आने वाले समय में इसरो चंद्रयान से भी बड़े मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है। इसमें गगनयान से लेकर सूर्य मिशन तक शामिल हैं।
विक्रम साराभाई स्पेस (वीएसएससी) ने टेक्निशियन-बी, ड्राफ्ट्समैन-बी और रेडियोग्राफर-ए के पदों पर भर्ती के लिए रविवार (20 अगस्त) को आयोजित हुई लिखित परीक्षा रद्द कर दी है।
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग चांद की सबसे खतरनाक जगह पर होनी है। नासा के मुताबिक चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव रहस्य, विज्ञान और उत्सुकता से भरा है यही वजह है कि पूरी दुनिया इतिहास बनता देखता चाहती है।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग में अब कुछ ही घंटे शेष हैं। इस बीच इसरो ने जानकारी दी है कि विक्रम रोवर के लैंडिंग की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।
चंद्रयान-3 अब बस चंद्रमा की सतह से कुछ ही दूरी पर है और अगर सबकुछ ठीक रहा तो सफलतापूर्वक लैंड करने में इसे अब बस कुछ ही घंटे लगने वाले हैं। चंद्रयान की लैंडिंग आप कहां और कैसे देख सकेंगे..जानिए पूरी डिटेल्स-
इसरो की परीक्षा में दो युवक फिल्मी स्टाइल में नकल कर रहे थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही ये परीक्षा भी रद्द कर दी गई है।
मिशन चंद्रयान 3 को लेकर प्रोफेसर मयंक वाहिया ने कहा है कि लोगों को मिठाई लेकर तैयार रहना चाहिए, क्योंकि चांद की सतह पर चंद्रयान सफल लैंडिंग करने वाला है।
भारत की स्पेस एजेंसी के मुकाबले पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी कहां ठहरती है। पाक की स्पेस एजेंसी ने अब तक क्या क्या काम किया है? पढ़िए पूरी खबर।
चंद्रयान 3 का लैंडर मॉड्यूल चांद के और करीब पहुंच चुका है। इस बीच मिशन चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया है।
चंद्रयान के चंद्रमा की सतह पर उतरने में बस दो दिन बचे हैं। जानकारी के मुताबिक लैंडर रोवर बुधवार की शाम को चांद की सतह पर उतरेगा। कैसे और कहां कदम रखेगा, जानिए पूरा प्रोसेस-
चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक रविवार के दिन डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। इसी के साथ अब लैंडर और चंद्रमा की सतह के बीच मात्र 25 किमी की दूरी शेष रह गई है।
शनिवार रात 2 बजे चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर विक्रम में दूसरी बार डीबूस्टिंग की गई। इस डीबूस्टिंग के बाद अब लैंडर विक्रम चंद्रमा की धरती के और करीब पहुंच गया है। दूसरी डीबूस्टिंग के साथ ही चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की लैंडिंग का काउंटडाउन भी शुरू हो चुका है।
चंद्रयान-3 चांद पर उतरने से बस एक कदम दूर रह गया है। वह चांद के सबसे नजदीक वाले कक्षा में है और बहुत जल्द ही विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।
चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल ने डिबूस्टिंग की प्रकिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसी के साथ अब लैंडर और चांद के बीच दूरी और भी कम हो गई है।
चंद्रयान-3 मिशन: विक्रम लैंडर की डीबूस्टिंग का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त को होगा।
चंद्रयान के लैंडर को चंद्रम की सतह पर उतरने से पहले अभी कुछ और अहम पड़ाव पार करने हैं। इसी के तहत आज डीबूस्टिंग होगी जिससे यह चंद्रमा के और करीब आ जाएगा।
चंद्रयान-2 के दौरान हुई गलतियों से सबक सीखकर ISRO ने इस बार कई सुधार किए हैं इसलिए दिल की धड़कनें जरूर तेज हैं लेकिन भरोसा भी है कि हम 5 दिन बाद चांद की सतह को चूम कर ही दम लेंगे।
भारत ने चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। मिशन की प्लानिंग के अनुसार, अब लैंडर 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा। इसके साथ ही चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बन जाएगा।
भारत ने 14 जुलाई को दोपहर 2.45 बजे LVM3 रॉकेट से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था। अब मॉड्यूल से अलग होने के बाद आगे का सफर लैंडर विक्रम अपने आप ही तय करेगा।
चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद की स्टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्यों से पर्दा हटाएगा। भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। मिशन चंद्रयान 3 को लेकर एक अहम प्रक्रिया को इसरो के वैज्ञानिक अंजाम देंगे।
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