गगनयान मिशन को लेकर बड़ी खबर मिली है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से चल रहे इसरो के गगनयान मिशन को लेकर कामयाबी हाथ लगी है। इसके अलावा इसरो के नए चीफ की नियुक्ति भी ही की गई है।
सोमनाथ केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के निदेशक की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
सरकार द्वारा शुरू किए गए 'डीप ओशन मिशन' के तहत, गहरे समुद्र की खोज के लिए एक मानवयुक्त वैज्ञानिक पनडुब्बी विकसित करने का प्रस्ताव है और इस परियोजना का नाम 'समुद्रयान' रखा गया है।
भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने सोमवार को कहा कि भारती ग्रुप की अनुषंगी वनवेब इसरो की सुविधाओं के माध्यम से भारतीय जमीन से उपग्रह प्रक्षेपण करने वाली पहली निजी कंपनी होगी।
वनवेब इस साल अलास्का (अमेरिका), कनाडा और ब्रिटेन सहित आर्कटिक क्षेत्र में और भारत में 2022 की दूसरी छमाही में सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है।
कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए अटल इनोवेशन मिशन के मिशन निदेशक चिंतन वैष्णव ने कहा कि इस चुनौती का उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र में कुछ निर्माण के लिए युवा स्कूली विद्यार्थियों को नवोन्मेष में सक्षम बनाना है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने चंद्रमा के कक्ष में चंद्रयान-2 के दो वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में सोमवार को चंद्र विज्ञान कार्यशाला 2021 का उद्घाटन किया।
आज इसरो ने सुबह EOS-03 अर्थ ऑब्ज़र्वेशन सैटेलाइट लॉन्च किया। अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (ईओएस) की मुख्य विशेषता यह है कि यह चिन्हित किये गए किसी बड़े क्षेत्र क्षेत्र की वास्तविक समय की छवियां लगातार अंतराल पर भेजता रहता है।
इसरो के चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर की मदद से चांद की नई जानकारियां लगातार सामने आ रही हैं। अब पता चला है कि चांद की सतह पर हाइड्रॉक्सिल और वाटर मॉलिक्यूल्स (पानी के अणु) मौजूद हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुशंधान संगठन (ISRO)को अपने अभियान में बड़ा झटका लगा है। पृथ्वी की निगरानी करनेवाले सैटेलाइट EOS-03 की लॉन्चिंग फेल हो गई है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से कल जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले उपग्रह ईओएस-03 का प्रक्षेपण किया जाएगा।
चंद्रयान-3 के 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान सामान्य कामकाज को मानकर लॉन्च किए जाने की संभावना है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को कहा कि मानव को चंद्रमा पर भेजने के उसके ‘गगनयान कार्यक्रम’ के हिस्से के तौर पर पहले मानवरहित अभियान की दिसंबर में शुरुआत नहीं हो सकेगी।
गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यान के माध्यम से मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और फिर उन्हें धरती पर सुरक्षित वापस लाने की क्षमता का प्रदर्शन करने का है।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी नासा जल्द ही उद्योगों को लगभग 60,000 रुपये की लागत से विकसित श्वास नामक ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर बनाने की तकनीक हस्तांतरित करेगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को कहा कि उसने देश में पहली बार 300 मीटर की दूरी तक ‘फ्री स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन’ प्रौद्योगिकी का सफल परीक्षण किया है।
भारतीय अंतरिक्षण अनुसंधान संगठन (इसरो) अब केवल भविष्य की नई खोजों पर ही ध्यान देगा और अंतरिक्ष से जुड़ी अपनी ज्यादातर गतिविधियों को उद्योगों के हवाले कर देगा।
भारत और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों ने गुरुवार को संयुक्त चंद्र ध्रुवीय खोज अभियान (लूपेक्स) को लेकर जारी सहयोग की समीक्षा की।
ISRO के मुताबिक, पीएसएलवी-सी51, पीएसएलवी का 53वां मिशन है. इस रॉकेट के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 उपग्रह के साथ 18 अन्य उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजे गए है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से पी.एस.एल.वी.-सी 51 के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों को लॉन्च किया।
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