भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इस महीने की शुरुआत में चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड में भेजने के बाद से उन्हें दोबारा से जगाने की कोशिश कर रहा है। हम आपको बताएंगे कि अगर चंद्रयान-3 का रोवर और लैंडर दोबारा नहीं जागे तो क्या होगा?
चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने चांद पर एक दिन पूरा कर लिया है। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो चुका है। हालांकि, प्रयास ये है कि उन्हें जगाकर अतिरिक्त जानकारियां जुटाई जाएं।
चंद्रमा की सतह पर पिछले दो हफ्ते से निष्क्रिय पड़े लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को एक्टिव करने की कोशिश इसरो के वैज्ञानिकों ने शुरू कर दी है। फिलहाल लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की तरफ से कोई सिग्नल नहीं मिला है।
चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में अब सूर्योदय हो गया है। ऐसे में इसरो की ओर से 22 सितंबर को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने की कोशिश की जाएगी। अगर ऐसा हो जाता है तो चांद से इसरो को और अधिक डेटा मिल सकता है।
भारत का आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान धीरे-धीरे सूर्य के एल-1 कक्षा के करीब पहुंचने के लिए आगे बढ़ रहा है। मगर इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सौर तूफान की सूचना देकर आदित्य एल-1 को नुकसान पहुंचने और मिशन के अधर में पहुंचने की सूचना देकर इसरो को चिंता में डाल दिया है।
ISRO की ओर से समय-समय पर भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लेकर अपडेट जारी किया जा रहा है। इसरो ने अब बताया है कि यान अब उस पथ पर पहुंच गया है, जहां से ये अपनी मंजिल तक पहुंच सकेगा।
आदित्य एल1 को 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था और यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूरी से सूर्य की स्टडी करेगा।
ISRO ने लोगों को चंद्रयान-3 के बारे में जानकारी देने व टेस्ट करने के लिए एक क्विज शुरू किया है। MyGov चंद्रयान-3 महा क्विज़ लिंक isro quiz.mygov.in पर उपलब्ध है। यहां पुरस्कार राशि, पात्रता, नियम और शर्तें और जानें।
चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग में मुख्य भूमिका इसरो चीफ एस.सोमनाथ की है। भारत के इस ऐतिहासिक पल को हर देशवासी अपने मन में सजाकर रखना चाहता है। इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने का पूरा श्रेय इसरो चीफ सोमनाथ को जाता है।
Chandrayaan-3 का विक्रम लैंडर सोमवार को हा स्लीप मोड में चला गया था। अंधेरे में चांद पर अभी विक्रम लैंडर कैसा दिख रहा है। इसकी तस्वीर चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ली। जिसे ISRO ने सोशल मीडिया साइट X पर शेयर किया है।
भारत के ISRO की राह पर अमेरिका का NASA भी चलेगा। नासा चांद के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर यान उतारेगा। इसके लिए टेस्टिंग शुरू हो गई है। 'नासा' द्वारा चांद पर अंतरिक्ष यान भेजने के लिए एक चंद्रमा रोवर बनाया जा रहा है।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और क्रांति की उम्मीद बढ़ गई है। भारत के ताबड़तोड़ चांद और सूर्य मिशन के बाद अब जापान ने अपना ब्रह्मांड मिशन लांच किया है। जापान का एक्सरे रॉकेट दूरबीन के साथ ब्रह्मांड की उत्पत्ति का पता लगाने चांद पर रवाना हो चुका है। भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संघठन ने जापान को इसके लिए बधाई दी है।
सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने अंतरिक्ष में सेल्फी ली है और चंद्रमा व धरती की फोटो खींची है जिसे इसरो ने शेयर किया है। बता दें कि आदित्य एल1 ने पृथ्वी के दो कक्षाओं के चक्कर लगा लिए हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ने आज चंद्रमा की एक 3D तस्वीर जारी की है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर गए प्रज्ञान रोवर ने यह तस्वीर ली है। तस्वीर पोस्ट करते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
चंद्रवंशी भगवान कृष्ण की 5,250वीं जयंती के एक विशेष और भव्य उत्सव में, प्रज्ञान रोवर की एक विशेष कलाकृति पवित्र भागवत भवन में, देवता की सीट के सामने रखी जाएगी। 23 अगस्त को, जिस दिन लैंडर मॉड्यूल प्रज्ञान ने लैंडिंग की, उसकी सफलता के लिए मथुरा के प्रमुख मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएं की गईं थीं।
भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 अपने लक्ष्य की ओर सफलतापूर्वक बढ़ता चला जा रहा है। इसे लेकर रोज नए अपडेट सामने आ रहे हैं।
भारत का चंद्रयान-3 मिशन चांद पर अपनी सभी अपेक्षाओं पर खड़ा उतरा है। प्रज्ञान रोवर सभी अहम जानकारियों को ट्रांसफर कर के स्लीप मोड में जा चुका है। वहीं, विक्रम लैंडर ने एक और करतब दिखाया है।
इसरो की वैज्ञानिक एन वलरमती का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वलरमति रॉकेट लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन का जिम्मा संभालती थीं। चंद्रयान- 3 की लॉन्चिंग के लिए भी काउंटडाउन वलरमती ने ही किया था।
इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य-L1 को लेकर बड़ी जानकारी दी है। इसरो ने बताया कि देश का पहला सौर मिशन आदित्य-L1 ठीक से काम कर रहा है। इसरो ने बताया कि आदित्य-L1 ने आज अपनी कक्षा बदली है।
भारत अब तक चांद पर तीन मिशन भेज चुका है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिससे चांद पर पानी के बारे में पता चला था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करते ही भारत ने रिकॉर्ड बना दिया।
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