दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति भी घटकर 4.59 प्रतिशत पर आ गई है। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है।
खाद्य महंगाई दर दिसंबर 2020 में घटकर 3.41 प्रतिशत रह गयी जो एक महीने पहले 9.5 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है।
खाने-पीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 प्रतिशत था।
माह के दौरान सब्जियों और आलू में कीमत वृद्धि सबसे ज्यादा क्रमश: 25.23 प्रतिशत और 107.70 प्रतिशत रही। गैर-खाद्य पदार्थों और खनिजों में मुद्रास्फीति भी क्रमश: 2.85 प्रतिशत और 9.11 प्रतिशत रही।
सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कुछ जिलों में बाढ़ के कारण मौसमी उत्पादों की कीमतों में तेजी आई है।
सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर के महीने में इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 0.2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। अगस्त में IIP के लिए ये आंकड़ा निगेटिव 8 फीसदी का था। आईआईपी में ये सुधार बिजली और खनन क्षेत्र में रिकवरी की मदद से दर्ज हुआ है।
बिहार चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को प्याज और आलू की कीमतों में हुई वृद्धि को लेकर बीजेपी पर जबरदस्त सियासी हमला बोला है। उन्होंने भाजपा के नेताओं पार कटाक्ष करते हुए कहा कि महंगाई पहले इनके लिए 'डायन' थी लेकिन अब 'भौजाई' बन गई है।
एमपीसी की बैठक इस माह की शुरुआत में सात से नौ अक्टूबर के दौरान हुई। समिति ने खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय लिया। मुद्रास्फीति जून से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। रिजर्व बैंक के लिए महंगाई दर की लक्ष्य सीमा 2 से 6 फीसदी है।
कृषि श्रमिकों के मामले में सीपीआई में सर्वाधिक 23 अंक की वृद्धि हिमाचल प्रदेश में दर्ज की गयी। वहीं ग्रामीण कामगारों के संदर्भ में जम्मू कश्मीर में सर्वाधिक 20 अंक की वृद्धि हुई। इस वृद्धि का कारण मुख्य रूप से गेहूं आटा, दाल, सरसों तेल, दूध, सब्जी, फलों के दाम आदि में आई बढ़ोतरी है।
आटे की बढ़ी हुई कीमतों से परेशान जिस पाकिस्तान का वीडियो पाकिस्तान में वायरल हो रहा है वह कह रहा है, कि वह 3 दिन से भूखा आटे के पीछे मारा मारा फिर रहा है और बच्चों के लिए खाना नसीब नहीं हो रहा
सितंबर में सब्जियों की महंगाई दर सबसे उच्च स्तर 36.54 प्रतिशत रही। इस दौरान आलू की कीमत एक साल पहले की तुलना में 107.63 प्रतिशत बढ़ी है।
महंगाई में बढ़त खाद्य कीमतों में उछाल की वजह से देखने को मिली है, सितंबर के दौरान खाद्य महंगाई बढ़कर 10.68 फीसदी पर पहुंच गई। अगस्त में खाद्य महंगाई 9.05 फीसदी के स्तर पर थी
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक सोमवार को कोलकाता में टमाटर का खुदरा भाव 100 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया है। सितंबर के दौरान कोलकाता में टमाटर की कीमतों में 40 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है
7 फीसदी के स्तर से नीचे आई कृषि और ग्रामीण मजदूरों की महंगाई दर
जुलाई महीने के लिए प्राइमरी आर्टिकल्स में मुद्रास्फीति 0.63 प्रतिशत बढ़ी है और साथ ही मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में भी यह 0.51 प्रतिशत बढ़ी है।
मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल के लिए थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर 1.57 प्रतिशत रही।
मई के दौरान खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़त दर्ज
अर्थव्यवस्था को चलाने वाले तमाम सेक्टर पिटे हुए हैं और भारतीय रिजर्व बैंक को सिर्फ कृषि सेक्टर से उम्मीद बची है।
कोरोना संकट की वजह से गैर जरूरी सामानों की मांग में गिरावट की आशंका
महंगाई के बारे में शक्तिकांत दास ने कहा कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति में मार्च में गिरावट आई है और इसमें आगे और गिरावट की उम्मीद है।
संपादक की पसंद