मोबाइल टावर कंपनियां वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में 18 प्रतिशत कर का बोझ दूरसंचार कंपनियों पर डालेंगी जिससे आम लोगों का फोन बिल बढ़ेगा।
पेट्रोलियम पदार्थों को GST के दायरे में लाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। जम्मू और कश्मीर ने इस दिशा में पहला कदम उठाया है।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन के बाद मुद्रास्फीति में दो प्रतिशत की गिरावट आएगी।
फिक्की के सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 में लगभग 7.4 फीसदी रहेगी।
Nomura की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ने के साथ रेपो रेट में आधी फीसदी तक की वृद्धि की जा सकती है।
वित्त सचिव अशोक लवासा का कहना है कि देश की वृहद आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है जिससे 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।
SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कम कीमतें और अन्य सकारात्मक वृहद बुनियाद से देश की वृद्धि दर बढ़ सकती है।
ऑयल मार्केटिंग कपनियां रोजोना पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलवा करने को लेकर पांच शहरों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर चुकी हैं। कीमतों में गिरावट जारी है।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों बढ़ोतरी के बाद बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर (LPG) की कीमतों में कटौती कर आम आदमियों को राहत दी है।
सरकार ने कहा कि GST लागू होने से कोई महंगाई नहीं बढ़ेगी बल्कि देश में बने माल विदेशी सामान की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे।
चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 4.8% रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया कि मुद्रास्फीति ऊंची रहने की आशंका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया लगता है।
मार्च महीने में थोक महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है। यह फरवरी महीने के मुकाबले 6.55 फीसदी से गिरकर 5.70 फीसदी पर आ गई है।
ईंधन की ऊंची कीमतों की वजह से रिटेल महंगाई मार्च में पिछले पांच माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2017-18 की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि सेंट्रल बैंक ने रिवर्स रेपो को बढ़ा दिया है।
महंगाई बढ़ने, वैश्विक गतिविधियों को देखते हुए RBI गुरूवार को 2017-18 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (ब्याज) में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती कर दी है। आईओसी के अनुसार, पेट्रोल 3.77 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के मुकाबले काफी नीचे होने के बावजूद RBI अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
महंगे पेट्रोल-डीजल से बुधवार को कुछ राहत मिल सकती है। बीते दो हफ्ते के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में करीब 9 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को बड़ा झटका लगा है। फरवरी में थोक महंगाई दर (WPI) 6.55 फीसदी पहुंच गई, जो लगभग 39 महीनें का उच्चतम स्तर है।
इस्मा ने पूरे वर्ष के लिए 2.03 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है जो कि पिछले साल के मुकाबले 19 फीसदी कम है। पिछले साल 2.51 करोड़ टन चीनी पैदा हुआ था।
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