इजरायल हमास युद्ध के 9 महीने गुजरने को हैं। इस बीच हमास से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद की रिपोर्ट के अनुसार हमास ने उत्तरी गाजा और खान यूनिस में फिर से हमास के नए आतंकियों की फौज तैयार करना शुरू कर दिया है। 18 वर्ष के नए लड़ाकों की हमास ने भर्तियां शुरू कर दी हैं।
दक्षिणी गाजा में लंबे समय बाद इजरायल ने युद्ध विराम की घोषणा की है। हालांकि यह अल्प विराम होगा। इजरायल ने युद्ध विराम की घोषणा ऐसे वक्त में की है, जब दक्षिणी गाजा में हमास के हमले में उसके 8 सैनिक शहीद हो गए हैं। सेना ने कहा कि मानवीय सहायता को रास्ता देने के लिए विराम किया गया है।
इजरायली हमले में पूरी तरह तबाह हो जाने के बाद भी हमास ने अभी हार नहीं मानी है। दक्षिणी गाजा में हमास के खिलाफ अभियान चला रहे इजरायली सैनिकों पर आतंकियों ने बड़ा घातक हमला किया है। हमास के इस हमले में 8 इजरायली सैनिक मारे गए हैं।
इजरायली सेना ने मध्य गाजा में बेहद खतरनाक अभियान चलाते हुए हमास से हुए कई घंटों के युद्ध के बाद 4 इजरायली बंधकों को जिंदा छुड़ा लिया है। इस दौरान इजरायली सेना के हमले में 210 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। साथ ही बड़ी संख्या में हमास आतंकियों के भी मारे जाने की आशंका है।
वाशिंगटन में अमेरिकी नागरिक अधिकार समूह एनएएसीपी ने बाइडेन प्रशासन से इजरायल को गाजा में हमलों के लिए हथियारों की आपूर्ति बंद करने की अपील की है। अमेरिका ने सुरक्षा परिषद का एक संशोधित मसौदा यूएन के सदस्य देशों को दिया है जिसमें कहा गया कि गाजा में स्थायी संघर्षविराम पर इजरायल और हमास को अवश्य राजी होना चाहिए।
इजरायली सेना ने गाजा की मिस्र के साथ लगी सीमा को सीज कर दिया है। यहां के बफर जोन पर सैनिकों ने पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है। यह वही जगह है, जहां से हमास आतंकी मिलिट्री ऑपरेशन चलाने से लेकर मादक पदार्थों की तस्करी तक का काम किया करते थे।
उत्तरी और मध्य गाजा पर शनिवार को भी इजरायली बमबारी जारी रही। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जबालिया और नुसीरात शहरों पर हुए हमलों में लोग मारे गए हैं। फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार युद्ध में 35,000 से अधिक फिलस्तीनी मारे गए हैं।
इजरायली सेना ने हमास के खात्मे के लिए अब रफाह शहर के अंदर तक घुस गई है। बुधवार की पूरी रात इजरायली सेना बमबारी और गोलीबारी करती हुई शहर के अंदर तक टैंकों की गर्जना के साथ पहुंच गई। इस दौरान तमाम इमारतें ध्वस्त हो गई। हालांकि इस दौरान कितने लोग मारे गए, इस बारे में जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, गाजा के रफह शहर में हमले की चपेट में आने से संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाले एक भारतीय कर्मी की मौत हो गई।
रफाह पर हमले के खिलाफ जो बाइडेन के कड़े रुख के बाद भी इजरायल अपनी जिद पर अड़ा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कह दिया है कि हमास के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि हमास के खिलाफ हमें अकेला लड़ना पड़ा तो भी हम तैयार हैं।
इजरायली सेना की ओर से रफाह पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया गया है। अब आइडीएफ के टैंक रफाह में गरजने लगे हैं। अमेरिका को आशंका है कि इजरायल उसकी इच्छा के विपरीत रफाह में हमले कर सकता है। ऐसे में अमेरिका ने इजरायल को दी जाने वाली बमों की बड़ी आपूर्ति रोक दी है।
रफाह पर नियंत्रण के बाद इजरायल ने कहाकि जिस संघर्ष विराम प्रस्ताव पर हमास सहमत हुआ है, वह उसकी "मुख्य मांगों" को पूरा नहीं करता है। उसने हालांकि कहा कि वह बातचीत जारी रखने के लिए मिस्र में एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा। मिस्र के एक अधिकारी ने कहा कि हमास और कतर के प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को काहिरा पहुंचे।
हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया ने कतर के प्रधानमंत्री और मिस्र के खुफिया मामलों के मंत्री को बता दिया है कि वह उनके युद्धविराम प्रस्ताव पर सहमत होने के बारे में जानकारी दी है। हालांकि, इजरायल इस समझौते पर सहमत नहीं है।
हमास के खिलाफ युद्ध में भारत ने जब खुलकर इजरायल का साथ दिया और ईरान-इजरायल का संघर्ष छिड़ने के बाद जब स्वतंत्र कूटनीति दर्शाई तो ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को लगा कि भारत का झुकाव इजरायल की ओर अधिक है। लिहाजा भारत को जवाब देने के लिए उन्होंने अपने दुश्मन पाकिस्तान से दोस्ती कर ली।
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने गाजा को एक और बड़ा जख्म देने की शपथ ले ली है। इससे फिलिस्तीन में दहशत का माहौल है। गाजा को पूरी तरह खंडहर बना देने के बाद इजरायली पीएम ने अब फिलिस्तीनियों को शरण देने वाले रफह शहर को खत्म करने की कसम खाई है।
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आइडीएफ) ने इजरायली सेना पर हमले की बिलकुल तैयारी में बैठे हमास आतंकियों के एक लांचिंग पैड का पता लगाया और रात में लड़ाकू विमान से हवाई हमला कर दिया। इसमें सभी हमास आतंकी मारे गए।
इजरायल और ईरान में किसकी मिलिट्री पॉवर ज्यादा है। यह दोनों देशों के सैन्य उपकरणों के तुलनात्मक अध्ययन से समझा जा सकता है। इजरायल और ईरान फिलहाल युद्ध मोड में हैं। अगर दोनों में भीषण जंग हुई तो सबसे ज्यादा नुकसान किसका हो सकता है, ये मिलिट्री आंकड़े उसे भी आपको समझने में मदद करेंगे।
जी-7 देशों ने इजरायल से अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने को कहा। बयान में कहा गया है कि जी-7 देश रफह में व्यापक सैन्य कार्रवाई का विरोध करते हैं। इटली के विदेश मंत्री एंटोनिया ताजानी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जी-7 ने तनाव घटाने के लिए काम किया है और आगे भी ऐसा करेगा।
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मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है, जहां इजरायल ने कहा है कि सही समय पर ईरान को जवाब देंगे। अब ईरान ने कहा है कि अगर इजरायल एयरस्ट्राइक का जवाब देता है तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे।
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