आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को International Monetary Fund (IMF) ने नसीहत दी है और बताया है कि कैसे वह अपनी गरीबी को दूर कर सकता है और अपनी आर्थिक हालत ठीक कर सकता है।
महंगाई से आम हो या खास सभी परेशान है, जहां घर के आटे से लगाकर बड़ी चीजों के दाम ऊंचाई पर हैं। वहीं यह खबर आपको राहत देने वाली हो सकती है, क्योंकि सरकार महंगाई रोकने के लिये कुछ खास कदम उठा रही है।
कंगाल पाकिस्तान दो वक्त की रोटी को मोहताज हो गया है। आर्थिक तबाही से पाकिस्तान में भूख और गरीबी तांडव दिखा रही है। इस बीच पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर है। इसके बाद मौजूदा हालातों से उबर पाना पाकिस्तान के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने पाकिस्तान कई बड़ी शर्तें और लगा सकता है।
आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अब अल्लाह ही बचा सकते हैं। यह कहना है पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार का। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरक्की के लिए अल्लाह जिम्मेदार हैं। वही पाकिस्तान को अमीर बना सकते हैं। इशाक डार ने कहा कि देश की समृद्धि और विकास को अल्लाह ही दुरुस्त कर सकते हैं
गेहूं की कीमतें थोक बाजार में 31 रुपये के पार निकल गई हैं वहीं आटा 38 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है। कीमतों को थामने के लिए सरकार अब मिलों को सस्ता गेहूं बेचने जा रही है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो जाने से हाहाकार मचा है। कंगाल पाकिस्तान को खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है। आटा, दाल, चावल और रोटी के लिए भीषण जंग छिड़ी है। महंगाई की मार ने पाकिस्तान को दिवालिया बनाने के कगार पर खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान की यह हालत यूं ही नहीं हुई है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिसंबर 2022 में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति ऋणात्मक 1.25 प्रतिशत और ईंधन तथा बिजली की मुद्रास्फीति 18.09 प्रतिशत थी।
पाकिस्तान में फैला भुखमरी का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान को भीख के कटोरे में अमेरिका और सऊदी अरब ने कुछ मदद की तो लगा कि शायद भूख से तड़पते लोगों को कुछ सुकून मिल जाए, लेकिन किस्मत ने फिर दगा दे दिया है। लिहाजा अब सऊदी अरब और पाकिस्तान की मदद के बावजूद पाकिस्तान के भूखों मरने की मजबूरी गले पड़ गई है।
पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। लोगों को खाने के लिए रोटी और उसे बनाने के लिए एलपीजी गैस नहीं मिल पा रही है। वहां सबसे अधिक 5 चीजों को लेकर लोग परेशान हैं। आइए जानते हैं।
US Additional Aid to Pakistan: भूख से बिलबिलाता पाकिस्तान, तंगी से तड़पता पाकिस्तान, मंदी का मारा पाकिस्तान, एक-एक पैसे को मोहताज पाकिस्तान, कर्ज से कराहता पाकिस्तान और बाढ़ से बर्बाद पाकिस्तान की मदद को एक बार फिर अमेरिका ने हाथ बढ़ाया है।
ब्रिटेन में महंगाई के चलते बाहर से पढ़ने आने वाले छात्रों की कमर टूट गई है। यहां पर छात्रों को रहने के लिए जगह ढूंढना बहुत मुश्किल हो रहा है क्योंकि ब्रिटेन मे रहना-खाना इतना महंगा है कि छात्र अपने खर्च कैसे संभाल पाएंगे ये एक बड़ी चुनौती है।
Unemployment Hits 50 Year Low in US and Inflation Bent: दुनिया भर में छाई वैश्विक मंदी के बीच अमेरिका से अच्छी खबर आई है। दिसंबर के महीने में अमेरिका में बेरोजगारी दर 50 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई है।
नौकरी करने वाले कई हजार लोगों के बीच एक सर्वे किया गया है, जिसमें इस बात की जानकारी सामने आई है कि आज के समय में लोग क्या सोचते हैं। इस सर्वे रिपोर्ट में कई खुलासे भी हुए हैं।
आरबीआई ने महंगाई पर शिकंजा कसने के लिये कदम उठाने में देरी की। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने इससे इनकार किया और कहा कि उसने समय रहते पहल की है।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर से शुरू हुए रबी सत्र में पिछले हफ्ते तक गेहूं खेती का रकबा तीन प्रतिशत बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया।
Inflation Uncontrollable in Israel: वर्ष 2022 दुनिया के कई देशों के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है। यह वर्ष पाकिस्तान से लेकर वेनेजुएला और श्रीलंका की आर्थिक हालत खराब कर चुका है। अब इस वर्ष ने जाते-जाते इजरायल में भी खतरे की घंटी बजा दी है। सरकारी आंकड़े इजरायल की भयावह तस्वीर दिखा रहे हैं।
नवंबर 2021 में थोक महंगाई यानि WPI 14.87 फीसदी थी थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति 19 महीने तक दहाई अंकों में रहने के बाद अक्टूबर में घटकर 8.39 फीसदी हो गई थी।
भारत में जो हाल की स्थिति है, उसे देखकर ये नहीं कहा जा सकता है कि देश में मंदी आने वाली है। एक तरफ महंगाई दर कम हो रही है तो वहीं दूसरे तरफ कार की बिक्री में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
पिछले महीने जब अक्टूबर के महंगाई के आंकड़े जारी हुए थे तो उसमें उससे पहले के महीने की तुलना में महंगाई कम देखी गई थी। उसके बावजूद भी आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाया लेकिन अब ये जानकारी सामने आई है कि आगे से रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं होगी।
बिहार में महंगाई की दर 5.84 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 6.80 प्रतिशत और मघ्य प्रदेश में 7.49 प्रतिशत दर्ज की गई।
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