सरकार के मुताबिक एफडीआई इक्विटी प्रवाह चालू वित्त वर्ष के पहले आठ में 43.85 अरब डॉलर रहा है। यह किसी वित्त वर्ष के पहले आठ माह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। पिछले वित्त 2019-20 के पहले आठ की तुलना में यह 37 प्रतिशत अधिक है।
जिन क्षेत्रों में अधिकतम विदेशी पूंजी प्रवाह आया, उसमें कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेवाएं, व्यापार, रसायन और वाहन शामिल हैं। देश में सर्वाधिक निवेश सिंगापुर, अमेरिका, मॉरीशस, नीदरलैंड, ब्रिटेन, फ्रांस और जापान से आया।
निवेश यदि मुनाफेमंद न हो तो उसका कोई मतलब नहीं रह जाता। ऐसे में पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स कई दशकों से आम लोगों की पहली पसंद बनी हुई हैं।
विदेशी कंपनियों के साथ-साथ 29 घरेलू कंपनियो ने 37 हजार 144 करोड़ रुपए के निवेश का करार किया है। 28 विदेशी कंपनियो में कनाडा की दो, जर्मनी की चार, हांगकांग की एक, जापान की सात, सिंगापुर की दो, यूनाईटेड किंगडम की तीन, यूएसए की पांच और कोरिया की चार कंपनियां हैं।
उत्तर प्रदेश में 10 देशों की कंपनियों ने 45 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। इन देशों में जापान, जर्मनी और अमेरिका शामिल हैं। वहीं एप्पल के सप्लायर ने भारत में 15 करोड़ डॉलर के निवेश को मंजूरी दे दी है।
पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश अक्टूबर में बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अगस्त, 2019 के बाद पी-नोट्स के जरिये निवेश का यह सबसे ऊंचा स्तर है। अगस्त 2019 में विदेशी निवेशको के जरिए पी-नोट्स से निवेश का आंकड़ा 79,088 करोड़ रुपये रहा था।
एलआईसी के मुताबिक, इस प्लान को 13 साल से लेकर 50 साल तक का कोई व्यक्ति ले सकता है। इस प्लान में हर पाचवें साल में यानी 5वें साल, 10वें साल, 15वें साल, 20वें साल पर 15-20 फीसदी मनी बैक मिलेगा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने इक्विटी में सकल आधार पर 6,564 करोड़ रुपये और डेट सेग्मेंट में 1,817 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस तरह 2-6 नवंबर के बीच कुल 8,381 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
इससे पहले पीआईएफ ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल सर्विस सब्सिडियरी जियो प्लेटफार्म्स में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी।
हीरानंदानी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में डाटा सेंटर बनाने में 750 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
आईआईडीसी ने बताया कि पिछले 6 महीने में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने निवेश परियोजनाओं के लिए लगभग 426 एकड़ (326 भूखण्ड) आवंटित किए हैं। जिसमें लगभग 6,700 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और लगभग 1,35,362 रोजगार के अवसरों के सृजन की सम्भावना है।
आंकड़ों के अनुसार एक से 23 अक्टूबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 15,642 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस दौरान ऋण या बांड बाजार में उन्होंने 2,107 करोड़ रुपये डाले। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 17,749 करोड़ रुपये रहा। सितंबर में एफपीआई ने 3,419 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी।
सरकार ने तेल एवं गैस की खोज को तेज करने तथा घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये 2018 में ओएएलपी के तहत पहले दौर की नीलामी शुरू की थी। इसके तहत खोज करने वाली कंपनियों को क्षेत्र चुनने की सुविधा मिलती है। गुरुवार तक 5 दौर की बोलियों पर फैसला किया जा चुका है।
ढांचागत परियोजनाओं का विस्तार करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक सरकारी कार्यबल ने पांच साल की अवधि में ऐसी परियोजनाओं में कुल मिलाकर 111 लाख करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान लगाया है।
अप्रैल से अगस्त के बीच भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का कुल प्रवाह बढ़त के साथ 35.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। ये किसी भी वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों के दौरान आया सबसे बड़ा एफडीआई प्रवाह है।
अगस्त में पी-नोट्स के जरिये निवेश का आंकड़ा 74,027 करोड़ रुपये के दस माह के उच्चस्तर पर पहुंचा था। जुलाई में पी-नोट्स के जरिये निवेश 63,228 करोड़ रुपये, जून में 62,138 करोड़ रुपये, मई में 60,027 करोड़ रुपये और अप्रैल में 57,100 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अपने नए ग्रीनफील्ड स्नैक्स संयंत्र में अपना निवेश 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर लगभग 814 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1,500 नौकरी पैदा हुई हैं।
यह लगातार तीसरा महीना रहा जब इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं से निवेशकों ने अपने पैसे निकाले हैं। इक्विटी खंड में सर्वाधिक प्रभावित मल्टी कैप फंड रहा। इसमें से 1,114 करोड़ रुपये की निकासी की गयी। उसके बाद लार्ज कैप योजनाओं में से 576 करोड़ रुपये निकाले गये।
रिलायंस रिटेल में ADIA के इस निवेश के बाद रिलायंस रिटेल का कुल बाजार मूल्य 4.28 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। ADIA से पहले सिल्वर लेक, KKR, जनरल अटलांटिक, मुबादाला, जीआईसी और टीपीजी जैसे फंड और कंपनियो ने भी रिलायंस रिटेल में निवेश किया है।
एफपीआई ने एक से 25 सितंबर के दौरान शेयरों से शुद्ध रूप से 4,016 करोड़ रुपये निकाले। इस दौरान उन्होंने बांड मार्केट में 3,540 करोड़ रुपये का निवेश किया है। । एफपीआई ने जून से अगस्त के बीत लगातार तीन महीने बाजार से निवेश किया है।
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