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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इतिहास रच दिया है। सूर्य मिशन पर भेजा गया आदित्य एल1 आज अपनी मंजिल एल1 पॉइंट पर पहुंच गया है। यहां अब यह लगभग 5 साल तक रहेगा।
इसरो ने फ्यूल सेल का सफल परीक्षण है। इस परीक्षण का लाभ इसरो को भविष्य के मिशनों में मिलेगा। बता दें कि इसके जरिए स्पेस में बिजली और पानी की व्यवस्था आसानी से की जा सकेगी। साथ ही एक अच्छी बात यह भी है कि फ्यूल सेल किसी तरह का उत्सर्जन नहीं करता है।
भारत का सोलर मिशन आदित्य एल1 आज शाम 4 बजे लग्रेंज पॉइंट वन पर स्थापित हो जाएगा जहां से अगले 5 सालों तक वह सूर्य और सौरमंडल की स्टडी करेगा।
Aditya L1 Mission Mystery: सूर्य में छिपे राज को दुनिया के सामने कैसे लाएगा ISRO का मिशन?
ISRO इस महीने एक और इतिहास रचने वाली है। इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि आदित्य L1 जल्द ही लैगरेंज प्वाइंट (L1) पर पहुंच जाएगा। यह भारत का पहला सोलर ऑब्जर्बेटरी मिशन है, जिसमें सूर्य के वातावरण का अध्ययन किया जाएगा।
साल के पहले दिन आज सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर इसरो ने PSLV-C58/XPoSat सैटेलाइट को लॉन्च कर दिया। इससे अंतरिक्ष में ब्लैकहोल और जीवन से जुड़े कई रहस्य खुलेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले पांच साल में 50 ऐसे सैटेलाइट भेजेगा जो खुफिया जानकारियों को इकट्ठा करने में अहम साबित होंगे।
Aditya L1: इसरो का आदित्य एल-1 जनवरी के पहले हफ्ते में ही एल-1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा। यह जानकारी इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने दी है।
Yearender 2023: साल 2023 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए किसी स्वर्णिम वर्ष से कम नहीं रहा। इस साल ISRO ने वह कर दिखाया, जिसका पूरी दुनिया को इंतजार था। इस साल ISRO ने कई ऐसे कदम बढ़ाये, जिनके बार में America की Space Agency NASA केवल सोच ही रही थी।
इस साल ISRO ने भारतीय स्पेस के इतिहास में कई स्वर्णिम कारनामे दर्ज किए हैं। कई महत्वपूर्ण अभियान के साथ-साथ भारतीय स्पेस एजेंसी ने अन्य देशों की सैटेलाइट्स को स्पेस में पहुंचाया। यह साल इसरो के लिए बेहद ही यादगार रहा।
आदित्य एल-1 ने अपने टेलीस्कोप से सूरज की रंग बिरंगी तस्वीरें कैद की है। इन तस्वीरों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने जारी किया है।
इसरो के मून मिशन चंद्रयान-3 की सफलता से पूरी दुनिया में भारत की वाहवाही हो रही है। इस बीच स्वीडिश अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टर फुगलेसांग ने भी इस मिशन की तारीफ की और कहा कि उन्हें अगले मिशन का इंतजार है।
भारतीय एजेंसी इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि को अपने नाम किया है। दरअसल इसरो ने जानकारी देते हुए बताया है कि चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में वापस सफलतापूर्वक लाया गया है।
ISRO ने कहा कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) में 2 अत्याधुनिक उपकरण सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) शामिल हैं।
भारत के चंद्रयान-3 ने अगस्त महीने में चंद्रमा के दक्षिणी भाग पर सफल लैंडिंग कर के इतिहास रच दिया था। इसने अपने सभी कार्यों को पूरा भी किया। अब ISRO ने बताया है कि यान का एक खास हिस्सा पृथ्वी के वायुमंडल में वापस आ गया है।
ISRO VSSC Recruitment 2023: नौकरी ढूंढ रहे उम्मीदवारों के लिए एक अच्छी खबर है। ISRO में LVD और HVD पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया आज यानी 13 नवंबर से शुरू होगी।
आदित्य एल-1 मिशन के दौरान इस यान के पोलोड HEL1OS ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई-एनर्जी एक्स-रे झलक कैद की है। इस मिशन की यह एक अहम उपलब्धि मानी जा रही है।
इसरो चीफ एस सोमनाथ की आत्मकथा पर विवाद पैदा हो गया जिसके बाद उन्होंने इसे प्राकाशित नहीं कराने का फैसला लिया। दावा किया गया है कि इसमें पूर्व इसरो चीफ सिवन के बारे में कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई हैं।
चंद्रयान 3 और आदित्य L-1 की कामयाबी के बाद आज ISRO का बड़ा मिशन... अंतरिक्ष की उड़ान भरने को तैयार देश का पहला ह्यूमन मिशन 'गगनयान'
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