भारतीय रिजर्व बैंक ने पॉलिसी दरों में कटौती की है जिससे आने वाले दिनों में कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज ब्याज दरों का ऐलान करेगा। बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए लगातार चौथी बार रेपो रेट (नीतिगत दर) में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बावजूद सोने और चांदी में भारी गिरावट आई है।
सितंबर तिमाही के लिए किसान विकास पत्र पर देय ब्याज को घटाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया है। अप्रैल-जून की अवधि में यह 7.7 प्रतिशत था।
5 जुलाई 2019 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। आप भी इन 6 बिन्दुओं से जानिए आखिर कैसे बनता है देश का बजट और क्या होती है पूरी प्रक्रिया।
लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर की अधिसूचना तिमाही आधार पर जारी की जाती है।
बैंक की देश भर में 998 शाखाएं और 481 एटीएम हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI/एसबीआई) ने जुलाई महीने से अपने आवास ऋण की ब्याज दरों को रेपो दर से जोड़ने की घोषणा की है।
पिछले सप्ताह 6 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के साथ प्रारंभिक समझौते के बाद यह कदम उठाया गया है।
इस समय आरबीआई की यह दर 6 प्रतिशत वार्षिक है, जिस पर वह बैंकों को एक दिन के लिए नकद धन उधार देता है।
इस नए नियम के लागू होने के बाद जहां एक ओर रिटेल लोन सस्ते होंगे, वहीं सेविंग एकाउंट पर मिलने वाले ब्याज में कमी आएगी।
2017-18 में ईपीएफ पर ब्याज की दर 8.55 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने 2016-17 में ब्याज दर को घटाकर 8.65 प्रतिशत किया था जो कि 2015-16 में 8.8 प्रतिशत थी।
यह ब्याज दर लोक भविष्य निध (पीपीएफ) पर मिलने वाले ब्याज के बराबर है।
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति पर तटस्थ रुख बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7.20 प्रतिशत की दर से जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है।
पीएनबी ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि यह कटौती एक मार्च 2019 से प्रभावी होगी। एक साल के कर्ज पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से कम कर 8.45 प्रतिशत कर दी गई है।
गुरुवार को ईपीएफओ के न्यासियों की बैठक में ब्याज दर बढ़ाने का फैसला लिया गया। वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफओ ने 8.55 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया था।
हालांकि सूत्र ने इस अटकल को भी पूरी तरह खारिज नहीं किया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से अधिक हो सकती है।
बैंक ने अपने एक बयान में कहा है कि 30 लाख रुपए तक के सभी होम लोन पर ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की कटौती होगी।
आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
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