गाला प्रिसिज़न इंजीनियरिंग आईपीओ और जेय्यम ग्लोबल फूड्स आईपीओ की बोली आज से ही ओपन है। अगर आप आईपीओ में हाथ आजमाने का इरादा रखते हैं तो आपको अपने बैंक अकाउंट में पैसे तैयार कर लेने चाहिए।
शेयर बिक्री भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों का पालन करने के लिए की जा रही है। इसके तहत ऊपरी स्तर की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सितंबर 2025 तक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होना जरूरी है।
IPO Next Week : Mach Conferences and Events का आईपीओ 125.28 करोड़ रुपये के इस आईपीओ में सब्सक्रिप्शन 4 सितंबर को खुलेगा और 6 सितंबर को बंद होगा।
प्रीमियर एनर्जीज के 2,830 करोड़ रुपये के आईपीओ को 74.14 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन मिला था निवेशकों ने ऑफर किए गए 4.46 करोड़ शेयरों के मुकाबले 330.98 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई।
शेयर बाजारों के SME प्लेटफॉर्म को साल 2012 में शुरू किया गया था। तब से, SME इश्यू की संख्या में वृद्धि हुई है और साथ ही ऐसे प्रस्तावों में निवेशकों की भागीदारी भी बढ़ी है।
इकोस (इंडिया) मोबिलिटी एंड हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड ने मंगलवार को कहा कि उसने एंकर निवेशकों से 180. 36 करोड़ रुपये जुटाए हैं। दिल्ली स्थित यह कंपनी 25 से अधिक वर्षों से कॉर्पोरेट ग्राहकों को किराए पर कार (सीसीआर) और कर्मचारी परिवहन सेवाएं (ईटीएस) प्रदान कर रही है।
इकोस इंडिया मॉबिलिटी एंड हॉस्पिटैलिटी ने अपने आईपीओ के तहत प्रत्येक शेयर के लिए 318 रुपये से 334 रुपये का प्राइस रेंज फिक्स किया है। ये एक मेनबोर्ड आईपीओ है, जिसके लिए रिटेल निवेशकों को कम से कम 14,696 रुपये का निवेश करना होगा।
मार्केट कैप के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की आज 47वीं वार्षिक आम बैठक शुरू हो चुकी है। देश के सबसे धनी व्यक्ति और कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कंपनी के 35 लाख से ज्यादा शेयरहोल्डरों को संबोधित कर रहे हैं।
शेयर बाजार में लिस्ट होने के तुरंत बाद शेयरों के भाव में बड़ी गिरावट देखने को मिली और ये 117 रुपये से 111.15 रुपये पर आ गया। हालांकि, कुछ ही देर बाद शेयरों में हुई तेज खरीदारी की वजह से ये 5 प्रतिशत की तेजी के साथ 122.85 रुपये के भाव पर पहुंच गया।
बीएसई पर लिस्टिंग के तुरंत बाद कंपनी के शेयर ने 5 प्रतिशत का अपर सर्किट लगा दिया। शेयर का भाव लिस्टिंग प्राइस से भी 4.98 प्रतिशत (इश्यू प्राइस से 47.79 प्रतिशत) बढ़कर 304.45 रुपये पर पहुंच गया।
यह कंपनी का सार्वजनिक होने का दूसरा प्रयास है। इससे पहले उसने 2022 में सेबी के समक्ष दस्तावेज दाखिल किए थे और उसे आईपीओ के लिए मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, इसके बाद कंपनी ने अपना आईपीओ जारी नहीं किया था।
कंपनी के आईपीओ को निवेशकों का इतना जबरदस्त सपोर्ट मिला, जिसकी शायद कल्पना भी नहीं की गई होगी। दिल्ली में यामाहा मोटरसाइकिल के 2 शोरूम चलाने वाली इस कंपनी के पास कुल 8 कर्मचारी हैं।
अगर आप बाजार पर थोड़ी बहुत भी नजर रखते होंगे तो आपको पेटीएम के आईपीओ के बारे में अच्छी तरह से मालूम होगा कि इसमें पैसा लगाने वाले निवेशकों का उस समय क्या हाल हुआ था। इतना ही नहीं, आज के मौजूदा समय में तो कंपनी के निवेशक एक तरह से बर्बाद ही हो चुके हैं।
कंपनी ने 5 रुपये की फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर के लिए 370 रुपये से 389 रुपये का प्राइस रेंज फिक्स किया है। रिटेल निवेशकों को एक लॉट में 38 शेयर दिए जाएंगे और इसके लिए उन्हें कम से कम 14,782 रुपये का निवेश करना होगा।
कंपनी के आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त सपोर्ट मिला था, लिहाजा इस आईपीओ को कुल 93.46 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। इंटरार्च बिल्डिंग प्रोडक्ट का आईपीओ 200 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर और 44,47,630 शेयर के ओएफएस का कॉम्बिनेशन था।
प्रीमियर एनर्जीज़ ने अपने आईपीओ के तहत प्रत्येक शेयर के लिए 427 रुपये से 450 रुपये का प्राइस बैंड फिक्स किया है। बताते चलें कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए प्रत्येक शेयर पर 22 रुपये के डिस्काउंट का ऐलान किया है।
IPO Next Week : अगले हफ्ते 2 मैनबोर्ड और 6 एसएमई आईपीओ लॉन्च होंगे। ग्रे मार्केट में Indian Phosphate का शेयर 99 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले 90 रुपये के प्रीमियम (90.91%) पर ट्रेड करता दिखा है।
Hero Motors IPO : हीरो मोटर्स के ग्राहकों में बीएमडबल्यू, दुकाती मोटर होल्डिंग्स एसपीए, फॉर्मूला मोटर्सस्पोर्ट आदि हैं। कंपनी अपनी सर्विसेज टू-व्हीलर्स, ई-बाइक्स, ऑफ रोड व्हीकल्स इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड कार, हैवी ड्यूटी व्हीकल्स आदि के लिये देती है।
30 जून, 2024 तक ओरिएंट टेक्नोलॉजीज की ऑर्डर बुक 101.20 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2024 के दौरान परिचालन से राजस्व पिछले वर्ष के 535.10 करोड़ रुपये से बढ़कर 602.89 करोड़ रुपये हो गया और टैक्स के बाद लाभ 38.30 करोड़ रुपये से बढ़कर 41.45 करोड़ रुपये हो गया।
आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल आईजीआई बेल्जियम ग्रुप और आईजीआई नीदरलैंड ग्रुप के अधिग्रहण के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, कुछ पैसों का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट कामों के लिए किया जाएगा।
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