भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए नीतिगत दर में लगातार छठवीं बार कटौती कर सकता है।
इससे पहले बैंक ने सितंबर, 2019 में 1 लाख रुपए तक की जमा वाले बचत खातों पर ब्याज की दर 3.5 प्रतिशत तय की थी।
आज (शुक्रवार) से बैंक और लेन-देन से जुड़े कई ऐसे नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के करोड़ों ग्राहकों को झटका लगने वाला है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई बचत खाते पर मिलने वाली ब्याज दर को कम करने जा रहा है।
इस कटौती का लाभ एचडीएफसी के मौजूदा और नया ऋण लेने वाले दोनों ग्राहकों को मिलेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के करीब आधा दर्जन बैंकों ने अपने ऋण की ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत तक की कटौती की है।
पेटीएम भुगतान बैंक (पीपीबी) ने बचत खाते पर ब्याज दर को आधा प्रतिशत घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया है। बैंक ने गुरुवार को कहा है कि यह कटौती नौ नवंबर से प्रभावी होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि दिसंबर में केंद्रीय बैंक रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती करेगा।
अर्थव्यवस्था की सुस्सी दूर करने के लिए मोदी सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा के नतीजों की घोषणा आज सुबह 11.45 बजे करेगा।
इससे सरकार को सिर्फ 3,092 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। इसका सरकार के राजकोषीय घाटे पर मामूली 0.02 प्रतिशत का प्रभाव पड़ेगा।
अभी तक ईपीएफओ 2017-18 के लिए मंजूर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत के हिसाब से ईपीएफ निकासी दावों का निपटान कर रहा था।
न्यासियों के केंद्रीय बोर्ड ने इस साल फरवरी में पिछले वित्त वर्ष के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज दर को अपनी मंजूरी दी थी।
गंगवार ने कहा कि त्यौहारी सीजन से पहले ईपीएफओ के 6 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान उनके खातों में कर दिया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक अगले महीने मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों में और कमी कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति की दर रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुरूप रहने की संभावना है। ऐसे में केंद्रीय बैंक दरों में और कटौती कर सकता है।
श्रम मंत्रालय 2018-19 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को जल्द अधिसूचित करेगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को इस ब्याज दर पर किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है।
इसी प्रकार 46 से 179 दिन की एफडी पर ब्याज की दर को 0.25 प्रतिशत कम कर 5.5 प्रतिशत कर दिया है।
वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के बाद भी ईपीएफओ के पास 3,150 करोड़ रुपए का सरप्लस शेष बचेगा।
सरकारी स्वामित्व वाले ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) ने मंगलवार को कहा कि ग्राहक अब रेपो दर आधारित ब्याज यानी आरएलएलआर पर आवास एवं वाहन ऋण प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आवास ऋण 8.35 प्रतिशत से जबकि वाहन ऋण 8.70 प्रतिशत से शुरू हो रहे हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद शुक्रवार को बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, आंध्र बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, केनरा बैंक आदि ने कर्ज की मानक ब्याज दरों में 0.10 से 0.30 प्रतिशत तक की कटौती करने की घोषणा की।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती करने के बाद देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को तोहफा दिया है। एसबीआई ने सभी अवधि के कर्ज पर ब्याज दर 0.15 प्रतिशत घटायी है।
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