समझौते के तहत आईटी सेक्टर के दिग्गज ऑस्ट्रेलिया कंपनी के क्लाउड ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी लाने के लिए काम करेगीं, ये समझौता कई सालों के लिये किया गया है।
एमकैप के लिहाज से 13.7 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर है। उसके बाद टीसीएस ( 13.44 लाख करोड़ रुपये) और एचडीएफसी बैंक ( 8.42 लाख करोड़ रुपये) है।
नए आयकर पोर्टल को सात जून को शुरू किया गया था। शुरुआत से ही पोर्टल में दिक्कतें आ रही हैं। यूजर्स लगातार शिकायत कर रहे हैं कि या तो पोर्टल अनुपलब्ध है या काफी धीमी रफ्तार से काम कर रहा है।
इन्फोसिस द्वारा विकसित नया आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल 7 जून को टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाने और रिफंड के मुद्दे को तेज करने के लिए लॉन्च किया गया था।
वित्त मंत्रालय ने इन्फोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को 28 अगस्त को तलब किया है और कहा है कि वो वित्त मंत्री को जानकारी दें कि क्यों ढाई महीने बाद भी गड़बड़ी बनी हुई है।
इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग और सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर 2.0 प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में इस साल 7 जून को नए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल की शुरुआत की गई।
कंसोलिडेटेड प्रॉफिट बीती तिमाही के मुकाबले 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ 5195 करोड़ रुपये रहा है। वहीं इस दौरान कंपनी की ऑपरेशन से कंसोलिडेटेड आय 6 प्रतिशत बढ़कर 27896 करोड़ रुपये रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इन्फोसिस से कहा कि आयकर विभाग के नये पोर्टल में आ रही खामियों को तुरंत दूर किया जाये।
आयकर विभाग का यह नया पोर्टल सात जून को शुरू किया गया लेकिन उसी दिन से इसमें कई तरह की खामियां सामने आई हैं।
इस बारे में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की पोर्टल तैयार करने वाली सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस के साथ मंगलवार को बैठक होगी।
इन्फोसिस ने शनिवार को कहा कि वह नए आयकर दाखिल करने के पोर्टल में आ रही तकनीकी गड़बड़ी की वजह से होने वाली परेशानी को लेकर काफी चिंतित हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस ने बुधवार को आयकर विभाग की नई ई-फाइलिंग वेबसाइट की समस्याएं इस सप्ताह दूर होने और उसके सुचारू रूप से काम करने की उम्मीद जतायी है।
सेबी ने सोमवार को पारित अंतरिम आदेश में यह जानकारी देते हुये कहा कि यह मामला इन्फोसिस के 30 जून 2020 को समाप्त तिमाही परिणामों से जुड़ा है।
इस साल कंपनी के करोड़पति कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 97 पहुंच गई है।
इंफोसिस के सह संस्थापक एस डी शिबूलाल ने खुले बाजार में किये गये लेन-देन के जरिए बुधवार को प्रमुख आईटी कंपनी के 100 करोड़ रुपए के शेयर खरीद लिए।
आय पिछले साल के मुकाबले 13.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26311 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। बीती तिमाही के मुकाबले इसमें 1.5 प्रतिशत की बढ़त रही है।
कंपनी ने बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में उसका राजस्व 13.1 प्रतिशत बढ़कर 26,311 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले समान तिमाही में 23,267 करोड़ रुपये था।
इंफोसिस से पहले सॉफ्टवेयर कंसल्टिंग फर्म एक्सेंचर (Accenture) ने भी कहा था कि वह अपने कर्मचारियों और उनके आश्रितों के कोविड-19 टीकाकरण का पूरा खर्च उठाएगी।
इंफोसिस का शुद्ध लाभ बढ़कर 5,197 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। साल भर पहले की समान अवधि में 4,457 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। इस दौरान कंपनी की आय 23,092 करोड़ रुपये की तुलना में 25,927 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा कि सरकार चाहे तो वैक्सीन खरीदने के लिए कॉरपोरेट जगत पर टैक्स लगा सकती है, लेकिन आम लोगों को यह वैक्सीन मुफ्त में ही उपलब्ध करानी चाहिए।
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