US Inflation Rates: अमेरिकी श्रम विभाग ने शुक्रवार को मई, 2022 के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले महीने उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत बढ़ गईं।
जिम्बाब्वे की मुद्रास्फीति बढ़कर 130 प्रतिशत से अधिक हो गई है। यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत से पहले जिम्बाब्वे की मुद्रास्फीति दर 66 प्रतिशत थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.7 से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।
जरूरी सामान की कीमतें जिस दर से बढ़ती है उसे महंगाई कहते हैं। भारत में, इसे साल-दर-साल मापा जाता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद देश में पेट्रोल, डीजल, पीएनजी, सीएनजी और रसोई गैस के दाम तेजी से बढ़े हैं।
खाद, बिजली और डीजल की लागत को समायोजित करने पर खेती की लागत 8.9 प्रतिशत बढ़ी। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले पांच सालों में कृषि संबंधी लागत में जमीन-आमसान से अंतर आ गया है।
कर्नाटक के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में चक्रवात से टमाटर की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है। इसके कारण कीमतें आसमान छू रही हैं।
डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है। समीक्षाधीन माह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.35 प्रतिशत थी।
इसके अलावा इन कंपनियों ने किसी उत्पाद के बड़े पैकेट के दाम में बढ़ोतरी की है। हालांकि, यह वृद्धि भी 10 प्रतिशत से कम की है।
सरकार की इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि देश के किस राज्य में महंगाई की मार सबसे ज्यादा है। वहीं कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां राष्ट्रीय औसत से महंगाई की दर काफी कम है।
वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों से वैश्विक कारकों की वजह से बनी ऊंची मुद्रास्फीति की स्थिति लंबे समय कायम नहीं रहेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आसमान छूती महंगाई से राहत मिलती है तो यह सिर्फ गरीबों के लिए ही नहीं बल्कि अमीरों के लिए राहत की बात होगी।
क्रिसिल रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि उपज कम होने से जीरा के भाव 165-170 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकते हैं।
सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2021 से लेकर लगातार 12वें महीने में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में बनी हुई है।
फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं। अधिकांश खाद्य वस्तुओं के लिए आठ प्रतिशत जीएसटी पर सहमति बनने की उम्मीद है।
महंगाई तेजी से बढ़ने के कारण खुदरा महंगाई 7 फीसदी के करीब पहुंच गई है। इसके चलते कम आय वाले लोगों को घर का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाजार में सब्जी बेचने वाली कामिनी पटेल का कहना है कि लोग महंगी सब्जियां खरीदने से कतरा रहे हैं। इसके चलते बिक्री घटी है। मैं पहले रोजाना 1500 रुपये तक कमा लेती थी लेकिन अब 1000 रुपये से भी नीचे आ गई है।
आरबीआई गवर्नर ने मौद्रिक पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। पहले इसके 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान था।
देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी की जबर्दस्त मार व तनाव झेल रही जनता अब पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस आदि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण घुट-घुट कर जीने को मजबूर है- मायावती
सच कहें तो महंगाई डायन ही आम इंसान की सच्ची सहेली है, जो कभी भी उसका साथ नहीं छोड़ती। बीते महीने चुनाव के बाद से इसकी जकड़ मजबूत होती जा रही है।
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