गगनयान मिशन को लेकर बड़ी खबर मिली है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से चल रहे इसरो के गगनयान मिशन को लेकर कामयाबी हाथ लगी है। इसके अलावा इसरो के नए चीफ की नियुक्ति भी ही की गई है।
सोमनाथ केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के निदेशक की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
सोमनाथ ने कहा कि अगले महीने पीएसएलवी सी49 लगभग 10 उपग्रहों (सैटेलाइट) के साथ उड़ान भरेगा। रॉकेट भारत के रिसैट-2बीआर2 और अन्य वाणिज्यिक उपग्रहों को ले जाएगा। इसके बाद दिसंबर में पीएसएलवी सी50 जिसैट-12आर सैटेलाइट के साथ उड़ान भरेगा।
साल 2020-2021 में ISRO ने 36 मिशन प्लान किये हैं, लेकिन कोरोना के चलते अधिकांश मिशन का प्रोगेस प्लान के मुताबिक नहीं हो पा रहा है, साथ ही इसरो के पहले मानव रहित मिशन में भी देरी की संभावना अब बढ़ गयी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अनुदान की पूरक मांग संबंधी दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘नई परियोजना अर्थात चंद्रयान-3 के व्यय को पूरा करने के लिये 15 करोड़ रुपये अनुदान को मंजूरी दी जाए।’’
ISRO ने एक हफ्ते बाद आज ट्वीट करके लोगों को उसके साथ खड़ा होने के लिए शुक्रिया कहा।
इसरो प्रमुख के सिवन का कहना है कि चंद्रयान मिशन 95 फीसदी सफल रहा है और विक्रम लैंडर से दोबारा संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये बाते इसरो प्रमुख ने दूरदर्शन से बातचीत के दौरान कहीं।
चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर रोवर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग” कराने का भारत का ऐतिहासिक मिशन भले ही अधूरा रह गया हो लेकिन उसके इंजीनियरिंग कौशल और बढ़ती आकांक्षाओं ने अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के उसके प्रयास को गति दी है।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था।
विक्रम लैंडर का संपर्क टूटने पर पूरे देश से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इसरो की टीम को चंद्रयान-2 मून मिशन पर उनके अविश्वसनीय काम के लिए बधाई।
कुछ ही घंटों बाद भारत का लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह पर कदम रखेगा। इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए पूरा भारत उत्सुक है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी लैंडर विक्रम की चांद पर लैंडिंग को देखने के लिए बेंगलुरु पहुंच गए हैं।
चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की देश भर में प्रतीक्षा किए जाने के बीच इसरो ने शुक्रवार को कहा कि इस बहुप्रतीक्षित लैंडिंग के लिए चीजें योजना के अनुसार आगे बढ़ रही हैं।
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से चांद की सतह से 2.1 किमी पहले संपर्क टूट गया। इसरो अध्यक्ष के. सीवन ने जानकारी देते हुए बताया कि लैंडर ‘विक्रम’ को चंद्रमा की सतह पर लाने की प्रक्रिया सामान्य देखी गई, लेकिन बाद में लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया, डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।
अनुसंधान ने स्पेस में भी युवाओं के लिए करियर के रास्ते खुल गए हैं।
भारत के सपनों की उड़ान का जीएसएलवी एमके3एम1 से चंद्रयान-2 का सोमवार को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से सफल प्रक्षेपण किया गया । सपनों को आकार देने में इसरो की दो महिला वैज्ञानिकों के रूप में नारी शक्ति का एक नया रूप देखने को मिला।
‘चंद्रयान-2’ के प्रक्षेपण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की 2020 की पहली छमाही में सूरज के परिमंडल के अध्ययन के लिए सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ को अंजाम देने की योजना है। ‘आदित्य एल-1’ का लक्ष्य सूर्य के परिमंडल का अध्ययन करने का होगा जिसम
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने रविवार को बताया कि रविवार शाम 6.43 बजे से चंद्रयान-2 लांच करने की उल्टी गिनती शुरू।
भारत ने सोमवार तड़के श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से होने वाले दूसरे चंद्रमा मिशन, चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण तकनीकी खामी के चलते तय समय से लगभग एक घंटे पहले रद्द कर दिया।
भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के महत्वूपर्ण कलपुर्जे भुवनेश्वर स्थित ‘सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर’ (सीटीटीसी) ने बनाए हैं। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 40वें संचार उपग्रह GSAT-31 की बुधवार को सफल लॉन्चिंग हुई।
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