भरोसा भी है कि हम 5 दिन बाद चांद की सतह को चूम कर ही दम लेंगे।
भारत ने चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। मिशन की प्लानिंग के अनुसार, अब लैंडर 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा। इसके साथ ही चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन जाएगा।
भारत ने 14 जुलाई को दोपहर 2.45 बजे LVM3 रॉकेट से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था। अब मॉड्यूल से अलग होने के बाद आगे का सफर लैंडर विक्रम अपने आप ही तय करेगा।
चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्यों से पर्दा हटाएगा। भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। मिशन चंद्रयान 3 को लेकर एक अहम प्रक्रिया को इसरो के वैज्ञानिक अंजाम देंगे।
इसरो ने ट्वीट कर बताया है कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा के काफी करीब पहुंच गया है। अब जल्द ही वह चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है।
भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। चंद्रयान 3 आज चांद की कक्षा में चांद से कुछ ही दूरी पर होगा। ये कब और कहां लैंड करेगा..जानिए पूरी डिटेल्स-
मिशन गगनयान की तैयारियां इसरो जोरों-शोरों से कर रहा है। इसी कड़ी में इसरों ने परीक्षणों की एक श्रृंखला में ड्रग पैराशूट का सफल परीक्षण किया। यह पैराशूट हवा में गिर रहे यान को स्थिर करने व उसकी रफ्तार को कंट्रोल करने के लिए तैयार किया गया है।
चंद्रमा पर भारी ट्रैफिक जाम लगने वाला है। यह बात आपको सुनकर अजीब लग रही होगी, मगर ये सच है। अब आप सोच रहे होंगे कि चंद्रमा पर भला ट्रैफिक जाम कैसे हो सकता है तो आपको बताते हैं...दरअसल भारत के चंद्रयान-3 मिशन के साथ ही आज रूस का लूना 25 मिशन भी लांच हो रहा है। नासा का आर्टेमिस भी चांद के सफर की तैयारी में है।
चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने से पहले मंगल ग्रह पर पानी होने के वजूद को लेकर वैज्ञानिकों ने कई चौंकाने वाला दावा किया है। अमेरिका, फ्रांस और कनाडा के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि मंगल ग्रह पर मिली मिट्टी की दरारें यह बताती हैं कि यहां कभी पानी था और जो बाद में वाष्पित हुआ।
चंद्रयान-3 के लैंडर ने फिर चांद की विशेष तस्वीर खींचकर इसरो को भेजी है। इससे पहले भी चंद्रयान-3 दो बार अलग-अलग चांद और पृथ्वी की तस्वीर खींचकर शेयर कर चुका है। इसरो के वैज्ञानिकों ने लैंडर द्वारा खींची तस्वीरों का सेट शेयर किया है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़