कृषि श्रमिकों के मामले में सीपीआई में सर्वाधिक 23 अंक की वृद्धि हिमाचल प्रदेश में दर्ज की गयी। वहीं ग्रामीण कामगारों के संदर्भ में जम्मू कश्मीर में सर्वाधिक 20 अंक की वृद्धि हुई। इस वृद्धि का कारण मुख्य रूप से गेहूं आटा, दाल, सरसों तेल, दूध, सब्जी, फलों के दाम आदि में आई बढ़ोतरी है।
आटे की बढ़ी हुई कीमतों से परेशान जिस पाकिस्तान का वीडियो पाकिस्तान में वायरल हो रहा है वह कह रहा है, कि वह 3 दिन से भूखा आटे के पीछे मारा मारा फिर रहा है और बच्चों के लिए खाना नसीब नहीं हो रहा
सितंबर में सब्जियों की महंगाई दर सबसे उच्च स्तर 36.54 प्रतिशत रही। इस दौरान आलू की कीमत एक साल पहले की तुलना में 107.63 प्रतिशत बढ़ी है।
महंगाई में बढ़त खाद्य कीमतों में उछाल की वजह से देखने को मिली है, सितंबर के दौरान खाद्य महंगाई बढ़कर 10.68 फीसदी पर पहुंच गई। अगस्त में खाद्य महंगाई 9.05 फीसदी के स्तर पर थी
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक सोमवार को कोलकाता में टमाटर का खुदरा भाव 100 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया है। सितंबर के दौरान कोलकाता में टमाटर की कीमतों में 40 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है
7 फीसदी के स्तर से नीचे आई कृषि और ग्रामीण मजदूरों की महंगाई दर
मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल के लिए थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर 1.57 प्रतिशत रही।
मई के दौरान खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़त दर्ज
अर्थव्यवस्था को चलाने वाले तमाम सेक्टर पिटे हुए हैं और भारतीय रिजर्व बैंक को सिर्फ कृषि सेक्टर से उम्मीद बची है।
कोरोना संकट की वजह से गैर जरूरी सामानों की मांग में गिरावट की आशंका
महंगाई के बारे में शक्तिकांत दास ने कहा कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति में मार्च में गिरावट आई है और इसमें आगे और गिरावट की उम्मीद है।
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी के 2.26 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में गिरकर एक प्रतिशत रह गई।
मार्च के महीने में खाद्य महंगाई 10 फीसदी से नीचे आई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘इस परिदृश्य में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वित्त, जो अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है, अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निर्बाध रूप से बहता रहे।’’
पिछले महीने लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत देखने को मिली है। थोक महंगाई दर फरवरी में घटकर 2.26 फीसदी पर आ गई। इससे पहले जनवरी में थोक महंगाई दर 3.10 फीसदी दर्ज की गई थी।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा है कि आरबीआई अकेले मुद्रास्फीति को नियंत्रित नहीं कर सकता क्योंकि आपूर्ति मामलों को सरकार द्वारा प्रबंधित करने की जरूरत है।
थोक महंगाई दर के जारी आंकड़ों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आधिकारिक आंकड़े शुक्रवार को जारी किए गए।
दिसंबर के दौरान देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार घटी है
भारतीय रिजर्व बैकं (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याद दरों (रेपो रेट) में कोई बदलाव नहीं किया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस बार भी रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है और इसे 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
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