आंकड़ों के अनुसार एक से 23 अक्टूबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 15,642 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस दौरान ऋण या बांड बाजार में उन्होंने 2,107 करोड़ रुपये डाले। इस तरह उनका शुद्ध निवेश 17,749 करोड़ रुपये रहा। सितंबर में एफपीआई ने 3,419 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी।
सरकार ने तेल एवं गैस की खोज को तेज करने तथा घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये 2018 में ओएएलपी के तहत पहले दौर की नीलामी शुरू की थी। इसके तहत खोज करने वाली कंपनियों को क्षेत्र चुनने की सुविधा मिलती है। गुरुवार तक 5 दौर की बोलियों पर फैसला किया जा चुका है।
ढांचागत परियोजनाओं का विस्तार करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक सरकारी कार्यबल ने पांच साल की अवधि में ऐसी परियोजनाओं में कुल मिलाकर 111 लाख करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान लगाया है।
अप्रैल से अगस्त के बीच भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का कुल प्रवाह बढ़त के साथ 35.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। ये किसी भी वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों के दौरान आया सबसे बड़ा एफडीआई प्रवाह है।
अगस्त में पी-नोट्स के जरिये निवेश का आंकड़ा 74,027 करोड़ रुपये के दस माह के उच्चस्तर पर पहुंचा था। जुलाई में पी-नोट्स के जरिये निवेश 63,228 करोड़ रुपये, जून में 62,138 करोड़ रुपये, मई में 60,027 करोड़ रुपये और अप्रैल में 57,100 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अपने नए ग्रीनफील्ड स्नैक्स संयंत्र में अपना निवेश 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर लगभग 814 करोड़ रुपये कर दिया है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1,500 नौकरी पैदा हुई हैं।
यह लगातार तीसरा महीना रहा जब इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं से निवेशकों ने अपने पैसे निकाले हैं। इक्विटी खंड में सर्वाधिक प्रभावित मल्टी कैप फंड रहा। इसमें से 1,114 करोड़ रुपये की निकासी की गयी। उसके बाद लार्ज कैप योजनाओं में से 576 करोड़ रुपये निकाले गये।
रिलायंस रिटेल में ADIA के इस निवेश के बाद रिलायंस रिटेल का कुल बाजार मूल्य 4.28 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। ADIA से पहले सिल्वर लेक, KKR, जनरल अटलांटिक, मुबादाला, जीआईसी और टीपीजी जैसे फंड और कंपनियो ने भी रिलायंस रिटेल में निवेश किया है।
एफपीआई ने एक से 25 सितंबर के दौरान शेयरों से शुद्ध रूप से 4,016 करोड़ रुपये निकाले। इस दौरान उन्होंने बांड मार्केट में 3,540 करोड़ रुपये का निवेश किया है। । एफपीआई ने जून से अगस्त के बीत लगातार तीन महीने बाजार से निवेश किया है।
निवेशक बाजार में हमेशा मल्टीबैगर की तलाश में रहते हैं, ऐसे स्टॉक्स निवेशकों को उनके निवेश के मुकाबले कई गुना ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं। हालांकि बाजार की अनिश्चिता के बीच जरूरी होता है कि निवेशक संभल कर निवेश करें
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर में अब तक भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 3,944 करोड़ रुपये डाले हैं।
कंपनी अभी भी बाजार में 28,000 करोड़ रुपये के साथ शुद्ध निवेशक बनी हुई है। वहीं कंपनी को इस साल अगस्त तक बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण प्रीमियम से 87,300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
एफपीआई ने एक सितंबर से 11 सितंबर के दौरान शेयर बाजार से शुद्ध रूप से 3,510 करोड़ रुपये की निकासी की जबकि बांड में 1,472 करोड़ रुपये निवेश किये।
निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास ढेरों पैसे होने चाहिए। आप हर महीने 500 या 1000 रुपए के साथ भी निवेश कर अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
अमेजन के द्वारा 20 अरब डॉलर के निवेश से जुड़ी खबरों के बाद RILके स्टॉक में तेजी देखने को मिली और स्टॉक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। आज के कारोबार में RIL 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ बंद हुआ । वहीं बढ़त के बाद कंपनी का बाजार मूल्य 200 अरब डॉलर को पार कर गया।
गैर-संस्थागत निवेशकों का हिस्सा 351 गुना और खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों का हिस्सा 71 गुना सब्स्क्राइब हुआ। सोमवार को खुले इस आईपीओ के लिये इश्यू प्राइज 165-166 रुपये प्रति शेयर रखा गया था। आईपीओ से पहले कंपनी ने 25 एंकर इनवेस्टर से 316 करोड़ रुपये जुटाए।
कंपनी अगले दो साल में विभिन्न राज्यों में डेयरी संयंत्र स्थापित करने पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। नए संयंत्र स्थापित करने पर 400 से 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा
पिछले 3 महीनों से एफपीआई भारतीय बाजारों में बढ़ा रहे हैं निवेश
मार्च के अंत में पी-नोट्स निवेश 15 साल के निचले स्तर 48,006 करोड़ रुपए पर आ गया था। मार्च अंत का यह आंकड़ा अक्टूबर, 2004 के बाद से निवेश का सबसे निचला स्तर था
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