बीमा नियामक इरडा ने सोमवार को बीमा कंपनियों को मार्च 2022 तक अल्प अवधि के लिये कोविड केंद्रित स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी बेचने और उनके नवीनीकरण की अनुमति दी है।
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम ने एक बयान में कहा कि कंपनी तेजी से बढ़ते एसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यापक योजनाएं शुरू कर रही है ताकि ग्राहकों को ऑफलाइन उपस्थिति से बेहतर सेवा मिल सके।
विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात ताउते और यास के कारण जान-माल को काफी नुकसान हुआ है। चक्रवातों से मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के जिले प्रभावित हुए हैं।
बीमा क्षेत्र नियामक इरडा ने विज्ञापन नियमों का उल्लंघन करने को लेकर पॉलिसी बाजार पर 24 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने यह जुर्माना 15 से 25 जनवरी, 2018 को औचक जांच तथा बीमा कंपनी के नवंबर 2020 में मिले जवाब एवं उसका पक्ष सुनने के बाद लगाया।
नियामक इरडा ने नियामक ने शुक्रवार को बीमा कंपनियों से कोविड-19 टीकाकरण अभियान में शामिल होने और पॉलिसिधारकों के बीच इस बारे में जागरूकता पैदा करने को कहा।
‘आरोग्य संजीवनी’ में न्यूनतम सीमा को कम करके 50 हजार रुपये और अधिकतम सीमा को और बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दिया।
जब आप अपने या अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं तो आपको कई बातों पर ध्यान देना चाहिए
गैर-जीवन बीमा कंपनियों का सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम संग्रह जनवरी में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 18,488.06 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
सभी जनरल व हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को 1 अप्रैल, 2021 से मशक रक्षक (Mashak Rakshak) को उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
दिशा-निर्देशों के मुताबिक, न्यूनतम एन्युटी राशि एक हजार रुपये प्रति माह, तीन हजार रुपये प्रति तिमाही, छह हजार रुपये प्रति छमाही या 12 हजार रुपये सालाना होगी।
समिति ने कहा कि मौजूदा प्रणाली में ग्राहक द्वारा वाहन डीलर से पहली बार वाहन खरीदने पर बीमा प्रीमियम के भुगतान की लागत को लेकर पारदर्शिता नहीं है। ग्राहक को प्रीमियम की जानकारी के साथ साथ कवरेज के अन्य विकल्प और छूट आदि की भी जानकारी नहीं मिल पाती।
आप जितनी बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करेंगे, आपको उतना अधिक प्रीमियम देना होगा।
1 जनवरी 2021 से साल ही नहीं बल्कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी कई सेवाओं के नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है।
पारंपरिक एंडोवमेंट प्लान्स के उलट टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसी अवधि के दौरान आपके जीवित रहने पर कोई रिटर्न नहीं मिलता है। ऐसे में इन टर्म प्लान्स का प्रीमियम बेहद कम होता है।
पॉलिसी शुद्ध रूप से एक सावधि जीवन बीमा योजना होगी। जिसे 18 से 65 वर्ष की उम्र का कोई भी व्यक्ति ले सकेगा और इसकी अवधि चार से 40 साल तक होगी। दिशानिर्दशों के मुताबिक इस बीमा योजना के तहत व्यक्ति पांच लाख से लेकर 25 लाख रुपये तक का बीमा करा सकता है। यह 50,000 रुपये के गुणकों में होगा।
सरकार 1 अक्टूबर 2020 (गुरुवार) से कई नियमों में बदलाव करने जा रही है। इन नियमों के बदलने से आपकी जेब और जीवन पर सीधा असर होगा।
वीडियो आधारित पहचान प्रक्रिया के जरिये खोले जाने वाले सभी खातों या अन्य सेवाओं को बीमा कंपनी को समुचित सत्यापन के बाद ही शुरू करना होगा। सत्यापन की पूरी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होगी
कोरोना की वैक्सीन आने में लगने वाले समय को देखते हुए बीमा पॉलिसी की अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। महामारी को देखते हुए कोरोना कवच नाम से 10 जुलाई को बीमा उत्पाद पेश किश गया था। पॉलिसी की मियाद साढ़े तीन महीने से लेकर साढ़े नौ महीने तक के लिये है। इसमें 5 लाख रुपये तक का बीमा लिया जा सकता है।
नियामक ने बीमा कंपनियों से इन फीचर्स से बीमा की कीमत पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर उसे आवेदन के समय ग्राहक के समक्ष स्पष्ट रूप से उल्लेख करने के लिए कहा है।
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