देश के कुछ हिस्सों में अरहर दाल के भाव 100 रुपए के पार पहुंच गए हैं। हालांकि पूरे देश में भाव 100 रुपए के ऊपर नहीं है।
रसोई गैस सिलेंडर के दामों में एक बार फिर बढ़ोत्तरी हुई है। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के बाजार भाव में 25 रुपए का इजाफा हो गया है।
ईंधन, बिजली एवं प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से फरवरी महीने में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 2.93 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2019 में बढ़कर 6.6 प्रतिशत रही। इसकी अहम वजह निश्चित खाद्य वस्तुओं की कीमतें बहुत ऊंची रहना है।
ईंधन और कुछ खाद्य जिंसों के भावों में गिरावट के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 2.76 प्रतिशत पर आ गयी। यह पिछले दस माह का यह इसका न्यूनतम स्तर है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर पर जाकर नवंबर में 4.64 प्रतिशत पर रही।
महंगे तेल की मार झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 5.28 प्रतिशत रही, जो पिछले 4 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अध्ययन में कहा गया है कि प्याज की कीमतों में इजाफे की आशंका के बावजूद आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत से नीचे रहने की ही संभावना है।
भारत की खुदरा महंगाई दर सितंबर माह में मामूली बढ़कर 3.77 प्रतिशत पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इससे पिछले महीने अगस्त में यह 3.69 प्रतिशत थी।
देश में पूंजी प्रवाह को बढ़ावा देने के लिये सरकार की ओर से घोषित पांच-सूत्रीय रणनीति से रुपये की गिरावट के थामने की संभावना नहीं है।
सरकार चालू वित्त वर्ष में 3.3 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर अडिग रहेगी। सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में उसका कर राजस्व बेहतर रहेगा और वह वर्ष के लिये तय विनिवेश लक्ष्य को भी पार कर लिया जायेगा।
मुद्रास्फीति नियंत्रण में, सरकार को 3.3% राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने का भरोसा: अरुण जेटली
सेंसेक्स 372.68 प्वाइंट की मजबूती के साथ 38090.64 पर बंद हुआ है, दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 38125.62 का ऊपरी स्तर छुआ है
खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त महीने में घटकर 3.69 प्रतिशत पर आ गई है, जो इसका 11 महीने का सबसे निचला स्तर है।
शेयर बाजारों के विशेषज्ञों ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन और महंगाई दर समेत आगामी वृहत आर्थिक आंकड़ों से इस सप्ताह बाजार की चाल तय होगी।
केरल में 1924 के बाद आई सबसे भयानक बाढ़ से पैदा हुई भीषण त्रासदी से सब्जियों की भारी किल्लत हो गई है, जिसके कारण कीमतों में काफी इजाफा हो गया है।
जून में चार साल के उच्च स्तर को छूने के बाद जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर में गिरावट आई है और यह 5.09 फीसदी रही।
उपभोक्ताओं के लिए यह अच्छी खबर है। खुदरा महंगाई दर (CPI) जुलाई में 4.17 फीसदी रही। इससे पिछले महीने में यह 4.90 फीसदी थी।
महंगाई दर के आंकड़े और कंपनियों के पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे।
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