ईरान ने एक अक्टूबर को इजरायल पर लगभग 180 मिसाइलें दागी थीं। इसके बाद इजरायल की तरफ से कहा गया था कि ईरान को इस हमले की कीमत चुकानी होगी और अब इजरायल की तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई है।
ईरान ने हिजबुल्लाह का बदला लेने के लिए 01 अक्टूबर को इजरायल पर हमला बोलते हुए करीब 180 मिसाइलें दागीं थीं जिसके बाद अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है।
संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी निकाय की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान ने अपने संवर्धित यूरेनियम भंडार को हथियार बनाने के लेवल तक पहुंचा लिया है।
ईरान ने इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख डेविड बार्निया के हालिया बयानों पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर तेल अवीव की तरफ से किसी भी तरह का खतरा पेश किया गया तो उनका देश करारा जवाब देगा।
Iran Nuclear Deal: ईरानी राष्ट्रपति रायसी ने ऐसे वक्त पर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया है, जब परमाणु समझौते को लेकर बातचीत निर्णायक चरण में पहुंच गई है। रायसी ने कहा, 'हमारी एक ही इच्छा है कि प्रतिबद्धाताओं का पालन किया जाए।'
Iran America Fight: तेहरान के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी मामलों के प्रमुख तवाकोल हबीबज़ादेह ने सोमवार को 14-न्यायाधीशों के पैनल से कहा, 'संधि द्वारा गारंटीकृत नौवहन और वाणिज्य की स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन किया गया है।'
ईरान ने भी मांग की कि अमेरिका गारंटी दे कि वह समझौते से फिर बाहर नहीं जाएगा और उसके अर्धसैनिक बल रिवल्यूशनरी गार्ड पर आतंकवाद को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लेगा।
वैश्विक तेल बाजार में आज से नई हलचल का दौर शुरू हो गया है। सोमवार से ईरान के तेल और वित्तीय क्षेत्र के लिए अब तक के सबसे कड़े अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो गए हैं।
भारत की रिफाइनरी कंपनियों को अगले माह के दौरान ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाना चाहिए या पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ का कहना है कि अमेरिका, ईरान पर प्रतिबंध लगाने का आदी है। जरीफ ने सीएनएन को दिए साक्षात्कार में यह बात कही।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल ईरान भारत को तेल निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
अमेरिका ऐसे देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, जो ईरान से अपना तेल आयात कम कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत और तुर्की जैसे देशों को छूट नहीं देगा, क्योंकि इससे तेहरान पर लगे प्रतिबंधों पर दबाव कम हो सकता है।
कर्नाटक चुनाव की वजह से देश में 2 हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है
ईरान से प्रतिबंध हटने के बाद भारी गिरावट का सामना कर रहे क्रूड ऑयल बाजार में कोहराम मच गया है। सोमवार को क्रूड ऑयल की कीमत 29 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गई।
ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंध को अमेरिका ने खत्म कर दिया है। इससे क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और गहरा सकती है। परमाणु कार्यक्रम के चलते प्रतिबंध लगा था।
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