सूत्रों ने बताया कि विधेयक का मसौदा तैयार है और इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जाना है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि इसे आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।
अगर आपकी कार बाढ़ में डैमेज हो जाए तो अपने इंश्योरेंस कंपनी को उनके कस्टमर हेल्प नंबर पर संपर्क करके या उनकी वेबसाइट पर जाकर डैमेज की जानकारी देनी चाहिए। फिर कंपनी डैमेज का आकलन कर आगे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाती हैं।
बीमा कंपनियों को स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि बाजार से जुड़ी बीमा योजनाएं पारंपरिक बंदोबस्ती पॉलिसियों से भिन्न हैं और उनमें जोखिम भी होता है। भाग लेने वाली (बोनस के साथ) बंदोबस्ती पॉलिसियों को पहले ही यह बताना होगा कि मुनाफे में अनुमानित बोनस की गारंटी नहीं है।
ऐसे हादसों के समय में इस पॉलिसी के तहत मिलने वाला कवर इंश्योरंस कंपनी की तरफ से उन घायल या इसके शिकार हुए पैसेंजर्स को उनकी स्थिति के मुताबिक दी जाती है।
जीवन बीमा पॉलिसी के संबंध में सभी विनियमों को एकीकृत करने वाले ‘मास्टर’ सर्कुलर को बुधवार को जारी करते हुए इरडा ने कहा कि ‘फ्री-लुक’ अवधि अब 30 दिन की है। पहले यह अवधि 15 दिन थी।
सर्कुलर में कहा गया है कि दस्तावेजों के अभाव में कोई भी दावा अस्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रस्ताव की स्वीकृति के समय जरूरी दस्तावेजों को मांगना चाहिए।
आपको ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में निवेश करने की ज़रूरत है जो आपकी जीवनशैली के अनुसार बदलती हो। यह आपकी बदलती वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त लचीला होना चाहिए।
एलआईसी का कहना है कि ऐसी उम्मीद है कि जो भी नई सरकार आएगी, वह समग्र लाइसेंस की अनुमति दे सकती है। कंपनी के चेयपमैन ने कहा है कि हमने कुछ आंतरिक जमीनी कार्य भी किए हैं।
जब आप 30 साल की उम्र में आ जाते हैं तो आपकी फानेंशियल प्लानिंग में लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन बीमा पॉलिसी, हेल्थ इंश्योरेंस सहित कुछ खास इंश्योरेंस पॉलिसी होनी चाहिए।
अगर आप यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (यूएलआईपी) खरीद रहे हैं तो अलग-अलग शुल्क, फंड ऑप्शन, फंड स्विच करने से जुड़े सवाल जरूर पूछें। जब भी आप बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए फॉर्म भर रहे हों तो इसे पूरी तरह से और सही जानकारियों के साथ भरें।
हम आपको बता दें कि ऐसा ही जबरदस्त फॉर्मूला है, जिसके जरिये आप आसानी से पता कर सकते हैं कि आपको कितना इंश्योरेंस कवर चाहिए।
किसी भी बैंक के एटीएम कार्ड का अगर 45 से अधिक दिनों तक इस्तेमाल कर चुके हैं तो आप फ्री इंश्योरेंस सुविधा के पात्र हैं। इनमें दुर्घटना बीमा और जीवन बीमा दोनों ही शामिल है।
क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा भी इस कंपनी के निवेशकों में शामिल हैं। कंपनी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से आईपीओ लाने की मंजूरी मार्च में मिल गई थी।
टर्म प्लान आपके और बीमा कंपनी के बीच एक करार है जो पॉलिसी की शर्तों के तहत दोनों पक्षों को जवाबदेह बनाता है। अगर आप निवेश में नए हैं, तो आपको यह जानना ज़रूरी होगा की आप सर्वोत्तम टर्म प्लान कैसे तय कर सकते हैं जो आपके परिवार की सुरक्षा करेगा।
देश में जीएसटी आने से पहले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स चुकाना होता है। अब अगर सरकार हेल्थ इंश्योरंस प्रीमियम पर जीएसटी में कटौती करती है तो यह लोगों के लिए और भी किफायती होगा।
Indian Railway : अगर आप बच्चों के साथ रेल यात्रा करते हैं तो आपके लिए यह जरूरी खबर है। रेलवे ने हाफ टिकट के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है।
कार इंश्योरेंस लेते में हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके बारे में इस आर्टिकल में हम विस्तार से बताने जा रहे हैं।
रुपे डेबिट कार्ड अलग-अलग कवर कवरेज प्रदान करता है। इंश्योरेंस क्लेम, घटना के 90 दिनों के भीतर बीमाकर्ता को करना जरूरी है।
प्रीमियम दरें लागत प्रभावी हैं और पॉलिसी खरीदते समय इंश्योरंस कंपनियों के साथ इस पर बातचीत की जा सकती है। प्रीमियम राशि 600 रुपये से शुरू होती है।
New Insurance Rule: IRDAI के आदेश के अनुसार आपको ई-इंश्योरेंस अकाउंट खोलना जरूरी हो गया है। CAMS, Karvy, NSDL और CDSL के पास आसानी से ई-इंश्योरेंस खाता ओपन कर सकते हैं।
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