किसी प्रोजेक्ट के लिए, डेवलपर्स को एनएचएआई, एएआई, अग्निशमन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि जैसे विभिन्न केंद्रीय और राज्य स्तरीय प्राधिकरणों से कई अनापत्ति प्रमाण पत्र/अनुमोदन/अनुमति लेने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की मांग है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट को लेकर हर किसी को काफी उम्मीदें हैं।
देश के कई राज्यों में स्टाम्प ड्यूटी की दरें अधिक हैं। भारत में घर खरीदने वालों के लिए यह एक बड़ा वित्तीय बोझ हैं। इसे तर्कसंगत बनाने पर जोर देना चाहिए।
प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के प्रबंध निदेशक अनुराग सहगल ने कहा कि उद्योग की मुख्य मांगें निश्चित रूप से सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप होंगी और सरकार का एक उद्देश्य मुकदमेबाजी में कमी लाना है।
2024 में प्रीमियम प्रॉपर्टी की मांग जबरदस्त रही। वहीं, मिड और लोअर मिड सेगमेंट के लिए सप्लाई में कमी एक बड़ी चिंता बनी रही। विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 में इस असंतुलन को दूर करने के लिए ठोस नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है।
ब्याज दरों को घटाने या उन्हें स्टेबल रखने की पॉलिसीज बोरोइंग (कर्ज लेने) को प्रोत्साहित कर सकती हैं, जिससे इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी आएगी। इस स्टेबिलिटी के लिए एक स्पष्ट और सरल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क महत्वपूर्ण होगा।
बजट में स्वर्ण मौद्रीकरण योजना में भी सुधार की मांग की गई है। उद्योग जगत का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था में बेकार पड़े घरेलू सोने को बाहर निकालने में मदद मिलेगी। इस प्रकार हमें आत्मनिर्भर बनने और सोने का कम आयात करने में मदद मिलेगी।
भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। भारत का लक्ष्य आने वाले कुछ सालों में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। इसके लिए युवाओं को प्रर्याप्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। अभी भारत मात्र 29 साल की औसत उम्र के साथ, एक युवा देश भी है।
केंद्रीय बजट 2025 की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही, अधिकांश उद्योग निकाय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पर्याप्त राहत की मांग कर रहे हैं।
संपादक की पसंद