मांसाहारी थाली के मामले में कीमत एक साल पहले की अवधि में 59.2 रुपये की तुलना में घटकर 54 रुपये हो गई। हालांकि जनवरी के 52 रुपये की तुलना में अधिक है।
सर्वेक्षण के अनुसार, मौजूदा कीमतों पर शहरी क्षेत्रों में औसत एमपीसीई (बिना वैकल्पिक आंकड़ों के) 2011-12 के 2,630 रुपये से 2022-23 में दोगुना से अधिक होकर 6,459 रुपये हो गया है। इसी तरह ग्रामीण इलाकों में यह 1,430 रुपये से बढ़कर 3,773 रुपये हो गया है।
बाजार नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद को लेकर आगे है, लेकिन इस समय जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा। लंबे समय तक हाई ग्रोथ को बनाए रखने के लिए मूल्य और वित्तीय स्थिरता जरूरी है।
कृषि कामगारों के मामले में तमिलनाडु 1,470 अंक के साथ सूचकांक सूची में सबसे ऊपर रहा। वहीं, हिमाचल प्रदेश 970 अंक के साथ निचले स्थान पर रहा। ग्रामीण श्रमिकों के मामले में आंध्र प्रदेश 1,454 अंक के साथ सूची में टॉप पर रहा।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 प्रतिशत रही है। यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में लिए 0.27 प्रतिशत (अस्थायी) रही।’’ थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.8 प्रतिशत थी।
जनवरी महीने में भारत की खुदरा महंगाई में गिरावट आई है। देश की खुदरा महंगाई जनवरी में घटकर 5.10 फीसदी रही है। यह दिसंबर में 5.69 फीसदी के साथ 4 महीने के उच्च स्तर पर थी।
RBI की ओर से आज नई मॉनेटरी पॉलिसी जारी की जाएगी। माना जा रहा है कि इस बार भी रेपो रेट को यथावत रखा जाएगा।
वेज थाली की कीमत में बीते महीने सालाना आधार पर पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, नॉन-वेज थाली की कीमतों में गिरावट हुई है।
खुदरा के बाद थोक महंगाई में भी दिसंबर महीने में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। दिसंबर, 2023 में थोक महंगाई दर 0.73 फीसदी दर्ज हुई है। सब्जियों और दालों की कीमतों में उछाल के चलते थोक महंगाई में यह इजाफा हुआ है। दिंसबर में खुदरा महंगाई 4 महीने के उच्च स्तर पर रही थी।
December CPI: दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है और यह चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई में तेजी का कारण खाद्य वस्तुओं की कीमत में इजाफा होना है।
रिपोर्ट बताती है कि मुद्रास्फीति 9.1 प्रतिशत के शिखर से काफी कम हो गई है, लेकिन यह फेडरल रिजर्व के 2 प्रतिशत लक्ष्य से काफी ऊपर बनी हुई है।
लाल सागर में हूतियों के आतंक से व्यापार पर विपरीत असर पड़ा है। इससे माल ढुलाई 60 फीसदी और बीमा प्रीमिय में 20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की आशंका जाहिर की गई है। इसकी वजह यह है कि हूतियों के हमले से बचने के लिए वाणिज्यिक जहाज अब वैकल्पिक रास्तों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें काफी दूर घूमकर जाना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में यह सवाल किया है कि क्या राम मंदिर ही असली मुद्दा है? उन्होंने महंगाई, बरोजगारी जैस ज्वलंत मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने ईवीएम के मुद्दे को भी उठाया।
ओवरऑल मुद्रास्फीति 2023-24 की तीसरी और चौथी तिमाही में क्रमशः में 5.6 प्रतिशत और 5.2 प्रतिशत तथा 2024-25 की पहली तिमाही में 5.2 प्रतिशत अनुमानित है।
ब्रिटेन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाकर पीएम ऋषि सुनक ने कमाल कर दिया है। जब उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभाला तो महंगाई 10 के स्तर को पार कर चुकी थी। साथ ही जीडीपी का दम घुटने लगा था। मगर ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुनक ने ब्रिटेन को फिर से बेहतर स्थिति में लाकर अपनी काबिलियत दिखा दी।
साल 2023 कोरोना महामारी के बाद से आम आदमी के लिए एक सबसे बढ़िया साल रहा है। सब्जियों की महंगाई को छोड़ दें, तो यह साल आम आदमी के लिए अच्छा रहा। इस साल बेरोजगारी दर में कमी आई है। काम-धंधे अच्छे चले, तो जीडीपी ग्रोथ भी अनुमान से अधिक रही।
दालें, टमाटर, अदरक,प्याज, बीन्स, गाजर,मिर्च और टमाटर सहित कई चीजों के खुदरा दाम बहुत तेज रहे। आम आदमी की रसोई के बजट पर इन चीजों ने बड़ा असर डाला।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नवंबर महीने में बढ़कर 8.7 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.67 प्रतिशत थी।
पाकिस्तान में महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। गैस के दाम सालाना आधार पर 1,100 प्रतिशत बढ़ गए हैं। वहीं, खाने पीने की चीजों के दाम में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
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