श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस महीने के अंत में लॉन्च होने वाले अपने अंतरिक्ष अभियान के जरिए इसरो एक और इतिहास रचने की तैयारी में है।
PROBA-3 दुनिया का पहला प्रेसिशन फॉर्मेशन फ्लाइंग सैटेलाइट है यानी यहां एक नहीं दो सैटेलाइट लॉन्च हुए हैं। ये सैटेलाइट सूर्य के बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए छोटी से छोटी जानकारी पृथ्वी पर भेजेंगे।
इसरो आज ROBA-3 मिशन लॉन्च करने वाला था, जो तकनीकी खराबी के कारण स्थगित कर दिया गया है। यह मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का है, जो सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा।
ISRO कल PROBA-3 मिशन लॉन्च करेगा। यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का मिशन है। PROBA-3 मिशन सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा।
पूरा ब्रह्मांड कई रहस्य अपने भीतर छिपाए हुए है। ऐसे ही चंद्रमा के बारे में इसरो ने वो खुलासा किया है जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। चांद पर पानी का अथाह भंडार है जो छिपा हुआ है। जानिए इस रहस्य को-
जीएसएलवी रॉकेट की आखिरी उड़ान 29 मई, 2023 को थी और रॉकेट का कोडनेम 'जीएसएलवी-एफ12' रखा गया था। तार्किक रूप से, अगले जीएसएलवी रॉकेट का क्रमांकन 'जीएसएलवी-एफ13' होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इतिहास रच दिया है। सूर्य मिशन पर भेजा गया आदित्य एल1 आज अपनी मंजिल एल1 पॉइंट पर पहुंच गया है। यहां अब यह लगभग 5 साल तक रहेगा।
ISRO ने कहा कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) में 2 अत्याधुनिक उपकरण सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) शामिल हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गगनयान की टेस्ट लॉन्चिंग को सफलता पूर्वक पूरा करते हुए इतिहास रच दिया है। श्रीहरिकोट स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे सुबह 10 बजे लॉन्च किया गया। इसने टेस्ट के सभी मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इसरो के गगनयान मिशन की टेस्ट लॉन्चिंग टल गई है। उड़ान भरने से ठीक पांच सेकेंड पहले यह फैसला लिया गया। इसरो चीफ एस सोमनाथ के मुताबिक तकनीकी खराबी के चलते लॉन्चिंग को टाल दिया गया है।
टेस्टिंग के दौरान क्रू मॉड्यूल की उड़ान, उसे वापस उतारने और समुद्र से रिकवर करने की प्रक्रियाएं शामिल होंगी। मॉड्यूल को वापसी में बंगाल की खाड़ी में उतारा जाना है।
इसरो प्रमुख ने भारत के स्पेस मिशन को लेकर कई जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद आदित्य एल वन और अब शुक्र के साथ ही मंगल ग्रह से जानकारिया प्राप्त करने की है। जानिए क्या बताया एस सोमनाथ ने-
सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने अंतरिक्ष में सेल्फी ली है और चंद्रमा व धरती की फोटो खींची है जिसे इसरो ने शेयर किया है। बता दें कि आदित्य एल1 ने पृथ्वी के दो कक्षाओं के चक्कर लगा लिए हैं।
भारत अब तक चांद पर तीन मिशन भेज चुका है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिससे चांद पर पानी के बारे में पता चला था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करते ही भारत ने रिकॉर्ड बना दिया।
कुल 128 दिन की यात्रा के बाद आदित्य L1 उपग्रह L1 प्वाइंट पर स्थापित होगा। इस मिशन में विकास इंजन का प्रयोग किया गया है जो पूरी तरह भारत में बना है।
चंद्रयान-3 दो दिनों में चांद की सतह पर उतरने वाला है। इसकी सफल लैंडिंग के लिए दक्षिण कन्नड़ जिले के प्रसिद्ध कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर में नागपंचमी की पूर्व संध्या पर एक विशेष पूजा की गई। देखें इस खास पूजा का वीडियो-
चंद्रयान-3 चांद पर उतरने से बस एक कदम दूर रह गया है। वह चांद के सबसे नजदीक वाले कक्षा में है और बहुत जल्द ही विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी।
इसरो अपने प्रोग्राम से संबंधित जानकारियों को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स जैसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम इत्यादि पर शेयर करता रहता है। मिशन चंद्रयान की लॉन्चिंग को हमने इसरो के सोशल मीडिया पर प्लैटफॉर्म्स पर ही देखा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी कि ISRO ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए तारीख और समय का एलान कर दिया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को आज बड़ी कामयाबी मिली है। इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से नेविगेशन सैटेलाइट को सुबह 10:42 बजे लॉन्च कर दिया।
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