एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को QIB कैटेगरी के लिए रिजर्व किए गए 8,69,23,475 शेयरों में से सिर्फ 3,496 शेयरों के लिए ही आवेदन आए। NII कैटेगरी का भी ऐसा ही हाल रहा।
हैदराबाद स्थित साई लाइफ साइंसेज के प्रस्तावित आईपीओ में 800 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और प्रोमोटर, निवेशक शेयरधारकों और अन्य शेयरधारकों द्वारा 6.15 करोड़ शेयरों का ओएफएस शामिल है।
21 अक्टूबर को खुला और 23 अक्टूबर को बंद हुए वारी एनर्जीज़ के आईपीओ के तहत निवेशकों को सिर्फ 1503 रुपये के भाव पर शेयर अलॉट किए गए थे। 28 अक्टूबर को कंपनी के शेयर 66.3 प्रतिशत के जबरदस्त प्रीमियम के साथ 2500 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए थे।
स्विगी ने अपने आईपीओ के तहत QIB के लिए 75 प्रतिशत, रिटेल निवेशकों के लिए 10 प्रतिशत और NII के लिए 15 प्रतिशत कोटा रिजर्व किया है। 8 नवंबर को आईपीओ बंद होने के बाद सोमवार, 11 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा।
मुकेश अंबानी ने साल 2019 में कहा था कि रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल अगले 5 साल में शेयर बाजार में लिस्ट होने के लिए कदम बढ़ाएंगे। हालांकि, उसके बाद मुकेश अंबानी की तरफ से दोनों कंपनियों के आईपीओ लॉन्च को लेकर ऑफिशियली कोई अपडेट नहीं आया है।
2008 में स्थापित, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी बूपा ग्रुप और फेटल टोन एलएलपी के बीच एक संयुक्त उद्यम है जो स्वास्थ्य क्षेत्र में बीमा प्रदान करता है। यह अपने निवा बूपा हेल्थ मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट के माध्यम से ग्राहकों को एक व्यापक हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान करता है।
ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी ने अपने आईपीओ के तहत प्रत्येक शेयर के लिए 371 रुपये से 390 रुपये का प्राइस बैंड फिक्स किया है। आईपीओ के लिए अप्लाई करने वाले कंपनी के कर्मचारियों को प्रत्येक शेयर पर 25 रुपये की छूट दी जाएगी।
निवेशकों के फीके रिस्पॉन्स की वजह से ग्रे मार्केट भी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों को लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। शनिवार, 2 नवंबर को ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयरों का प्रीमियम नेगेटिव में चला गया है।
इसी महीने एचडीएफसी बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी अनुषंगी कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज से संबंधित 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) सहित 12,500 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री को मंजूरी दी थी।
स्विगी आईपीओ में कर्मचारियों के लिए 750,000 इक्विटी शेयर रिजर्व हैं। कंपनी मंगलवार, 12 नवंबर को रिफंड शुरू करेगी, जबकि रिफंड के बाद उसी दिन शेयर आवंटियों के डीमैट खाते में जमा कर दिए जाएंगे।
कंपनी के आईपीओ को निवेशकों से बहुत ही फीका सपोर्ट मिल रहा है। शुरुआती दो दिनों में इस आईपीओ को सिर्फ 0.36 गुना सब्सक्रिप्शन ही मिला है। यानी ये आईपीओ अभी आधा भी सब्सक्राइब नहीं हुआ है।
कंपनी के 11,300 करोड़ रुपये के आईपीओ में ताजा निर्गम की हिस्सेदारी 4,500 करोड़ रुपये है, जबकि 6,800 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) की जाएगी।
आईपीओ के जरिये एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी 10,000 करोड़ रुपये और अवांसे फाइनेंशियल सर्विसेज 3,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं। दस्तावेजों के मुताबिक, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ पूरी तरह से नए शेयरों का निर्गम है।
रीन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी कंपनी के आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त सपोर्ट देखने को मिला था। 4321.44 रुपये के इश्यू साइज वाले इस आईपीओ को कुल 76.44 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था।
एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने अपने आईपीओ में QIB कैटेगरी के लिए 50 प्रतिशत, रिटेल इंवेस्टर्स के लिए 35 प्रतिशत और NII के लिए 15 प्रतिशत कोटा रिजर्व रखा है। जो रिटेल इंवेस्टर्स इस आईपीओ के लिए सब्सक्राइब करना चाहते हैं, उन्हें कम से कम 14,816 रुपये का निवेश करना होगा।
ये एक मेनबोर्ड आईपीओ है, जो दोनों प्रमुख एक्सचेंजों बीएसई और एनएसई पर लिस्ट होगा। आज शेयरों के अलॉटमेंट के बाद शुक्रवार, 25 अक्टूबर को निवेशकों के डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट कर दिए जाएंगे।
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पूरी तरह से प्रवर्तक हुंडई मोटर कंपनी (एचएमसी) द्वारा 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश (ओएफएस) थी, जिसमें कोई नया निर्गम घटक नहीं था।
निवेशकों को लिस्टिंग में झटका देने के बाद हुंडई मोटर इंडिया के शेयरों का भाव यहीं नहीं रुका और इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है।
निवेशकों के बेहद फीके रिस्पॉन्स की वजह से ही ग्रे मार्केट में भी हुंडई मोटर इंडिया के शेयरों को कोई पूछने वाला नहीं था। पिछले हफ्ते शुक्रवार को हुंडई मोटर इंडिया का जीएमपी प्राइस पहली बार नेगेटिव में पहुंच गया।
वारी एनर्जी अपने इस आईपीओ के तहत 3,600.00 करोड़ रुपये के 2,39,52,095 नए शेयर जारी करेगी। जबकि कंपनी के प्रोमोटर्स 721.44 करोड़ रुपये के 48,00,000 शेयर ओएफएस के जरिए जारी करेंगे।
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