अयोध्या का रामलला मंदिर अंतरिक्ष से बड़ा ही भव्य दिखाई देता है। अमेरिकी एजेंसी ने राम मंदिर की मनमोहक सैटेलाइट इमेज जारी की है।
ISRO Recruitment: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक स्पेस डिपार्टमेंट, राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर में वैज्ञानिक/इंजीनियर 'एससी' समेत कई और पदों पर भर्ती निकली है। इन पदों के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वैकेंसी, सैलरी आदि डिटेल्स के लिए उम्मीदवार नीचे खबर में पढ़ सकते हैं।
अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, जिसका इंतजार सभी रामभक्तों हैं। इस बीच एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें भगवान राम का मंदिर दिख रहा है। बता दें कि यह तस्वीर अंतरिक्ष से ली गई है।
अगर सबकुछ ठीक रहा तो 50 से अधिक वर्ष बीत जाने के बाद फिर से चांद पर मानवों के कदम जल्द पड़ेंगे। हालांकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का 2024 का यह मून मिशन तकनीकी वजहों से एक साल के लिए स्थगित हो गया है। अब यह 2025-26 में चांद के लिए रवाना होगा। चांद पर पहलीबार 20 जुलाई 1969 को मानव ने पहला कदम रखा था।
चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 की सफलता के बाद अब इसरो का पूरा ध्यान मिशन गगनयान पर है। इस मिशन के तहत ISOR अंतरिक्ष में इंसान भेजेगा।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इतिहास रच दिया है। सूर्य मिशन पर भेजा गया आदित्य एल1 आज अपनी मंजिल एल1 पॉइंट पर पहुंच गया है। यहां अब यह लगभग 5 साल तक रहेगा।
इसरो ने फ्यूल सेल का सफल परीक्षण है। इस परीक्षण का लाभ इसरो को भविष्य के मिशनों में मिलेगा। बता दें कि इसके जरिए स्पेस में बिजली और पानी की व्यवस्था आसानी से की जा सकेगी। साथ ही एक अच्छी बात यह भी है कि फ्यूल सेल किसी तरह का उत्सर्जन नहीं करता है।
भारत का सोलर मिशन आदित्य एल1 आज शाम 4 बजे लग्रेंज पॉइंट वन पर स्थापित हो जाएगा जहां से अगले 5 सालों तक वह सूर्य और सौरमंडल की स्टडी करेगा।
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ISRO इस महीने एक और इतिहास रचने वाली है। इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि आदित्य L1 जल्द ही लैगरेंज प्वाइंट (L1) पर पहुंच जाएगा। यह भारत का पहला सोलर ऑब्जर्बेटरी मिशन है, जिसमें सूर्य के वातावरण का अध्ययन किया जाएगा।
साल के पहले दिन आज सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर इसरो ने PSLV-C58/XPoSat सैटेलाइट को लॉन्च कर दिया। इससे अंतरिक्ष में ब्लैकहोल और जीवन से जुड़े कई रहस्य खुलेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले पांच साल में 50 ऐसे सैटेलाइट भेजेगा जो खुफिया जानकारियों को इकट्ठा करने में अहम साबित होंगे।
Aditya L1: इसरो का आदित्य एल-1 जनवरी के पहले हफ्ते में ही एल-1 प्वाइंट पर पहुंच जाएगा। यह जानकारी इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने दी है।
Yearender 2023: साल 2023 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए किसी स्वर्णिम वर्ष से कम नहीं रहा। इस साल ISRO ने वह कर दिखाया, जिसका पूरी दुनिया को इंतजार था। इस साल ISRO ने कई ऐसे कदम बढ़ाये, जिनके बार में America की Space Agency NASA केवल सोच ही रही थी।
इस साल ISRO ने भारतीय स्पेस के इतिहास में कई स्वर्णिम कारनामे दर्ज किए हैं। कई महत्वपूर्ण अभियान के साथ-साथ भारतीय स्पेस एजेंसी ने अन्य देशों की सैटेलाइट्स को स्पेस में पहुंचाया। यह साल इसरो के लिए बेहद ही यादगार रहा।
आदित्य एल-1 ने अपने टेलीस्कोप से सूरज की रंग बिरंगी तस्वीरें कैद की है। इन तस्वीरों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने जारी किया है।
इसरो के मून मिशन चंद्रयान-3 की सफलता से पूरी दुनिया में भारत की वाहवाही हो रही है। इस बीच स्वीडिश अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टर फुगलेसांग ने भी इस मिशन की तारीफ की और कहा कि उन्हें अगले मिशन का इंतजार है।
भारतीय एजेंसी इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि को अपने नाम किया है। दरअसल इसरो ने जानकारी देते हुए बताया है कि चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा की कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में वापस सफलतापूर्वक लाया गया है।
ISRO ने कहा कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) में 2 अत्याधुनिक उपकरण सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) शामिल हैं।
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