पाकिस्तान और ईरान के बीच बीते दिनों तनाव चरम पर पहुंच गया था। अब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पाकिस्तान की यात्रा करने वाले हैं। इजराइल से तनाव के बीच रईसी की इस यात्रा को खासा अहम माना जा रहा है।
ईरान को सबक सिखाने के लिए अमेरिका को एक मौके की तलाश थी। अमेरिका को यह मौका तब मिला जब ईरान ने सीधे इजराइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया। अब अमेरिका ने ईरान को सबक सिखाने की ठान ली है।
पिछले 10 सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने विदेशों में बसे भारतीयों को संकट के समय रेस्क्यू करने के मामले में अभूतपूर्व कुशलता का परिचय दिया है और अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही होने जा रहा है।
ईरान-इजराइल में तनाव के चलते सरकार की ओर से एयरलाइंस को जोखिम का आकलन करने के लिए कहा है। संकट को देखते हुए कुछ एयरलाइंस ने अपने मार्गों में भी बदलाव किया है।
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है, जहां इजरायल ने कहा है कि सही समय पर ईरान को जवाब देंगे। अब ईरान ने कहा है कि अगर इजरायल एयरस्ट्राइक का जवाब देता है तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे।
ईरान ने एक जहाज पर कब्जा किया है जिसमें चालक दल के 17 भारतीय सदस्य भी मौजूद हैं। इस मसले पर भारत ने ईरान से बात की है जिसे लेकर ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने बड़ी बात कही है।
इजराइल पर ईरान की तरफ से किए गए हमलों के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन एक्शन मोड में आ गए हैं। ब्लिंकन ने सऊदी अरब समेत कई देशों के नेताओं से बातचीत की है।
ईरान की तरफ से इजराइल पर किए गए हमलों को नाकाम करने में अमेरिका ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। अमेरिका ने ईरान की मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही नष्ट कर दिया है।
बदले की आग में जल रहे ईरान ने इजराइल पर हमला कर दिया है। ईरान के इस कदम ने दुनियाभर के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। ईरान के हमलें को लेकर G7 देशों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से ताबड़तोड़ हमला किया, जिसके बाद इजरायल ने चेतावनी दी है और कहा है कि सही समय आने पर ईरान से सटीक कीमत वसूलेंगे। जानें अबतक क्या हुआ?
ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल से हमला कर दिया, जिसके बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने इजरायल को चेतावनी दी है कि जवाबी कार्रवाई के बारे में सावधानीपूर्वक सोचे।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी है कि 17 भारतीयों कि रिहाई को लेकर उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री से बात की है। साथ ही क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव को लेकर भी चर्चा की। बता दें कि 13 अप्रैल को ईरान ने एमएससी एरीज जहाज पर कब्जा कर लिया था, जिसपर 17 भारतीय भी सवार थे।
ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक घातक ड्रोन और विध्वंसक मिसाइलों से हमला किया, लेकिन इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आइडीएफ) के एरो डिफेंस तकनीकि ने उनमें से 99 फीसद को हवा में ही ढेर कर दिया। इससे ईरान के साथ दुनिया के बाकी देश भी हैरान हैं।
इजरायल ने ईरान से आज तड़के अपने देश पर हुए हमले के बदले का ऐलान कर दिया है। बता दें कि ईरान ने इजरायल पर भीषण ड्रोन और मिसाइल अटैक आज किया, लेकिन इस दौरान 99 ईरानी ड्रोन हमले को आइडीएफ ने विफल कर दिया।
इजरायल ने ईरान को बदले की कार्रवाई का संकेत दे दिया है। एक पोस्ट में इजरायल ने लिखा है कि वह बदला लेगा। इजरायल ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसकी लड़ाई ईरान से है, उसके देश के लोगों से नहीं।
ईरान ने 13 अप्रैल को यानि एक दिन पहले जिस इजरायली जहाज को हॉर्मुज जलडमरूमध्य के पास हमला करके अपने कब्जे में लिया है, उसमें 17 भारतीय सवार भी हैं। ऐसे में विदेश मंत्रालय ने ईरानी अधिकारियों से संपर्क साध कर भारतीयों की रिहाई का प्रयास तेज कर दिया है।
इजरायल पर ईरान के हमले ने दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका को बहुत बढ़ा दिया है। इससे पूरे मध्य-पूर्व एशिया में जंग छिड़ने का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा है कि दुनिया अब एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती।
इजरायल पर ईरान के हमले ने तीसरे विश्व युद्ध का खतरा और बढ़ा दिया है। अब इसमें मध्य-पूर्व के अलावा यूरोप और एशिया के कई देशों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष एंट्री की आशंका है। ईरान के साथ ही सीरिया, लेबनान और इराक के ईरानी हमदर्दों ने भी इजरायल के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला कर दिया है। ऐसे में इजरायल पलटवार जरूर करेगा।
बाइडेन ने इजरायल पर ईरानी हमले की निंदा करने के साथ ही अपने नेताओं के साथ आपातकालीन बैठक की और इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की। उन्होंने इजरायल का समर्थन करने की बात दोहराई। साथ ही आगे की स्थिति पर नजर रखने और हालात को काबू में रखने के लिए जी-7 देशों की बैठक बुलाई है।
Iran Israel tension: भारत ने ईरान और इजरायल से संयम बरतने की अपील की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है।
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