पोस्ट ऑफिस की ये बचत योजनाएं आपके धन को डबल करने का भी वादा करती हैं।
इस नए उत्पाद का नाम Immune India Deposit Scheme है। इस स्कीम की परिपक्वता अवधि 1,111 दिन की होगी।
रिजर्व बैंक ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से सभी मियादी ऋण पर एक मार्च से 31 मई, 2020 तक की किस्तों के भुगतान पर छूट दी थी। बाद में इस अवधि को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था।
सीतारमण ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी
पहली बार बचत खाते में जमा रकम पर ब्याज 0.5 प्रतिशत घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दी गयी है। अबतक इस पर सालाना 4 प्रतिशत ब्याज मिलता था।
भारत सरकार कई ऐसी सरकार योजनाएं चला रही हैं जिसमें गारंटीड रिटर्न ऑफर किया जा रहा है। सरकारी योजनाएं होने की वजह से इसमें कोई जोखिम नहीं है, साथ ही इसमें निवेश पर टैक्स छूट भी ऑफर की जा रही है।
नवंबर, 2020 में बैंक ने होम लोन पोर्टफोलियों में 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया था। यह आंकड़ा प्राप्त करने वाला आईसीआईसीआई बैंक पहला निजी क्षेत्र का बैंक बन गया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर की घोषणा चार मार्च को कर सकता है।
एसबीआई ने अपने एक ट्विट में कहा है कि 9.75 प्रतिशत ब्याज दर पर पेंशन लोन हासिल करें और एक खुशहाल रिटायरमेंट का आनंद उठाएं।
म्यूचुअल फंड एसआईपी की तरह एसबीआई आरडी भी निवेशकों को लघु बचत के जरिये एक निश्चित अवधि में बड़ी धनराशि एकत्रित करने में मदद करती है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ईपीएफओ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज की दर में कुछ कटौती कर सकती है।
ईपीएफओ के एक अधिकारी ने कहा कि लगभग 8 से 10 प्रतिशत पीएफ सब्सक्राइर्ब्स को उनके खाते में ब्याज की राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
आप अपने नाम पर या किसी नाबालिग के अभिभावक के रूप में पीपीएफ एकाउंट खुलवा सकते हैं। वर्तमान में पीपीएफ एकाउंट में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का सालाना निवेश किया जा सकता है।
श्रम मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्देश पहले ही ईपीएफओ को भेज दिया था और निकाय ने पिछले वित्त वर्ष के लिए खाताधारकों के खातों में ब्याज जमा करना शुरू कर दिया है।
वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को ईपीएफ के लिए ब्याज दर की अधिसूचना जारी करने के लिए औपचारिक मंजूरी दे दी है।
श्रम मंत्रालय ने अब वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देय ब्याज की रकम को 8.5 प्रतिशत की दर से एकबार में ही ईपीएफ खाते में डालने का सुझाव दिया है।
सूत्र ने कहा कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी कुछ दिन में मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अंशधारकों के खातों में ब्याज इसी महीने डाला जाएगा।
आज हम यहां सरकार की नौ लघु बचत योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें निवेश से आप गारंटीड रिटर्न हासिल कर सकते हैं।
रेपो रेट 4 प्रतिशत है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) की दर 4.25 प्रतिशत है। इसके अलावै CRR 3 प्रतिशत और SLR की दर 18 प्रतिशत है।
ब्याज से राहत पाने वाली इन आठ श्रेणियों में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई), शिक्षा, आवास, टिकाऊ उपभोक्ता, क्रेडिट कार्ड, वाहन, व्यक्तिगत और उपभोग कर्ज शामिल हैं।
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