नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए आरबीआई के लिए अगले 13-14 महीनों तक ब्याज दरों में कटौती करना काफी मुश्किल होगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 में औसत महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई।
एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि अगर रिजर्व बैंक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए दरों में कटौती करता है, तो भी इसकी प्रमुख दरों में 0.50 प्रतिशत की गिरावट ग्रोथ प्रक्रिया में मदद करने के लिए निर्णायक कदम नहीं होगा। उनका कहना है कि जब आप दरों में कटौती करने के लिए कदम उठाते हैं, तो यह निर्णायक होना चाहिए।
आरबीआई पेपर में यह स्पष्ट किया गया है कि पेपर केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, मौद्रिक नीति संचरण पर अध्ययन में पाया गया कि मौद्रिक नीति परिवर्तन दीर्घकालिक दरों की तुलना में अल्पकालिक ब्याज दरों को अधिक प्रभावित करते हैं।
आईसीआरए लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आउटरीच प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि एमपीसी समीक्षा ने रुख में बदलाव करके लचीलेपन को प्राथमिकता दी है। इससे दिसंबर 2024 में संभावित दर कटौती का रास्ता खुल गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7 से 9 अक्टूबर को होने वाली अगली मीटिंग रेपो रेट पर फैसला करेगी। अगस्त में खुदरा महंगाई 0.11 प्रतिशत बढ़कर 3.65 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 3.54 प्रतिशत थी।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दर में गुरुवार को 0.25 प्रतिशत की कटौती की। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व 17-18 सिंतबर को होने वाली अपनी बैठक में प्रमुख ब्याज दर पर फैसला लेगा।
बैंक वित्त वर्ष 2025 में 14-16 प्रतिशत की ऋण वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रहा है, और अपनी देनदारियों के उच्च आधार को देखते हुए 8-10 प्रतिशत की जमा वृद्धि के साथ इसे आसानी से बनाए रख सकता है।
देश के तमाम स्मॉल फाइनेंस बैंक वरिष्ठ नागरिकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर रेगुलर कमर्शियल बैंकों की तुलना में ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहे हैं। यहां हमने 6 अलग-अलग स्मॉल फाइनेंस बैंकों द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर दिए जा रहे सबसे ज्यादा ब्याज वाले प्लान की जानकारी निकाली हैं।
अगर आपके खाते में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं तो आपको सालाना 3.00 प्रतिशत का ब्याज दिया जाएगा। बताते चलें कि 15 अक्टूबर, 2022 से पहले एसबीआई सभी बचत खातों पर 2.70 प्रतिशत का ही ब्याज दे रहा था, चाहे आपके बैंक खाते में चाहें जितने पैसे हों।
ताजा बढ़ोतरी के बाद भारतीय स्टेट बैंक ग्राहकों से 3 साल के लिए 9.10 प्रतिशत और दो साल के लिए 9.05 प्रतिशत ब्याज वसूलेगा। इसके अलावा एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि के लिए ब्याज दरें 8.45 से लेकर 8.85 प्रतिशत तक की रेंज में रहेगा।
केनरा बैंक के मुताबिक, तीन वर्षीय एमसीएलआर 5 आधार अंकों की वृद्धि के साथ 9.40 प्रतिशत होगी, जबकि दो वर्षीय एमसीएलआर 9.30 प्रतिशत होगी।
समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान चार प्रतिशत सालाना की दर से अल्पकालिक फसल लोन लोन मिलेगा।
एसएंडपी 500 और नैस्डैक ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन रिकॉर्ड ऊंचाई दर्ज की, क्योंकि मुद्रास्फीति के आंकड़े अपेक्षा से कम आए, लेकिन फेडरल रिजर्व द्वारा इस साल सिर्फ एक बार ब्याज दर में कटौती के संकेत के चलते सूचकांक दिन के उच्चतम स्तर से नीचे बंद हुए।
लोकसभा नतीजों के बाद यह एमपीसी की पहली मीटिंग (5-7 जून) हुई है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि आरबीआई एमपीसी अपनी प्रमुख रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखेगा। MPC का व्यापक ध्यान मुद्रास्फीति के स्तर को कम करने पर रहेगा।
Interest Rate in Pakistan : पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने लगातार छठी बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 22 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बरकरार रखा है।
बैंक ऑफ जापान ने अपनी पॉलिसी मीटिंग में अल्पकालिक ब्याज दर को निगेटिव 0.1 (-0.1) प्रतिशत से बढ़ाकर 0.1 प्रतिशत कर दिया है। ब्याज दरों में फरवरी 2007 के बाद पहली बार बढ़ोतरी हुई है।
होम लोन देने वाले बैंक के जोखिम के चलते, फिक्स्ड रेट वाले लोन पर औसत लागत 100 बीपीएस से 200 बीपीएस ज्यादा होती है। इससे आपकी ब्याज लागत और ईएमआई बढ़ जाती है। फ्लोटिंग ब्याज दरों वाले होम लोन ज्यादातर मामलों में बेस रेट से लिंक्ड होता है।
FD Interest rate in sbi : एसबीआई 7 दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी पर 60 साल से कम उम्र वाले ग्राहकों को 3.50 फीसदी से 7.10 फीसदी तक और सीनियर सिटीजंस को 4 से 7.60 फीसदी तक ब्याज दर प्रदान कर रहा है। बैंक एफडी पर 90 फीसदी तक की राशि का लोन भी ऑफर कर रहा है।
सरकार के इस ऐलान से निवेशकों के लिए छोटी बचत योजनाएं और भी आकर्षक हो जाएंगी। निवेश पर पहले के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलेगा। सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दर बढ़ाने से बेटियों के फ्यूचर तय करने में ज्यादा मदद मिलेगी।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने का कहना है कि शुक्रवार को आई मोनेटरी पॉलिसी में यथास्थिति उम्मीद के मुताबिक ही है, और पिछली नीतियों की तुलना में आरबीआई कैश मैनेजमेंट पर कम आक्रामक दिखा है।
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