भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की मदद से एक अहम सैटेलाइट को लॉन्च किया है। जिस सैटेलाइट को लॉन्च किया गया है उसे GSAT N-2 के नाम से जाना जाता है।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने अपने बयान में कहा है कि जब भी इसरो पर 1 रुपये खर्च किया जाता है तो इसके रिटर्न में हमें 2.50 रुपये मिलते हैं। यानी ढाई गुना ज्यादा। उन्होंने कहा कि इसरो बहुत कुछ करता है। हम वित्तपोषण के लिए सिर्फ सरकार पर निर्भर नहीं रह सकते हैं।
यह वही एपोफिस एस्टेरॉयड है, जिसे लेकर ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने चेतावनी दी थी कि ये खतरनाक है। इस एस्टेरॉयड की टक्कर वाली जगह से चारों तरफ करीब 20 km के इलाके में सामूहिक संहार हो जाएगा। किसी तरह के जीव-जंतुओं की आबादी नहीं बचेगी।
अगर आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। इसरो- विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में अप्रेंटिस ट्रेनी पदों पर भर्ती निकली है।
सूरज, चांद और मंगल के बाद अब भारत सबसे गर्म ग्रह शुक्र पर पहुंचने वाला है। इसरो ने मिशन वीनस ऑर्बिटर की लॉन्चिंग की तारीख भी तय कर ली है। पढ़ें पूरी खबर-
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। ISRO में विभिन्न पदों पर भर्ती निकली है, जो उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऐसा कर सकते हैं।
‘चंद्रयान-4’ अभियान अंतरिक्ष यात्रियों को वर्ष 2040 तक चंद्रमा पर उतारने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के लिए आधारभूत टेक्नोलॉजी को विकसित करेगा
गांव के लोगों ने खुद का रॉकेट लॉन्च कर सबको चौंका दिया। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे देख आप भी हैरान रह जाएंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक फ्री सर्टिफिकेट कोर्स की घोषणा की है जो हिमालयी क्रायोस्फीयर खतरों पर बेस्ड है। इसके लिए कौन आवेदन कर सकता है और कैसे, इन सभी डिटेल्स को आप नीचे खबर में पढ़ सकते हैं।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने दुनिया को बड़ा तोहफा दिया है। एजेंसी ने चंद्रयान-3 मिशन का डाटा सार्वजनिक कर दिया है। आपको बता दें कि बीते साल 23 अगस्त की तारीख को ही भारत का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी हिस्से पर लैंड हुआ था।
23 अगस्त 2023 को भारत चंद्रयान 3 मिशन के जरिए चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना और चांद के दक्षिण ध्रुव तक पहुंचने वाला पहला। पीएम नरेंद्र मोदी ने उसी दिन ऐलान कर दिया कि 23 अगस्त देश के सुनहरे अक्षरों में अंकित हो गया है और अब देश कामयाबी का जश्न हर साल मनाएगा।
लैंडर और रोवर से युक्त चंद्रयान-3 को इसरो, बेंगलुरु द्वारा लॉन्च किया गया था। लैंडर ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 'सॉफ्ट लैंडिंग' की थी। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से प्राप्त प्रज्ञान के आंकड़ों में पाया गया कि चंद्रमा की मिट्टी एक ही प्रकार की चट्टान फेरोअन एनोर्थोसाइट (एफएएन) से बनी है।
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से SSLV-D3-EOS-08 सफलता पूर्वक लॉन्च हो गया है। इस सफल प्रक्षेपण के बाद अब आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी और बाढ़ का पता लगाने में किया जा सकेगा।
नेशनल मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने दो गगनयात्रियों अंतरिक्ष यात्रियों- ग्रुप कैप्टन शुक्ला (प्रधान) और ग्रुप कैप्टन नायर के नाम की सिफारिश की है। इन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भरने की मंजूरी दी जाएगी।
ISRO ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर बताया है कि केरल में हुए भूस्खलन से किस तरह तबाही आई है। पहले जिन जगहों पर हरे-भरे पेड़ और घर हुआ करते थे। वहां अब सिर्फ मलबा बचा है।
साल 1994 में इसरो जासूसी प्रकरण सामने आया था। इस केस में इसरो के पूर्व अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन को फंसाया गया था। अब सीबीआई ने इस मामले में एख के बाद एक कई बड़े खुलासे किए हैं।
आदित्य एल1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इस मिशन के पीछे इसरो के कई उद्देश्य हैं। जिस तरह पृथ्वी पर भूकंप आते हैं उसी तरह सौर भूकंप भी होते हैं जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। सौर कंपन का अध्ययन करने के लिए सूर्य की निगरानी जरूरी है।
‘पुष्पक’ को रनवे से 4.5 किलोमीटर दूर इंडियन एयरफोर्स के चिनूक हेलीकॉप्टर से छोड़ा गया। पुष्पक रनवे के पास पहुंचा और उसने क्षैतिज लैंडिंग की।
भारत और अमेरिका दोस्ती की नई इबारत लिखने को तैयार हैं। अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर काम करेंगे। नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने भी दोनों देशो के सहयोग को लेकर बात कही है।
अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने सफलतापूर्वक 30 मई को अपने रॉकेट अग्निबाण सॉर्टेड 01 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस लॉन्च की जानकारी देते हुए इसरो ने कहा कि स्पेस सेक्टर में यह सफलता मील का पत्थर है।
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