आईपीओ में 64,99,800 इक्विटी शेयरों का ताजा निर्गम और 35,01,000 इक्विटी शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव है। इस ऑफर के लिए कीमत सीमा (प्राइस बैंड) 152-160 रुपये प्रति शेयर है।
ब्रेनबीज़ सॉल्यूशन्स ने अपने आईपीओ के तहत निवेशकों को 465 रुपये के भाव पर शेयरों का अलॉटमेंट किया था। जबकि मंगलवार को स्टॉक मार्केट में कंपनी के शेयर 40 प्रतिशत के प्रीमियम के साथ 651 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए। यानी लिस्टिंग होते ही निवेशकों को प्रत्येक शेयर पर 186 रुपये का प्रॉफिट हो गया।
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार में अधिकांश कंपनियों का वैल्यूएशन हाई है। यानी स्टॉक का भाव रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा हुआ है। इसके चलते निवेशक प्राइमरी मार्केट में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं।
कंपनी आईपीओ से जुटाई राशि का उपयोग कार्यशील पूंजी जरूरतों और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए करने का प्रस्ताव करती है। कंपनी के इक्विटी शेयर बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध होने की उम्मीद है।
एम्बिट और एक्सिस कैपिटल इंटरआर्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं, जबकि लिंक इनटाइम इंडिया इस इश्यू के लिए रजिस्ट्रार है। कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई दोनों पर सूचीबद्ध होंगे।
ब्रेनबीज सॉल्यूशंस के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को बोली के अंतिम दिन गत बृहस्पतिवार को भी 12.22 गुना अभिदान मिला था। कंपनी के 4,194 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 440-465 रुपये प्रति शेयर था।
सरस्वती साड़ी डिपो आईपीओ का मूल्य बैंड ₹152 से ₹160 प्रति शेयर निर्धारित किया गया है। आवेदन के लिए न्यूनतम लॉट साइज 90 शेयर है। खुदरा निवेशकों के लिए निवेश की न्यूनतम राशि ₹14,400 है।
बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक बाजार में लिस्टिंग होने के साथ ही निवेशक एफकॉम होल्डिंग्स के शेयर खरीदने के लिए टूट पड़े। कुछ ही देर में कंपनी के शेयरों में 5 प्रतिशत का अपर सर्किट लग गया और कंपनी के शेयर अपने लिस्टिंग वाले दिन ही 215.45 रुपये के भाव पर पहुंच गए।
38 साल के भाविश अग्रवाल के पास कंपनी की लिस्टिंग के समय ओला इलेक्ट्रिक के 1,36,18,75,240 शेयर (36.94 प्रतिशत हिस्सेदारी) थे। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, भाविश की नेट वर्थ में 1.4 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है।
इस कंपनी के आईपीओ को तीन दिनों की बोली के आखिरी दिन कुल मिलाकर 303.03 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। निवेशकों ने 45.86 लाख शेयरों के मुकाबले 138.98 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई।
ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 2 अगस्त को खुला था और 6 अगस्त को बंद हुआ था। कंपनी के आईपीओ को कुल 4.5 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। आज कंपनी की शेयर बाजार में लिस्टिंग हो गई।
2 अगस्त को खुला ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 6 अगस्त को बंद हो गया था। कंपनी के आईपीओ को निवेशकों का बहुत अच्छा समर्थन नहीं मिला।
यह इश्यू पूरी तरह से 2.56 करोड़ इक्विटी शेयरों की पेशकश-बिक्री (ओएफएस) है, जिसकी कीमत बैंड के ऊपरी छोर पर 276.6 करोड़ रुपये है। इसलिए, पूरी आय बेचने वाले शेयरधारकों को जाएगी।
ओला इलेक्ट्रिक शेयर की अनुमानित लिस्टिंग कीमत ₹78.5 प्रति शेयर बताई गई, जो कि ₹76 के आईपीओ मूल्य से 3.29% अधिक है। ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के ₹6,145 करोड़ के आरंभिक सार्वजनिक निर्मगप्रस्ताव को सोमवार को बोली के दूसरे दिन पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया था।
एक के बाद एक आईपीओ बाजार में आ रहे हैं। हालांकि, कई आईपीओ निवेशकों को निराश भी कर रहे हैं। अगर आप आईपीओ में निवेश करने जा रहे हैं तो कंपनी के बारे में अच्छी से जानकारी जरूर लें।
आईपीओ लाने की मंजूरी पाने वाली कंपनियों में बाजार स्टाइल रिटेल, डिफ्यूजन इंजीनियर्स लिमिटेड और दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स इंडिया भी शामिल हैं। इन कंपनियों के आईपीओ में पैसे लगाने के शानदार मौके होंगे।
अकम्स ड्रग की स्थापना 2004 में एक फार्मास्युटिकल कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन ऑर्गनाइजेशन (सीडीओ) के रूप में की गई थी।
ब्रेनबीज सॉल्यूशन्स का आईपीओ अगले हफ्ते 6 अगस्त को खुल रहा है। ब्रेनबीज सॉल्यूशन्स, फर्स्टक्राई की पैरेंट कंपनी है।
ओएफएस के तहत कंपनी के संस्थापक भाविश अग्रवाल लगभग 3.8 करोड़ शेयरों की पेशकश करेंगे। इस आईपीओ के तहत 5,500 करोड़ रुपये तक के नए इक्विटी शेयर जारी किए जा रहे हैं।
सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि अभी आईपीओ की प्रक्रिया काफी मुश्किल है। इसे आसान करने के लिए सेबी एक नए मॉडल पर काम कर रहा है।
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