जिस प्रकार पूजा की थाली इन सभी वस्तुओं के बिना अधूरी है, उसी तरह एक पोर्टफोलियो को संतुलित करने और लंबी अवधि में हाई रिटर्न हासिल करने के लिए एसेट क्लास के मिश्रण की जरूरत होती है।
पीएम मोदी ने जर्मन कंपनियों को निवेश के लिए उत्साहित करते कहा कि भारत की विकास गाथा बनने का यही समय है। भारत की सरकार ने देश को 2047 तक विकसित करने का आधार बनाना शुरू कर दिया है।
पीपीएफ खाते की अवधि 15 वर्ष होती है, जिसे पांच वर्षों के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये प्रति वर्ष है, और अधिकतम 1.5 लाख रुपये है।
जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) भारत में गृह युद्ध शुरू करना चाहता था। इसके लिए उनसे सिंगापुर समेत विदेशों में 13 हजार से ज्यादा सक्रिय सदस्यों की संख्या बनाई है।
भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इसके चलते दुनियाभर के निवेशकों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है। इससे भारतीय बाजार में तेजी बनी हुई है। इसका फायदा छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिये उठा सकते हैं।
जब बाजार ऊंचाई पर होते हैं, तो फंड में इक्विटी अच्छा रिटर्न देता है, जबकि डेट स्थिरता प्रदान करता है। ये फंड इक्विटी के माध्यम से लंबे समय में बेहतर रिटर्न और डेट के माध्यम से स्थिरता और नियमित इनकम देने में मदद करते हैं।
अगर 10 साल से ज्यादा उम्र का कोई नाबालिग है तो वह भी अपने नाम से आरडी स्कीम का यह अकाउंट चला सकता है। खास बात यह भी है कि इस स्कीम के तहत आप चाहे जितनी मर्जी हो उतने अकाउंट खोल सकते हैं।
25 साल में एसआईपी से 10 करोड़ रुपये जमा करने के लिए आपको 2 सबसे अहम बातों का ध्यान रखना होगा। पहला ये कि आपको कितना रिटर्न मिल रहा है और दूसरा ये कि आप हर महीने कितने रुपये का निवेश कर रहे हैं।
शेयर बाजार में निवेश का एक बुनियादी नियम वास्तव में लंबी अवधि के बारे में सोचना है। यह इसे सुरक्षित निवेश नहीं बना सकता है, लेकिन यह ऐसे निवेशों में शामिल जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है।
5000 रुपये की एसआईपी से 5 करोड़ रुपये का फंड तैयार कैसे हो सकता है? इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि एसआईपी का पूरा फायदा तभी मिलेगा जब आप इसमें ज्यादा से ज्यादा समय के लिए निवेश जारी रखेंगे।
म्यूचुअल फंड्स एसआईपी में एक फिक्स डेट पर एक फिक्स अमाउंट जमा किया जाता है। यहां हम जानेंगे कि म्यूचुअल फंड्स एसआईपी से मोटा पैसा बनाने के लिए किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पीपीएफ में आपको हर साल पैसा जमा कराना होता है। पीपीएफ खाते में अगर आपने एक साल में कम से कम 500 रुपये भी जमा नहीं किए तो आपका खाता बंद कर दिया जाता है। देशभर के तमाम बैंक और डाकघरों में पीपीएफ खाता खोला जाता है।
स्कीम के तहत एक अकेला वयस्क, तीन लोग मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट भी खोलकर पैसे लगा सकते हैं। साथ ही अगर कोई 10 साल से ज्यादा उम्र का नाबालिग है तो वह भी इसमें अपने नाम से निवेश कर सकता है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी की मदद से 10,000 रुपये के मासिक निवेश से 6 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए आपको स्टेप-अप फॉर्मूला का इस्तेमाल करना होगा।
पीपीएफ में आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ में आंशिक निकासी 7 साल बाद कर सकते हैं, जबकि वीपीएफ में आंशिक निकाली 5वें साल कर सकते हैं।
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है। दोपहर 1 बजकर 29 मिनट पर सेंसेक्स 1279.29 अंक लुढ़ककर 84314.25 के लेवल पर कारोबार कर रहा था, वहीं, निफ्टी 50 भी 372 अंक लुढ़कर 25806.95 के लेवल पर कारोबार कर रहा था।
भारत सरकार की इस बेहद खास स्कीम में इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है। बेटियों के भविष्य को संवारने में यह एक शानदार योजना है। इसमें निवेश करना भी काफी आसान है।
कृषि भूमि खरीदने से पहले कागजी जानकारी जरूर जुटा लें। यह पता करें कि जो जमीन आप खरीदने जा रहे हैं वह विवाद मुक्त है या नहीं। अगर विवादित जमीन है तो कभी न खरीदें।
श्रीलंका में अनुरा कुमारा के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ‘ईस्टर संडे’ का मुद्दा फिर से उछल गया है। लिहाजा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने इस मामले की फिर से जांच कराने का ऐलान किया है।
अगर आप 25 साल में 5 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं तो म्यूचुअल फंड एसआईपी से ये संभव हो सकता है। मान लीजिए अगर आपको हर साल 12 प्रतिशत का औसतन सालाना रिटर्न मिल रहा है तो आपको हर महीने 27,000 रुपये की एसआईपी करनी होगी।
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