जनवरी महीने में भारत की खुदरा महंगाई में गिरावट आई है। देश की खुदरा महंगाई जनवरी में घटकर 5.10 फीसदी रही है। यह दिसंबर में 5.69 फीसदी के साथ 4 महीने के उच्च स्तर पर थी।
RBI की ओर से आज नई मॉनेटरी पॉलिसी जारी की जाएगी। माना जा रहा है कि इस बार भी रेपो रेट को यथावत रखा जाएगा।
वेज थाली की कीमत में बीते महीने सालाना आधार पर पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, नॉन-वेज थाली की कीमतों में गिरावट हुई है।
खुदरा के बाद थोक महंगाई में भी दिसंबर महीने में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। दिसंबर, 2023 में थोक महंगाई दर 0.73 फीसदी दर्ज हुई है। सब्जियों और दालों की कीमतों में उछाल के चलते थोक महंगाई में यह इजाफा हुआ है। दिंसबर में खुदरा महंगाई 4 महीने के उच्च स्तर पर रही थी।
December CPI: दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है और यह चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई में तेजी का कारण खाद्य वस्तुओं की कीमत में इजाफा होना है।
रिपोर्ट बताती है कि मुद्रास्फीति 9.1 प्रतिशत के शिखर से काफी कम हो गई है, लेकिन यह फेडरल रिजर्व के 2 प्रतिशत लक्ष्य से काफी ऊपर बनी हुई है।
लाल सागर में हूतियों के आतंक से व्यापार पर विपरीत असर पड़ा है। इससे माल ढुलाई 60 फीसदी और बीमा प्रीमिय में 20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की आशंका जाहिर की गई है। इसकी वजह यह है कि हूतियों के हमले से बचने के लिए वाणिज्यिक जहाज अब वैकल्पिक रास्तों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें काफी दूर घूमकर जाना पड़ रहा है।
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में यह सवाल किया है कि क्या राम मंदिर ही असली मुद्दा है? उन्होंने महंगाई, बरोजगारी जैस ज्वलंत मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने ईवीएम के मुद्दे को भी उठाया।
ओवरऑल मुद्रास्फीति 2023-24 की तीसरी और चौथी तिमाही में क्रमशः में 5.6 प्रतिशत और 5.2 प्रतिशत तथा 2024-25 की पहली तिमाही में 5.2 प्रतिशत अनुमानित है।
ब्रिटेन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाकर पीएम ऋषि सुनक ने कमाल कर दिया है। जब उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभाला तो महंगाई 10 के स्तर को पार कर चुकी थी। साथ ही जीडीपी का दम घुटने लगा था। मगर ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुनक ने ब्रिटेन को फिर से बेहतर स्थिति में लाकर अपनी काबिलियत दिखा दी।
साल 2023 कोरोना महामारी के बाद से आम आदमी के लिए एक सबसे बढ़िया साल रहा है। सब्जियों की महंगाई को छोड़ दें, तो यह साल आम आदमी के लिए अच्छा रहा। इस साल बेरोजगारी दर में कमी आई है। काम-धंधे अच्छे चले, तो जीडीपी ग्रोथ भी अनुमान से अधिक रही।
दालें, टमाटर, अदरक,प्याज, बीन्स, गाजर,मिर्च और टमाटर सहित कई चीजों के खुदरा दाम बहुत तेज रहे। आम आदमी की रसोई के बजट पर इन चीजों ने बड़ा असर डाला।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर नवंबर महीने में बढ़कर 8.7 प्रतिशत रही जो अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत और पिछले साल नवंबर में 4.67 प्रतिशत थी।
पाकिस्तान में महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। गैस के दाम सालाना आधार पर 1,100 प्रतिशत बढ़ गए हैं। वहीं, खाने पीने की चीजों के दाम में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
इंश्योरटेक कंपनी प्लम की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि करीब 59 प्रतिशत लोग अपनी सालाना टेस्ट छोड़ देते हैं। भारत के विशाल वर्कफोर्स का सिर्फ 15 प्रतिशत ही अपने नियोक्ताओं से स्वास्थ्य बीमा सहायता हासिल करता है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि बैंक सतर्क रुख अपनाते रहें। रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड और एनबीएफसी को उधार देने पर जोखिम भार 25 प्रतिशत अंक बढ़ा दिया है।
WPI Inflation: अक्टूबर में थोक महंगाई दर कम होकर -0.52 प्रतिशत पर रही है। सितंबर में ये -0.26 प्रतिशत पर थी।
CPI Inflation October 2023: महंगाई से आम लोगों को राहत के संकेत मिले हैं। अक्टूबर में महंगाई दर चार महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
आरबीआई गवर्नर (Shaktikanta Das) ने कहा कि हम कीमतों को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि सकल मुद्रास्फीति खाद्य कीमतों के झटकों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है।
पिछले दिनों घरेलू एलपीजी (LPG gas cylinder prices) की कीमतों में 200 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती कर दी गई। इससे एलपीजी की मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर (-) 12.7 प्रतिशत हो गई। अगस्त में यह 4.2 प्रतिशत थी।
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