चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराकर इसरो ने दुनिया को झुककर सलाम करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसकी सफलता का इसरो की टीम और चेयरमैन एस सोमनाथ को जाता है। आइए जानते हैं इनकी क्वालिफिकेशन
‘‘हमें नये उपग्रहों को एल-1 बैंड से लैस करना होगा, जो सार्वजनिक उपयोग के लिए एक विशिष्ट जीपीएस बैंड है। हमारे पास यह नाविक में नहीं है। यही कारण है कि यह नागरिक क्षेत्र में आसानी से प्रवेश नहीं कर पाया है।’’
‘चंद्रयान-2’ के प्रक्षेपण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की 2020 की पहली छमाही में सूरज के परिमंडल के अध्ययन के लिए सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ को अंजाम देने की योजना है। ‘आदित्य एल-1’ का लक्ष्य सूर्य के परिमंडल का अध्ययन करने का होगा जिसम
देश के प्रतिष्ठित चंद्र अभियान चंद्रयान-2 के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है और 15 जुलाई को इसके प्रक्षेपण के लिये सभी तैयारियां चल रही हैं।
बुधवार सुबह भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने अंतरिक्ष में एक भारी भरकम छलांग लगा दी है। इसरो ने दक्षिण अमेरिका के फ्रेंच गुयाना में यूरोपियन स्पेस सेंटर से जीसेट 11 उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है।
ISRO ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च कर नया इतिहास बना दिया है। इन सैटेलाइट्स में भारत का पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह भी शामिल है।
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