कोर्ट ने कहा कि जाहिर सी बात है कि जब ड्राइवर नशे की हालत में होता है तो उसका खुद कंट्रोल कम हो जाता है, जिससे वह गाड़ी चलाने के लिए अयोग्य हो जाता है।
इरडा ने बीमा कंपनियों से सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के जरिये कोविड महामारी की रोकथाम के लिये अपनाये जाने वाले व्यवहार को प्रोत्साहित करने को कहा।
आईआरडीए ने लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स के मोटर बीमा की शुरुआत की है। लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स पर अच्छी छूट मिल जाती है। हालांकि आप लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स में बंध जाते हैं। इसके कई फायदे हैं और नुकसान भी है आइए जानते हैं।
Health Insurance की मांग बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह है कि कोई गंभीर बीमारी होने पर हमारी वित्तीय प्लानिंग बिगड़ जाती है। आइए 5 प्वॉइंट में जानते हैं कि यह क्यों जरूरी है?
जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम आमतौर पर, कुल कवरेज का 3% से 5% तक होता है। अगर जॉब इंश्योरेंस होम लोन के तहत ली गई है तो अवधि पांच साल होगी।
Medical Insurance: किसी भी व्यक्ति का जीवन तब खुशहाल होता है जब उसके पास हेल्थ और वेल्थ दोनों होते हैं। आमतौर पर 25 वर्ष या उससे एक-दो साल आगे-पीछे लोग नौकरी करना शुरु कर देते हैं, लेकिन कई बार वो मेडिकल एंश्योरेंस नहीं खरीद पाते हैं। चलिए 35 वर्ष की आयु से पहले Medical Insurance खरीदने के पांच बड़े फायदे जानते हैं।
कुल 24 साधारण बीमा कंपनियों की अगस्त में कुल सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम आय 9.3 प्रतिशत बढ़कर 17,101.75 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी महीने में 15,648.63 करोड़ रुपये थी।
बीमा उद्योग की कंपनियों का कहना है कि बीमा जोखिम से बचाव के लिए खरीदा जाता है चाहे उसके पीछे मानवीय गलती हो या कुछ और हो।
नौकरी.कॉम की तरफ से जारी ‘जॉबस्पीक’ सूचकांक के अनुसार, अगस्त, 2022 के दौरान नई भर्तियों से संबंधित ‘विज्ञापन’ बढ़कर 2,828 पर पहुंच गए।
रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य बीमा कारोबार में सरकारी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी निजी कंपनियों की तुलना में लगातार घट रही है।
देश की प्रगति में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी को देखते हुए लगभग सभी Insurance कंपनियों ने वुमन सेंट्रिक प्रोडक्ट पेश किए हैं।
Insurance Ombudsman : भारत सरकार के 11 नवंबर, 1998 के सूचनापत्र के द्वारा बीमा Ombudsman संस्थान अस्तित्व में आई। इसका मुख्य उद्देश्य,बीमाधारकों के शिकायतों का जल्दी निपटारा करना है
इंश्योरेंस स्कोर की व्यवस्था आने से बीमा प्रीमियम की व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी। जिसका इंश्योरेंस स्कोर ज्यादा है, उसे कम प्रीमियम पर बीमा मिल सकेगा।
इंश्योरेंस कंपनियां सामान्य व्यक्ति के मुकाबले धूम्रपान करने वाले व्यक्ति से ज्यादा प्रीमियम वसूलती हैं। सिगरेट पीने से लंग कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, टीवी जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
लगभग 88% उत्तरदाता अपने बीमा दस्तावेज़ की एक भौतिक प्रति रखना पसंद करते हैं क्योंकि बीमा कंपनियां दावे के समय इसकी मांग कर सकती हैं।
इसलिए उद्योग की ओर से हम चाहते हैं कि कर छूट के लिए जीवन बीमा में निवेश की एक अलग धनराशि रखी जाए।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के मुताबिक, दिसंबर, 2021 में देश में सक्रिय 24 सामान्य बीमा कंपनियों का सकल प्रीमियम 16,109.62 करोड़ रुपये रहा
किसी भी बीमा कंपनी से बीमा खरीदने से पहले उसका सॉल्वेंसी रेश्यो जरूर चेक करें। बीमा नियामक इरडा के अनुसार, जीवन बीमा, हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों का न्यूनतम सॉल्वेंसी रेश्यो 150 फीसदी होना चाहिए।
कंपनियों ने मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में प्राकृतिक आपदाओं के कारण किए गए दावों में से केवल एक तिहाई यानी 761 करोड़ रुपये का ही निपटान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बैंक डिपॉजिटर्स को संबोधित करते हुए बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस के फायदे बताए। दिल्ली के विज्ञान भवन में ये कार्यक्रम दोपहर 12 बजे हुआ जहां पीएम मोदी बैंकों में डिपॉजिट पर मिलने वाली 5 लाख रुपये की इंश्योरेंस गारंटी के बारे में जानकारी दी।
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