रूस-यूक्रेन का युद्ध बखमुत में घातक मोड़ पर पहुंच चुका है। यहां रूस की सेना बखमुत पर कब्जे के करीब है। मगर इस दौरान रूसी भाड़े के सैनिक समूह वैगनर के चीफ ने गोला-बारूद खत्म होने को लेकर पुतिन का पत्र लिखा है। गनीमत सिर्फ इतनी है कि यहां लड़ रही यूक्रेनी सेना का भी युद्धक भंडार पूरी तरह खाली हो चुका है।
ईरान की मीडिया ने स्कूलों की संख्या 60 बताई है। कम से कम एक बाल विद्यालय भी प्रभावित हुआ है। ज़हर देने की घटनाओं की शुरुआत पवित्र शहर कोम में नवंबर में हुई थी।
क्या आपने कभी ऐसे स्कूलों के बारे में सुना है, जहां पढ़ने जाने वाली लड़कियों (छात्राओं) को जहर पिलाया जाता है?...आपको यह सवाल सुनकर बेहद अजीब लग रहा होगा, मगर यह सच है। स्कूल जाने वाली लड़कियों को जहर पिलाने वाले एक या दो स्कूलों का मामला नहीं है।
क्या ईरान वाकई परमाणु बम बनाने के करीब पहुंच चुका है?...अमेरिका की खुफिया एजेंसियों समेत कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस बात की चर्चा जोरों पर है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) की भी इस पर नजर है। अमेरिका लंबे समय से ईरान पर परमाणु समझौते का दबाव बना रहा है, लेकिन ईरान पर जानबूझकर इसमें देरी करने का आरोप है।
ईरान की महिलाएं व लड़कियां स्कूली शिक्षा न प्राप्त कर सकें इसके लिए उन्हें जहर दिया जा रहा है। खबरों की मानें तो तेहरान के कोम इलाके में महिलाओं के खाने में जहर मिलाकर दिया गया है ताकि महिलाएं स्कूल न जा सकें।
ईरान के विदेश मंत्री जाहिर तौर पर वह कार्यक्रम के प्रचार से जुड़े एक वीडियो से अप्रसन्न हैं, जिसमें राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की तस्वीर के साथ विरोध कर रही ईरानी महिलाओं की एक छोटी सी क्लिप है। इस मामले पर विदेश मंत्रालय या यहां स्थित ईरानी दूतावास की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
ईरान के राष्ट्रपति की यह यात्रा भारत के लिहाज से चिंताजनक हो सकती है। क्योंकि चीन और ईरान दोनों ही अमेरिकी के विरोधी हैं। वहीं अमेरिका भारत का काफी बड़ा साझेदार है। ऐसे में चीन ईरान का उपयोग भारत के खिलाफ कर सकता है।
जानकारों का इस बारे में कहना है कि इजरायल के इस अटैक का असर रूस तक भी पहुंच सकता है , क्योंकि यूक्रेन पर हमले के लिए रूस जिन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है वह ईरान की इसी ड्रोन फैक्टरी से खरीदता रहा है।
देश के आंतरिक मामलों में यूरोपीय देशों द्वारा दखल किए जाने का आरोप लगाकर ईरान ने जवाबी कार्रवाई की चेतवानी भी दे डाली है। ईरान का कहना है कि यूरोपीय देशों की दखल के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की जा रही है। आंतरिक मामलों में दखल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बयान में बताया गया है कि बाद में ईरान की वायु रक्षा प्रणालियों ने तीनों ड्रोन को मार गिराया। हालांकि, ईरानी रक्षा मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि ड्रोन हमले के पीछे किसका हाथ होने का संदेह है।
ईरान की मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमोत्तर ईरान के खोय शहर में आए 5.9 तीव्रता के भूकंप में अब तक सात लोगों की मौत की खबर है और 440 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
ईरान की राजधानी तेहरान में कलाशनिकोव जैसी राइफल लिए एक व्यक्ति ने शुक्रवार को अज़रबैजान के दूतावास पर हमला कर दिया, जिसमें वहां तैनात सुरक्षा प्रमुख की मौत हो गई, जबकि दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
पूर्व रक्षा अधिकारी को फांसी कब दी गई इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। हालांकि, कहा जा रहा है कि उन्हें कुछ दिन पहले फांसी दी गई। ब्रिटेन की एमआई-6 खुफिया एजेंसी का जासूस होने का सबूत पेश किए बिना ईरान ने अकबरी पर जासूसी का आरोप लगाया था। ईरान ने अकबरी का एक अत्यधिक संपादित वीडियो प्रसारित किया।
दोनों ही देश इलाके में प्रभुत्व स्थापित करने के लिए होड़ में लगे हुए हैं और इसका असर यमन, ईराक और अन्य देशों में देखने को मिलता रहा है।
US Foreign Policy: विदेश नीति में सबसे माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले अमेरिका ने इतिहास की सबसे बड़ी भूल कर दी है। अमेरिका का एक फैसला उसकी अब तक की विदेश नीति की सबसे बड़ी भूल बन चुका है। यह दावा हम नहीं कर रहे, बल्कि एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने किया है।
Iran Again Hanged 3 Protesters: ईरान में खुले आम मानवता का गला घोटा जा रहा है और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाएं भी चुप्पी साधे हैं। सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को ईरान लगातार मौत के घाट उतार रहा है। ताजा मामले में ईरान की सरकार ने फिर 3 प्रदर्शनकारियों को मौत की सजा दी है।
Touching Appeal of Girl Child for Her father: करीब 2 वर्षों से वीजा की दिक्कतों के चलते अफगानिस्तान में फंसे पिता की एक झलक पाने को 9 साल की बेटी बेहाल है। मासूम बच्ची का पिता की याद में रो-रोकर बुरा हाल है। अपने पिता की वापसी के लिए भारत सरकार से अपील करते बच्ची ने कहा कि "हम अपने पापा को बहुत याद करते हैं"।
ईरान के विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार को कहा गया कि उसने फ्रांसीसी राजदूत निकोलस रोशे को तलब किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बहाने फ्रांस को अन्य मुस्लिम देशों और राष्ट्रों की पवित्रता का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है।
बेहमन को 19 अक्टूबर को एक साक्षात्कार के बाद गिरफ्तार किया गया था जो उन्होंने चैनल 13 को दिया था, जिसमें उन्होंने सितंबर में महसा अमिनी की मौत के बाद देश में विरोध प्रदर्शनों के बारे में इस्लामी शासन की आलोचना की थी।
जेलेंस्की ने कहा, ''रूस उसके देश पर ईरान निर्मित ड्रोन के साथ लंबे समय तक हमले की योजना बना रहा है।''
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