आईसीआरए लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आउटरीच प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि एमपीसी समीक्षा ने रुख में बदलाव करके लचीलेपन को प्राथमिकता दी है। इससे दिसंबर 2024 में संभावित दर कटौती का रास्ता खुल गया है।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दर में गुरुवार को 0.25 प्रतिशत की कटौती की। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व 17-18 सिंतबर को होने वाली अपनी बैठक में प्रमुख ब्याज दर पर फैसला लेगा।
एसएंडपी 500 और नैस्डैक ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन रिकॉर्ड ऊंचाई दर्ज की, क्योंकि मुद्रास्फीति के आंकड़े अपेक्षा से कम आए, लेकिन फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल सिर्फ एक बार ब्याज दर में कटौती के संकेत के चलते सूचकांक दिन के उच्चतम स्तर से नीचे बंद हुए।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने का कहना है कि शुक्रवार को आई मोनेटरी पॉलिसी में यथास्थिति उम्मीद के मुताबिक ही है, और पिछली नीतियों की तुलना में आरबीआई कैश मैनेजमेंट पर कम आक्रामक दिखा है।
सीतारमण ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार की लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी, जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर की घोषणा चार मार्च को कर सकता है।
कर्ज की लागत घटने की वजह से बैंक ने MCLR में कटौती की है
2020-21 की पहली तिमाही पीपीएफ पर ब्याज 7.1 प्रतिशत होगा
2019-20 के लिए अब 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाएगा। इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ जमा पर ब्याज की दर 8.65 प्रतिशत थी।
एक साल के लिए एमसीएलआर 8 प्रतिशत से घटकर अब 7.90 प्रतिशत होगी। बैंक ने अपने बयान में कहा है कि नई दरें 10 दिसंबर से प्रभावी होंगी।
इस कटौती का लाभ एचडीएफसी के मौजूदा और नया ऋण लेने वाले दोनों ग्राहकों को मिलेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर की द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। ब्रोकरेज कंपनियों का मानना है कि दिसंबर में केंद्रीय बैंक रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और कटौती करेगा।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बावजूद सोने और चांदी में भारी गिरावट आई है।
लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर की अधिसूचना तिमाही आधार पर जारी की जाती है।
इस समय आरबीआई की यह दर 6 प्रतिशत वार्षिक है, जिस पर वह बैंकों को एक दिन के लिए नकद धन उधार देता है।
रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति पर तटस्थ रुख बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7.20 प्रतिशत की दर से जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है।
पीएनबी ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि यह कटौती एक मार्च 2019 से प्रभावी होगी। एक साल के कर्ज पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से कम कर 8.45 प्रतिशत कर दी गई है।
गुरुवार को ईपीएफओ के न्यासियों की बैठक में ब्याज दर बढ़ाने का फैसला लिया गया। वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफओ ने 8.55 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया था।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने सोमवार को संकेत दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए नीतिगत ब्याज दर में कमी की गुंजाइश शायद कम ही हो क्योंकि वृद्धि दर बढ़ रही है और महंगाई भी बढ़ी है।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को नए साल का तोहफा ब्याज दरें घटा कर दी है। SBI ने बेस रेट आधारित ब्याज दरों में 1 जनवरी 2018 से 0.30 फीसदी की कटौती कर दी है।
संपादक की पसंद