केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्यों के उनके समकक्षों की मौजूदगी वाली परिषद ने यह फैसला किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, कुछ सदस्यों ने कहा कि और चर्चा की जरूरत है। हम (जीओएम) जनवरी में फिर मिलेंगे।
वेडिंग इंश्योरेंस में प्रीमियम कवरेज और बीमा राशि पर निर्भर करता है। हालांकि, यह पॉलिसी केवल शादी की अवधि के लिए ही होती है। देश के अंदर और और इंटरनेशनल वेडिंग डेस्टिनेशन भी इस इंश्योरेंस में कवर की जाती है। इनमें यात्रा खर्च, होटल में ठहरना, आभूषण और अतिथि जिम्मेदारी शामिल होती है।
इस इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत गंभीर बीमारियों जैसे गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय कैंसर और हृदय रोग आदि पता चलने पर हेल्थ कवर का 100 प्रतिशत तक का तत्काल भुगतान ऑफर किया जाता है।
ट्रैवल इंश्योरेंस के साथ आपको कई तरह के फायदे मिलते हैं। इसमें आपको बैगेज गुम होने, मेडिकल का खर्च, कार्यक्रम में बदलाव, पर्सनल लायबिलिटी जैसी कई चीजों से सुरक्षा मिलती है। आइए जानते हैं।
नागरिकों के लिए बीमा की पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित करने, बीमा उद्योग के विस्तार और विकास को बढ़ावा देने तथा व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए बीमा कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव है।
हर वह भारतीय जिनका बैंकों/डाकघरों में सिंगल या ज्वाइंट अकाउंट है और जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के बीच है, इस योजना में शामिल होने के हकदार हैं। अगर किसी व्यक्ति के पास एक या अलग-अलग बैंकों/डाकघरों में कई खाते हैं, तो वह व्यक्ति सिर्फ एक बैंक/डाकघर खाते के जरिये ही इस योजना में शामिल होने के लिए पात्र है।
आईआरडीएआई के अध्यक्ष डेबिस पांडा ने कहा कि बीमा कंपनियों को निश्चित रूप से कम लागत वाले डिस्ट्रीब्यूशन सॉल्यूशन की जरूरत होती है जैसे कि बैंकों द्वारा ऑफर किया जाता है। इसका असर देश भर में बड़े पैमाने होता है।
लाइफ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस दोनों के अपने फायदे हैं। यदि आप सुरक्षा के साथ-साथ निवेश का भी लाभ चाहते हैं, तो लाइफ इंश्योरेंस आपके लिए सही विकल्प हो सकता है। वहीं, यदि आप कम प्रीमियम में अधिक सुरक्षा चाहते हैं और निवेश की आवश्यकता नहीं है, तो टर्म इंश्योरेंस आपके लिए बेहतर विकल्प है।
नशे में गाड़ी चलाना आपको मुसीबत में डाल सकता है क्योंकि यह न केवल कार बीमा दावे को खारिज करने का कारण है बल्कि एक मुकदमा चलाने योग्य अपराध भी है। चाहे वह शराब हो या प्रतिबंधित/नियंत्रित पदार्थ, गाड़ी चलाते समय इनके सेवन का कोई भी संकेत आपके मोटर बीमा दावे को तुरंत खारिज कर देता है।
क्या आपको पता है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड से इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। अमूमन सभी इंश्योरेंस कंपनियां क्रेडिट कार्ड से प्रीमियम भुगतान का विकल्प उपलब्ध कराती है।
देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल अपने ग्राहकों को कई तरह के प्लान्स ऑफर करती है। एयरटेल अब अपने ग्राहकों को लिए कुछ ऐसे रिचार्ज प्लान्स भी लेकर आया है जिसमें कंपनी फ्री एक्सीडेंटल इंश्योरेंस भी उपलब्ध करा रही है। एयरटेल यूजर्स को 5 लाख तक का फ्री इंश्योरेंस दे रही है।
PF and ESIC: ये सुविधाएं सामाजिक सुरक्षा के तहत कर्मचारियों को दी जाती हैं। सरकार कर्मचारियों को बेहतर सुरक्षा देने के लिए इसको बेहतर बना रही है।
पिछले वित्त वर्ष में केंद्र और राज्यों ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी लगाकर 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था। वहीं स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के कारण 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे।
साल 1976 में शुरू की गई ईडीएलआई योजना का मकसद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को बीमा लाभ प्रदान करना है ताकि सदस्य की मृत्यु के मामले में हर सदस्य के परिवार को कुछ वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जा सके।
साल 2025 में सॉफ्टवेयर और बिजनेस सर्विस सेक्टर में सैलरी हाइक 9 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है जो सामान्य इंडस्ट्री एवरेज 9.5 प्रतिशत से कम है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कॉरपोरेट जगत 9.5 प्रतिशत की सैलरी हाइक के साथ पूरे सेक्टर में सबसे आगे है।
आप अपने क्रेडिट कार्ड पर कई इंश्योरेंस मामूली प्रीमियम चुकाकर ले सकते हैं। क्रेडिट कार्ड पर इंश्योरेंस मासिक शुल्क पर उपलब्ध होता है।
लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल के डाटा के मुताबिक सितंबर 2024 में कुल 32,17,880 नई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां जारी की गईं, जबकि पिछले साल सितंबर 2023 में कुल 22,11,680 लाख नई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियां ही जारी की गई थीं।
इलाज और दवाइयों के बढ़ते खर्च को देखते हुए आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस होना बहुत जरूरी हो गया है। हेल्थ इंश्योरेंस आपको न सिर्फ इलाज और दवाइयों के ऊंचे खर्च से सुरक्षा देता है बल्कि टैक्स बेनिफिट्स भी देता है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी जुलाई में इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कहा था कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है।
सर्वे के अनुसार, “5 में से 3 लोग (63 प्रतिशत) मानते हैं कि लोन के लिए आवेदनों में अपनी आय को बढ़ा-चढ़ाकर बताना ठीक या सामान्य बात है, जो वैश्विक औसत 39 प्रतिशत से काफी ज्यादा है।”
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