ब्रिटेन में जारी हिंसा और उपद्रव के बीच भारत ने अपनी नौसेना का एक युद्धपोत लंदन भेजा है। प्रधानमंत्री नेंद्र मोदी ने इस जंगी जहाज के साथ कई सदस्यों का दल भी भेजा है। पीएम मोदी ने समस्तु वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया है
भारतीय नौसेना के युद्धपोत आइएनएस तेग ने ओमान तट पर डूबे 13 भारतीयों में से आठ को जिंदा बचा लिया है। इसके अलावा 1 श्रीलंकाई नागरिक को भी जीवित निकाला है। वहीं 1 शव बरामद हुआ है। 6 लापता सदस्यों की अभी भी तलाश जारी है।
नौ वर्षों में नई ताकत के साथ उभरी भारतीय सेना ने दुश्मनों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में सेना अत्याधुनिक हथियारों, राफेल लड़ाकू विमानों, आइएनएस विक्रांत जैसे युद्धपोतों और खतरनाक परमाणु पनडुब्बियों से लैश है। अब पाकिस्तान और चीन भी भारत की नई सेना की ताकत से हैरान हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी फ्रांस की विजिट पर जाने वाले हैं। इस दौरान आईएनएस विक्रांत के लिए 26 राफेल 'एम' विमान को लेकर डील पक्की हो सकती है। ऐसी स्थिति में भारतीय नौसेना की ताकत में और इजाफा होगा। पीएम मोदी की इस यात्रा पर चीन और पाकिस्तान की भी नजर रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस विक्रांत पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और सैनिकों सहित योगासन किया। देखें वीडियो-
Special Report: समंदर में उतरे विक्रांत...ड्रैगन शांत...चीन में खलबली !
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस विक्रांत पर मिग-29के को पहली बार सफलतापूर्वक रात के समय उतारे जाने पर भारतीय नौसेना को बधाई दी।
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के नौसैनिक (नेवी) संस्करण, जिसे LCA नेवी कहा जाता है, ने आज भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत से अपनी पहली लैंडिंग और टेकऑफ़ किया।
INS VIKRANT: पेंटागन प्रेस सचिव वायु सेना ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने इस वार्ता के बारे में बताया कि दोनों देशों के इन नेताओं के बीच यह वार्ता ऐसे समय हुई है जब पिछले सप्ताह नयी दिल्ली में भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ अंतर-सत्रीय बैठक और समुद्री सुरक्षा वार्ता हुई थी।
Indian Navy: रक्षा के क्षेत्र में भारत की धमक लगातार दुनिया में यूं ही नहीं बढ़ रही, बल्कि इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी का मजबूत नेतृत्व और देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों व सेना के जवानों का अभूतपूर्व प्रयास भी है। तभी तो मेक इन इंडिया का मंत्र अब नित सफलता के नये-नये आयाम गढ़ रहा है।
World News: चीन को भारत की उपलब्धियों से हमेशा जलन होती है। इस बार चीन को विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से मिर्ची लगी है।
INS Vikrant China: ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत के शुक्रवार को तैनात होने को लेकर पश्चिमी मीडिया की तरफ से काफी तारीफ की गई है। सीएनएन की रिपोर्ट में दावा किया है कि विमानवाहक पोत ने भारत को दुनिया की नौसैनिक शक्तियों की एक विशिष्ट श्रेणी में पहुंचाया है।
2 सितंबर 2002 को भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया जो कि विमान वाहक बनाने की क्षमता रखते हैं। यह कामयाबी देश में आईएनएस विक्रांत के निर्माण से मिली है।
आईएनएस विक्रांत का समुद्र में उतरना भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यही आत्मनिर्भरता भारत को आत्मगौरव की तरफ ले जाएगी और बिना आत्मगौरव के कोई भी देश दुनिया की महाशक्ति नहीं बन सकता।
Indian Army strength: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ वर्षों के कार्यकाल में सेना कितनी अधिक ताकतवर हो चुकी है... इसका अंदाजा आपको भले ही न हो, लेकिन पाकिस्तान से लेकर चीन और अमेरिका तक को यह एहसास अच्छे से हो चुका है।
Chhatrapati Shivaji Maharaj'Navy: शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना को INS VIKRANT सौंप दिया। इसी के साथ भारतीय नौसेना को एक आधुनिक एयरक्रॉफ्ट मिल भी गई। इसकी सबसे खास बात है कि ये मेड इन इंडिया है यानी पूरी स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट करियर है।
Indian Navy New Flag: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं
INS Vikranta Vs american vs chinese warship: दुनिया के सबसे खतरनाक माने जाने वाले युद्धपोतों में शामिल आइएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना में अब शामिल कर लिया गया है। इससे देश की समुद्री ताकत कई गुना बढ़ गई है। भारत थल और नभ के साथ ही अब जल में भी दुश्मनों को तबाह करने का यह सबसे खतरनाक युद्धपोत तैयार कर लिया है।
INS Vikrant : केरल के कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है।
INS Vikrant: इंडियन नेवी को आज अपना पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत मिलेगा और अंग्रेजों के जमाने के निशान से आजादी भी मिलेगी।
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