देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 दिसंबर तक 21.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 15 प्रतिशत अधिक है।
चीनी सत्र 2018-19 (अक्टूबर 2018 से सितंबर 2019) में निर्यात के लिए मिलवार 50 लाख टन चीनी का एमआईक्यूएम कोटा तय किया गया था।
इस सत्र में महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने अब तक गन्ने की पेराई शुरू नहीं की है। इसकी वजह से चीनी उत्पादन में गिरावट आई है।
जुलाई में इस्मा ने अपने प्रारंभिक अनुमान में 2019-20 चीनी वर्ष के लिए 282 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान जारी किया था।
देश में गन्ने का कुल रकबा 2019-20 में लगभग 49.31 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो 2018-19 के कुल रकबे 55.02 लाख हेक्टेयर से लगभग 10 प्रतिशत कम है।
इसकी वजह महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिलों का जल्द परिचालन शुरू करना है।
चालू विपणन वर्ष 2018-19 में देश का चीनी उत्पादन पिछले विपणन वर्ष से कुछ अधिक 321 लाख टन रह सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ISMA के मुताबिक पिछले साल का लगभग 107 लाख टन चीनी का स्टॉक बचा हुआ है और इस साल की खपत 255-260 लाख टन के बीच अनुमानित है
मौजूदा चीनी सीजन 2017-18 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश में रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के बाद अब अगले सीजन 2018-19 में भी नया रिकॉर्ड बन सकता है। देश में चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने 2018-19 सीजन के लिए शुरुआती अनुमान जारी किया है जिसके मुताबिक अगले साल भी उत्पादन का रिकॉर्ड बनेगा।
देश में इस साल चीनी उत्पादन के सारे रिकॉर्ड टूटने जा रहे हैं, चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चालू चीनी वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान कुल चीनी उत्पादन 315-320 लाख टन रह सकता है।
देश में अभी भी करीब 227 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई का काम चला हुआ है। जानकार मान रहे हैं कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सीजन का कुल उत्पादन310-315 लाख टन के बीच रह सकता है
ISMA का कहना है कि चीनी का एक्स मिल भाव घटकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया है जो उसके उत्पादन की लागत से 500-600 रुपए प्रति क्विंटल कम है, यानि हर एक किलो चीनी पर मिलों को 5-6 रुपए का घाटा हो रहा है
चीनी उद्योग के आंकड़ों को देखें तो इस साल देश में चीनी उत्पादन 295 लाख टन तक पहुंच सकता है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा, ज्यादा उत्पादन की वजह से निर्यात को मंजूरी दी गई है
देश में चीनी उत्पादन के इतिहास में कभी भी इतनी ज्यादा चीनी पैदा नहीं हुई है। ISMA के मुताबिक इस साल खपत के मुकाबले देश में 45 लाख टन ज्यादा चीनी पैदा होने जा रही है
फरवरी अंत तक देश में 230.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जो चीनी वर्ष 2016-17 में फरवरी अंत तक हुए उत्पादन से 67.88 लाख टन ज्यादा है
चीनी की कीमतें बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है। हालांकि अभी रिटेल मार्केट में चीनी के दाम पहुंच में ही हैं, मंगलवार को राजधानी दिल्ली में चीनी का रिटेल दाम 37 रुपए, मुंबई में 40 रुपए और कोलकाता में भी 40 रुपए है
देश में चीनी उत्पादन 261 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पहले 251 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान लगाया गया था। पिछले साल देश में 203 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका था
ISMA ने 2017-18 में पूरे सीजन के दौरान उत्पादन 251 लाख टन अनुमानित किया है, पिछला स्टॉक 38.76 लाख टन बचा था और 2 लाख टन आयातित चीनी भी है
15 दिसंबर तक देशभर की चीनी मिलों ने कुल 69.40 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है जबकि पिछले साल इस दौरान देश में 53.46 लाख टन चीनी पैदा हो पायी थी
आंकड़ों के मुताबिक 30 नवंबर तक देशभर में चीनी मिलों ने 39.51 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया है, पिछले साल इस दौरान उत्पादन 27.82 लाख टन दर्ज किया गया था।
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