बीते साल सात अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने इजराइल पर हमला किया था, जिसको रोक पाने में विफल रहने पर इजराइल की मिलिट्री इंटेलिजेंस चीफ मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
राफा शहर में हुए इजरायली हमले में मारी गई फिलिस्तीनी महिला के गर्भ से जिंदा बच्ची को निकाला गया है। हमले में नवजात बच्ची की मां, पिता और बहन की मौत हो गई है।
इजरायल ने ईरान पर हमले की तैयारी पूरी कर ली है। मगर आखिरी बार पूरी दुनिया को आगाह किया है। इजरायल ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिये कहा है कि ईरान को रोकें, इससे पहले कि कहीं देर हो जाए। जाहिर है कि इजरायल ईरान से हमले का बदला लेना चाहता है। मगर वह इसके लिए ईरान पर चुप्पी साधने वाले देशों को भी जिम्मेदार ठहराना चाहता है।
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एक तरफ जहां इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है तो वहीं अमेरिका में फलस्तीन समर्थकों ने जोरदार प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों की वजह से आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
इजरायल ने ईरान से आज तड़के अपने देश पर हुए हमले के बदले का ऐलान कर दिया है। बता दें कि ईरान ने इजरायल पर भीषण ड्रोन और मिसाइल अटैक आज किया, लेकिन इस दौरान 99 ईरानी ड्रोन हमले को आइडीएफ ने विफल कर दिया।
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की आशंका ने तीसरे विश्वयुद्ध समेत कई अन्य खतरों को भी बढ़ा दिया है। इससे दुनिया में खाद्य, ऊर्जा का भारी संकट पैदा हो सकता है। महंगाई, मंदी और भुखमरी से कई देशों के हालात बिगड़ सकते हैं। अर्थव्यवस्था डगमग हो सकती है। तेल की कीमतें बेकाबू हो सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय खुफिया रिपोर्टों के अनुसार इजरायल ने हमास के साथ युद्ध में अब एआई का इस्तेमाल कर रहा है। दावा किया जा रहा है कि इजरायल ऐसा करके गाजा में टारगेट किलिंग कर रहा है। इस रिपोर्ट ने सिर्फ अमेरिका और यूक्रेन को ही नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, समेत चीन जैसे देशों की नींद भी हराम कर दी है।
एक तरफ जहां इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है तो वहीं अब ईरान भी इजराइल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है। ईरान की ओर से की जाने वाली किसी भी संभावित कार्रवाई को लेकर ईरान ने कड़ा रुख दिखाया है।
गाजा युद्ध छिड़ने के बाद से ही पूरे मध्य पूर्व में संघर्ष फैल गया है। ईरान समर्थित समूहों ने लेबनान, यमन और इराक से हमले कर रहे फिलिस्तीनियों के लिए समर्थन की घोषणा की है। तेहरान ने अपने सहयोगियों के लिए समर्थन की घोषणा करते हुए, इज़रायल या संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सीधे टकराव से परहेज किया है।
हानिया ने फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, “दुश्मन बदले और कत्लेआम की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है और वह किसी मानक या कानून को कोई महत्व नहीं देता।” इस्माइल हानिया कतर में निर्वासन में रहते हैं, जहां अल-जजीरा का मुख्यालय है। हानिया ने कहा कि उसके 3 बेटों को इजरायल ने मार दिया है।
इजरायल ने ईरान को चेतावनी देते कहा है कि अगर वह उस पर हमला करता है तो इजरायल भी छोड़ने वाला नहीं है। इजरायली विदेश मंत्री कार्ट्ज ने कहा कि यदि ईरान हम पर हमला करेगा तो हम भी सीधा इस्लामिक गणराज्य को निशाना बनाएंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर इन दिनों काफी खफा चल रहे हैं। गाजा में लगातार आम नागरिकों की मौत और उनकी मानवीय मदद करने वाले विदेशी कर्मचारियों की मौत ने बाइडेन का गुस्सा और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू ने बड़ी गलती कर दी है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की तरफ से इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर पक्ष रखा गया है। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि संघर्ष में मानवीय संकट स्वीकार्य नहीं है।
अमेरिका और दुनिया के कई अन्य देशों के विरोध को दरकिनार कर रफह शहर पर हमले को लेकर इजराइल का रुख साफ है। इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने रफह के अभियान को जरूरी बताया है।
बीते साल अक्टूबर में शुरू हुई इजराइल और हमास के बीच जंग को छह महीने बीते चुके हैं। इजराइल की सैन्य कार्रवाई जारी है। इस बीच इजराइल ने खान यूनुस से अपने सैनिकों को वापस बुलाया है।
गाजा में इजरायली बंधकों की हत्या और आम नागरिकों की मौत से इजरायल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। लंबे समय बाद इजरायल ने साउथ गाजा से अपनी सेना हटा ली है। अब वहां सिर्फ एक टुकड़ी ही रह गई है। इधर ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने मानवीयता के आधार पर युद्ध रोकने की अपील की।
गाजा में हमास आतंकियों ने एक और इजरायली बंधक की हत्या कर दी है। यह हत्या ऐसे वक्त में की गई है, जब आज अमेरिका के प्रयास से युद्ध विराम को लेकर वार्ता होनी है। माना जा रहा है कि हमास ने इजरायल पर बंधकों की रिहाई के लिए युद्ध विराम करने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से ऐसा किया है। मगर इससे इजरायल बौखला गया है।
ब्रिटेन की संयुक्त राष्ट्र राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि सहायता कर्मियों को कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा: "इजरायल को युद्ध पीड़ितों की रक्षा के लिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और भी बहुत कुछ करना चाहिए। ताकि वे तत्काल उन सभी को आवश्यक जीवनरक्षक मानवीय सहायता प्रदान कर सकें।"
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