आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। गवर्नर ने महंगाई पर कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून में तेजी से खाद्य महंगाई में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
भारत में महंगाई दर अभी भी उच्चस्तर पर है। जून में खुदरा महंगाई दर चार महीनों के उच्च स्तर 5.08 प्रतिशत पर थी। जब तक खुदरा महंगाई दर नीचे नहीं आती है तब तक रेपो रेट में कटौती की कोई संभावना नहीं है।
सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति दर का आंकड़ा जारी कर दिया है, जो पिछले 9 महीने के न्यूनतम स्तर पर है। मार्च में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर 4.85 प्रतिशत रही है, जो पिछले साल जून के 4.81 प्रतिशत के बाद सबसे कम है।
ब्रिटेन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाकर पीएम ऋषि सुनक ने कमाल कर दिया है। जब उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभाला तो महंगाई 10 के स्तर को पार कर चुकी थी। साथ ही जीडीपी का दम घुटने लगा था। मगर ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुनक ने ब्रिटेन को फिर से बेहतर स्थिति में लाकर अपनी काबिलियत दिखा दी।
PM Modi: पीएम मोदी ने कहा आज दुनियाभर में हमारी अर्थव्यवस्था 5वें स्थान पर पहुंच गई है। अगर देश इसी तरह से काम करता रहा तो जल्द ही हम दुनिया की 3 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएंगे। महंगाई पर भी अपनी बात रखी।
Retail inflation: खुदरा महंगाई ने आम लोगों की चिता बढ़ा दी है। पिछले 15 महीनों का रिकॉर्ड टूट गया है।
सरकार ने आरबीआई को यह जिम्मेदारी दी है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रहे।
Inflation rate of India: आज का दिन भारत के लिए काफी अच्छा रहा है। सुबह भारतीय फिल्म RRR को ऑस्कर मिलने की खबर आई तो शाम होते-होते महंगाई दर में भारी गिरावट को लेकर जानकारी सामने आ गई। आइए पूरी रिपोर्ट पढ़ते हैं और ये जानने की कोशिश करते हैं कि इससे कितना कुछ बदल जाएगा।
पेट्रोल की कीमतों में एक सप्ताह में 8.82 प्रतिशत, पांच लीटर खाद्य तेल की कीमतों में 8.65 प्रतिशत, एक किलोग्राम घी के दाम में 8.02 प्रतिशत, चिकन मीट की कीमतों में 7.49 प्रतिशत और डीजल की कीमत में 6.49 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
महंगाई से आम हो या खास सभी परेशान है, जहां घर के आटे से लगाकर बड़ी चीजों के दाम ऊंचाई पर हैं। वहीं यह खबर आपको राहत देने वाली हो सकती है, क्योंकि सरकार महंगाई रोकने के लिये कुछ खास कदम उठा रही है।
अमेरिका में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। वहां महंगाई अपने चरम पर है। लोगों के पास पैसे की कमी है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि हर तीन में से दो अमेरिकी अपना राशन बिल तक नहीं भर पा रहे हैं। पूरी रिपोर्ट खबर में पढ़ें।
भारत में अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई कम हुई है। मंदी से जूझ रही दुनिया के कई देशों की तुलना में हमारे लिए अच्छी खबर है। भारत में मंदी आने की भी संभावना बेहद कम है। पढ़िए महंगाई दर कम होने का असर आम जनता पर कितना पड़ेगा।
भारत की जनता के लिए आज एक अच्छी खबर आई है। देश में अब महंगाई पिछले 18 महीने के न्यूनतम स्तर पर चली गई है। एक्सपर्ट का कहना है कि इसका फायदा आम जनता को नहीं मिलेगा। आइए जानते हैं कि ऐसा कहने के पीछे का क्या कारण है?
Inflation in Italy & Netherlands:इन दिनों एशिया और यूरोप समेत पश्चिमी देश तक महंगाई की मार झेल रहे हैं। इसी कड़ी में इटली और नीदरलैंड भी हैं, जहां महंगाई चरम पर है।
US Inflation Rates: अमेरिकी श्रम विभाग ने शुक्रवार को मई, 2022 के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले महीने उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की तुलना में 8.6 प्रतिशत बढ़ गईं।
जिम्बाब्वे की मुद्रास्फीति बढ़कर 130 प्रतिशत से अधिक हो गई है। यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत से पहले जिम्बाब्वे की मुद्रास्फीति दर 66 प्रतिशत थी।
जानें, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉक्टर मनमोहन सिंह, और अब तक नरेंद्र मोदी के शासन में क्या रहा है महंगाई का हाल।
जुलाई महीने के लिए प्राइमरी आर्टिकल्स में मुद्रास्फीति 0.63 प्रतिशत बढ़ी है और साथ ही मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में भी यह 0.51 प्रतिशत बढ़ी है।
आईएएनएस-सीवीओटर सर्वेक्षण से पता चला कि उत्तरदाताओं में से 43 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि बजट के बाद कीमतें नहीं घटेंगी।
गैर-खाद्य सामग्रियों की कीमतें कम होने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति सितंबर महीने में गिरकर 0.33 प्रतिशत पर आ गई।
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