प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच गई है और सरकार महंगाई को थामने में नाकाम रही है
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने रुपये में मजबूती तथा जीडीपी के पूर्वानुमान में कटौती के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान घटाकर 4.10 प्रतिशत कर दिया है।
मई महीने की तुलना में थोक मुद्रास्फीति दर जून में कम रही। थोक मुद्रास्फीति जून में कमी के साथ 2.02 प्रतिशत पर रही।
वित्त मंत्री ने सोने पर सीमा शुल्क बढ़ाने, अमीरों पर कर अधिभार बढ़ाने व पेट्रोल, डीजल पर शुल्क बढ़ाने का बचाव करते हुए कहा कि देश के आर्थिक विकास और आम आदमी के लिये बुनियादी सुविधायें खड़ी करने करने के लिये संसाधन जुटाना जरूरी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल लगातार मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखा और आगे भी सरकार इस पर अंकुश बनाये रखेगी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में पिछले पांच वर्ष से लगातार गिरावट आ रही है।
मई में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति जुलाई 2017 के बाद सबसे कम है। जुलाई 2017 में थोक मुद्रास्फीति 1.88 प्रतिशत थी।
खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से खुदरा मुद्रस्फीति मई महीने में बढ़कर 3.05 प्रतिशत पर रही।
देश के कुछ हिस्सों में अरहर दाल के भाव 100 रुपए के पार पहुंच गए हैं। हालांकि पूरे देश में भाव 100 रुपए के ऊपर नहीं है।
रसोई गैस सिलेंडर के दामों में एक बार फिर बढ़ोत्तरी हुई है। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के बाजार भाव में 25 रुपए का इजाफा हो गया है।
औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2019 में बढ़कर 6.6 प्रतिशत रही। इसकी अहम वजह निश्चित खाद्य वस्तुओं की कीमतें बहुत ऊंची रहना है।
ईंधन और कुछ खाद्य जिंसों के भावों में गिरावट के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 2.76 प्रतिशत पर आ गयी। यह पिछले दस माह का यह इसका न्यूनतम स्तर है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर पर जाकर नवंबर में 4.64 प्रतिशत पर रही।
महंगे तेल की मार झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 5.28 प्रतिशत रही, जो पिछले 4 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अध्ययन में कहा गया है कि प्याज की कीमतों में इजाफे की आशंका के बावजूद आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत से नीचे रहने की ही संभावना है।
भारत की खुदरा महंगाई दर सितंबर माह में मामूली बढ़कर 3.77 प्रतिशत पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इससे पिछले महीने अगस्त में यह 3.69 प्रतिशत थी।
देश में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देने के लिये सरकार की ओर से घोषित पांच-सूत्रीय रणनीति से रुपये की गिरावट के थामने की संभावना नहीं है।
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