इस हफ्ते महंगाई दर, औद्योगिक उत्पादन और विदेश व्यापार के आंकड़े जारी होने हैं जो शेयर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं
जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.07% रह गई थी, जबकि थोक मुद्रास्फीति 2.84% थी जो छह महीने का निचला स्तर था
देश के सेवा क्षेत्र में फरवरी में संकुचन देखने को मिला और यह गिरकर छह महीने के निचले स्तर पर आ गया है। कमजोर मांग स्थितियों के बीच नए ऑर्डर में कमी के चलते यह गिरावट दर्ज की गई।
बुधवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के विवरण में कहा गया कि तेल कीमतों, मकान किराया भत्ते और बजट में राजकोषीय चूक के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा बना हुआ है।
थोक मूल्य आधारित (WPI) महंगाई दर के मोर्चे पर राहत की खबर है। जनवरी में सब्जियों की कीमतें बढ़ी रहने के बावजूद थोक महंगाई दर घटकर 6 महीने के सबसे कम स्तर 2.84 फीसदी पर आ गई है।
आम जनता के लिए अच्छी खबर है कि जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर 5.07 फीसदी रही। वहीं, दिसंबर 2017 में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि (IIP ग्रोथ) 7.1 प्रतिशत रही।
SBI ने यह भी कहा है कि समर्थन मूल्य को उत्पादन लागत से डेढ़ गुना करने पर महंगाई बढ़ने की आशंका ज्यादा नहीं है
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो दिन की बैठक मंगलवार को मुंबई में शुरू हुई। हालांकि, माना जा रहा है कि गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली समिति नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगी।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने सोमवार को संकेत दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए नीतिगत ब्याज दर में कमी की गुंजाइश शायद कम ही हो क्योंकि वृद्धि दर बढ़ रही है और महंगाई भी बढ़ी है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद पेश हुए पहले सर्वेक्षण में अप्रत्यक्ष करों की वसूली में 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
इंडियन ऑयल के आंकड़ों के मुताबिक रविवार को दक्षिण भारत के शहर त्रिवेंद्रम में डीजल का भाव 68.21 रुपए और हैदराबाद में 68.26 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया
थोक महंगाई दर में कमी आने से भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से मौद्रिक नीति के कठोर होने की आशंका कुछ कम हुई है। यानि होमलोन और कारलोन की दरों में बढ़ोतरी होने की आशंका घट गई है
एचडीएफसी बैंक, आईटीसी और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा महंगाई के आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से पैदा हुई अड़चनें अब धीरे-धीरे दूर हो रही हैं।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नवंबर में बढ़कर 3.93 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्याज और अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई में इजाफा हुआ है।
शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 33,123.44 के निचले स्तर तक लुढ़क गया था और फिलहाल 28.33 प्वाइंट घटकर 33,199.16 पर कारोबार कर रहा है
नवंबर माह में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। नवंबर के लिए रिटेल महंगाई दर 4.88 प्रतिशत रही। इसने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए 4 प्रतिशत के महंगाई लक्ष्य को पीछे छोड़ दिया है।
रेपो रेट को 6 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, इसी तरह रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी और बैंक रेट 6.25 फीसदी पर कायम रहेगी।
व्यापार आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं। इसी प्रकार की वृद्धि अन्य प्रमुख शहरों में भी दिखाई दे रही है
Onion prices in the market shot up to Rs 80 per kilogram (kg) in Delhi and a few other cities due to a squeeze in supply, suggesting that if the trend continues, retail inflation in India might also g
संपादक की पसंद