सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क की मजबूती से देश में न केवल आर्थिक विकास की रफ्तार तेज हुई है, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी बुनियादी सुविधाएं बेहतर हुई हैं और इसका सीधा लाभ आम लोगों को मिल रहा है।
भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में बड़े बंदरगाहों को महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके पूरा होने पर, इससे देश में 12 लाख नौकरियां और लगभग 1 करोड़ अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
भारत में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को 2014 से 2023 के बीच 8.5 लाख करोड़ रुपये (102.4 अरब डॉलर) का नया निवेश मिला, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 तक 17.88 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला।
एमएसएमई कारोबारियों ने कहा कि आगामी बजट में मुद्रा योजना के तहत कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने के साथ कर प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
Budget 2024 : 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करने वाली हैं। इस बजट में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से जुड़ी भी बड़ी घोषणाएं हों सकती हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया था, जो 2023-24 के लिए पहले से ही आवंटित 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
Privatisation of government companies : सरकार की योजना 200 सरकारी कंपनियों की स्थिति को सुधारने की है। इनके लिए लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस और प्रोडक्शन टार्गेट्स तय किये जाएंगे।
Budget 2024 : बजट से पहले पीएम मोदी ने गुरुवार को दिग्गज अर्थशास्त्रियों के साथ चर्चा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी।
बजट में पूंजी प्राप्तियों में बदलाव हुआ और परिसंपत्ति मुद्रीकरण और विनिवेश को 'विविध' के सिंगल टाइटल के तहत लाया गया, जिससे ₹50,000 करोड़ का योगदान हुआ।
रियल एस्टेट सेक्टर को यह भी उम्मीद है कि आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद है।
मॉर्गन स्टेनले ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 5.1 प्रतिशत पर बना रहेगा। यह अंतरिम बजट में तय लक्ष्य के अनुरूप है।
Budget 2024 : यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज होगा, जिसमें अन्य बातों के अलावा 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की रूपरेखा पेश किए जाने की उम्मीद है।
सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों को डर है कि इस प्रावधान के कारण बड़े खरीदार एमएसएमई आपूर्तिकर्ताओं को नजरअंदाज कर सकते हैं और या तो उन एमएसएमई (जो उद्यम के साथ पंजीकृत नहीं हैं) या गैर-एमएसएमई से खरीदारी शुरू कर सकते हैं।
इंडस्ट्री ने देश में घरेलू मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए प्राकृतिक रबड़ (एनआर) के शुल्क मुक्त आयात की भी मांग की है। इसमें कहा गया कि घरेलू स्तर पर निर्मित प्राकृतिक रबड़ की अनुपलब्धता के कारण टायर उद्योग की करीब 40 प्रतिशत प्राकृतिक रबड़ की जरूरत आयात से पूरी होती है।
Privatization of IDBI Bank : एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग ने रिपोर्ट में कहा कि उम्मीद है कि सरकार बजट में आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के संबंध में स्पष्टता लाएगी।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार से व्यापार करने की लागत को कम करने के लिए भूमि पर स्टांप शुल्क को तर्कसंगत बनाने और बिजली दरों पर क्रॉस-सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का अनुरोध किया है।
लेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजना के तीसरे संस्करण के अनावरण को लेकर उम्मीदें बहुत अधिक हैं। नई सब्सिडी व्यवस्था कम से कम दो से तीन साल तक चलने की है मांग।
उद्योग ने कम से कम आठ सालों की अवधि के लिए 40,000-45,000 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रॉनिक्स घटक प्रोत्साहन योजना की भी मांग की है। फिलहाल भारत में चीन और वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उच्च टैरिफ वाली कई टैरिफ लाइनें हैं।
Budget 2024 : उत्पाद असेंबल करने में लगने वाले कलपुर्जे और कच्चे माल पर 2.5 प्रतिशत शुल्क दरें हटाने का भी सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि ये शुल्क दरें किसी उद्देश्य को पूरा नहीं करती हैं।
एक्सपर्ट का मानना है कि बुनियादी ढांचे में निवेश स्थिरता पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य परिवहन नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और पर्यावरणीय परिणामों में सुधार करना है। चुनावों के बाद से भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख बना हुआ है, जो हर हफ्ते धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
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