अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गाजा में फिलिस्तीनियों को मानवीय मदद पहुंचाने और इजरायली बंधकों को छुड़ाने के लिए नई पहल शुरू कर दी है। बाइडेन ने मिस्र और कतर के नेताओं से संपर्क कर बंधकों को छोड़ने के लिए हमास पर दबाव बनाने के लिए कहा है।
सीरिया में ईरानी दूतावास पर इजरायल की एयरस्ट्राइक ने अब ईरान-इजरायल युद्ध की आशंका बढ़ा दी है। यह युद्ध तीसरे विश्व युद्ध के खतरे को भी बढ़ा सकता है। इन आशंकाओं के मद्देनजर अमेरिका हाई अलर्ट पर है। उधर ईरान की धमकी के बाद इजरायल भी हवाई हमलों को लेकर अलर्ट मोड में है।
गाजा में कुछ दिन पहले इजरायली एयरस्ट्राइक में मारे गए सहायताकर्मियों को लेकर बवाल मचा है। अमेरिका ने इस मामले में इजरायल को कड़ी चेतावनी देते हुए सहायताकर्मियों समेत आम फिलिस्तीनियों की मौत पर गहरी नाराजगी जताई थी। इसके साथ ही यह कृत्य जारी रखने पर इजरायल से रिश्ते टूटने की भी आशंका भी बढ़ गई थी।
इजराइल की सेना हमास के खिलाफ जंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का भी इस्तेमाल कर रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल को 'लैवेंडर' कहा जाता है।
इजराइल ने हमास के साथ युद्ध के बीच बड़ कदम उठाया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने योजनाओं की घोषणा की है जिसमें गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाना भी शामिल है।
इजरायली सेना ने मध्य गाजा पट्टी में हमास आतंकियों को निशाना बनाते हुए घातक एयरस्ट्राइक की है। इस हवाई हमले का मोसाद ने वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि 3 आतंकी जाते हुए दिख रहे हैं। अचानक उनके ऊपर मिसाइल गिरती है और इसमें तीनों ही मारे जाते हैं।
इजराइल की तरफ से गाजा में किए गए हमले में सात सहायता कर्मियों की मौत हो गई है। सहायता कर्मियों की मौत पर इजराइल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। जराइल के सैन्य प्रमुख ने कहा है कि यह एक गलती थी।
इजराइल की तरफ से हमास ठिकानों पर हमले लगातार जारी है। ऐसे ही एक हमले में सात सहायता कर्मियों की मौत हो गई है। सहायता कर्मियों की मौत को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दुखद बताया है।
इजराइल दक्षिणी गाजा के रफह शहर में जमीनी हमला करने की रणनीति बना रहा है। इजराइल की इस रणनीति का अमेरिका ने विरोध किया है। इस बीच दोनों देशों के उच्च अधिकारियों के बहीच अहम बैठक हुई है।
इजराइल ने दमिश्क में ईरान के दूतावास पर भीषण हवाई हमला किया है। इस हमले में एक टॉप ईरानी कमांडर की मौत हो गई है। मलबे में अब भी शवों की तलाश की जा रही है।
इजराइल की तरफ से हमास ठिकानों पर हमले लगातार जारी है। इन हमलों में सहायता कर्मियों की जान भी जा रही है। ऐसे ही एक हमले में सहायता कर्मियों और उनके फलस्तीनी वाहन चालक की मौत हो गई है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अल-जजीरा चैनल के इजराइल में प्रसारण पर बैन लगा दिया है। उन्होंने हाल ही में बनाए गए नए कानून का हवाला देते हुए इसकी जानकारी दी है। इसके साथ ही उन्होंने अल-जजीरा को आतंकवादी चैनल बताया है।
इजराइली सेना ने अपने सैनिकों को गाजा के मुख्य अस्पताल से हटा लिया है। इजराइली सेना ने इसे युद्ध के सबसे सफल अभियान में से एक बताया है।
एक तरफ जहां इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है वहीं दूसरी तरफ इजराइल के लोग प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों की मांग है कि बंधकों को मुक्त कराया जाए।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जानकारी सामने आ रही है। हमास के साथ युद्ध को देखते हुए उनके प्रधानमंत्री पद का दायित्व तब तक डिप्टी पीएम के हवाले कर दिया गया है। मोसाद ने सोशलमीडिया पोस्ट के जरिये इमरजेंसी सूचना जारी की है।
इजरायली सेना ने मध्य गाजा में भीषण हवाई हमला किया है। इसमें कम से कम 2 फिलिस्तीनी पत्रकारों के मारे जाने की खबर है। हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह एयरस्ट्राइक अल-अक्सा हॉस्पिटल के पास एक टेंट पर की गई। वीडियो में टेंट में हमले के बाद आग लगी है और लोग बचाव करते देखे जा रहे हैं।
हिजबुल्ला आतंकी संगठन ने इजरायली सेना से बदला लेने के लिए भीषण पलटवार किया है। हिजबुल्ला के आतंकियों ने उत्तरी इजरायल पर रॉकेटों की बौछार कर दी है। इससे बड़े पैमाने पर इजरायल को नुकसान पहुंचने की आशंका जाहिर की गई है। हालांकि अभी तक हमले से हुए नुकसान के बारे में कोई सूचना सामने नहीं आ सकी है।
इजराइल और हमास के बीच जारी जंग को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया सामने आई है। ट्रंप ने इजराइल से जंग खत्म करने का आग्रह किया है।
इजराइल और हमास के बीच जंग थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हमास ने नए युद्धविराम प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। फिलहाल इजराइल रफह में जमीनी हमला शुरू करने की योजना पर काम कर रहा है।
गाजा में रमजान के दौरान सीजफायर से जुड़े प्रस्ताव के पक्ष में 15 में से 14 सदस्यों ने वोट किया। वहीं, अमेरिका मतदान में शामिल नहीं हुआ जिस कारण ये प्रस्ताव पास हो गया।
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