रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) कुछ समय पहले ही रेपो रेट बढ़ाया है। रेपो रेट बढ़ते ही बैंकों द्वारा दिए जा रहे होम लोन महंगे हो गए है। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स के सभी बड़े बैंकों ने होम लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं कि देश के बड़े बड़े बैंकों का लोन कितना महंगा हुआ है।
शुद्ध ब्याज मार्जिन में वृद्धि की अगुवाई प्राइवेट क्षेत्र के बैंकों ने की। उनका एनआईएम सालाना आधार पर 0.15 प्रतिशत बढ़कर 4.03 प्रतिशत पर पहुंच गया। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनआईएम 0.17 प्रतिशत बढ़कर 2.85 प्रतिशत रहा।
इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक 5 लाख रुपये से अधिक और 5 करोड़ रुपये तक की जमा राशियों वाले बचत खाते पर 7.00% की दर से ब्याज का भुगतान कर रहा है।
इस बढ़ोतरी के बाद भारत में भी ब्याज दर में और बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। RBI की 3 नवंबर यानी आज से मौद्रिक समिति की विशेष बैठक हो रही है।
Diwali car loan Interest Rate: EV गाड़ियों को लंबे समय तक लागत प्रभावी भी माना जाता है, क्योंकि पेट्रोल या डीजल पर चलने वाली नियमित कारों की तुलना में इलेक्ट्रिक कारों के रखरखाव की लागत कम होती है।
आरबीआई की रेपो रेट में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक ने अपने बचत खाते की ब्याज दरों में इजाफा किया है।
वित्त मंत्रालय द्वारा पहली तिमाही के लिए ब्याज दरों पर अंतिम निर्णय गुरुवार तक लिया जाएगा।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के इस फैसले का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिलेगा।
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक ब्याज के लालच में किसी भी बैंक, एनबीएफसी या स्मॉल फाइनेंस बैंक में निवेश करना सही नहीं होता है। किसी भी बैंक का चुनाव उसके वित्तीय साख को देखते हुए करें। इससे बाद में पछताना नहीं होगा।
बैंक ने इससे पहले 17 सितंबर को अपने रेपो आधारित ब्याज को 6.80 फीसदी से घटाकर 6.55 फीसदी कर दिया था। हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपने होम लोन की दरों में कटौती की है
ईपीएफ ब्याज दर हर महीने उनकी सैलरी से होने वाली अनिवार्य कटौती पर एक रिटर्न है और इसका भुगतान दिवाली से पहले होने पर जरूर उन्हें खुशी मिलेगी।
विवेक अय्यर ने कहा कि वास्तविक दरें कुछ समय के लिए नकारात्मक रहने वाली हैं और यह जरूरी है कि लोग वित्तीय साक्षरता के आधार पर सही निवेश विकल्प को चुनें।
रिजर्व बैंक ने संकेत दिये हैं कि लिक्विडिटी के ऊपरी स्तरों पर रहने की वजह से जमा पर ब्याज दरों के फिलहाल बढ़ने की संभावना नहीं है।
पीएफ पर मिलने वाला 8.5 प्रतिशत ब्याज अन्य प्रोविडेंट फंड जैसे जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) और बचत योजनाओं जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (7.1 प्रतिशत) और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (6.8 प्रतिशत) की तुलना में ज्यादा है।
मियादी जमा में वह जमा राशि है, जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है। इसमें आवर्ती, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं।
ब्याज दरों के यथावत रहने से लोगों को जुलाई-सितंबर तिमाही में लघु बचत पर 4 प्रतिशत ब्याज मिलना जारी रहेगा।
पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन बेहद कम समय में जारी हो जाता है। इसके साथ ही गोल्ड लोन में ब्याज दर भी कम रहती है।
सरकार ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले 1 अप्रैल से स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर इंट्रेस्ट रेट में कटौती का ऐलान वापस ले लिया गया था।
स्थानीय प्रतिबंधों के आधार पर बैंकों के एनपीए परिदृश्य को लेकर इस समय किसी भी तरह का आकलन किया जाना जल्दबाजी होगी।
पोस्ट ऑफिस की ये बचत योजनाएं आपके धन को डबल करने का भी वादा करती हैं।
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