फरवरी, 2025 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, खाद्य वस्तुओं, अन्य विनिर्माण, गैर-खाद्य वस्तुओं और वस्त्र निर्माण आदि के मूल्यों में वृद्धि के कारण है।
सरकार की तरफ से ताजा आंकड़ों में कहा गया है कि खुदरा महंगाई जनवरी के मुकाबले फरवरी में घटी। फरवरी में आई यह गिरावट चालू वित्तीय वर्ष में सिर्फ तीसरी बार है जब महंगाई की दर 4 प्रतिशत से नीचे आई है।
जनवरी 2025 में थोक महंगाई में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले महीने थोक महंगाई दर घटकर 2.31 प्रतिशत रही। बताते चलें कि इससे पिछले महीने यानी दिसंबर 2024 में थोक महंगाई दर 2.37 प्रतिशत दर्ज की गई थी। शुक्रवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों से ये जानकारी मिली है।
सब्जियों की मुद्रास्फीति नवंबर में 28. 57 प्रतिशत के मुकाबले 28. 65 प्रतिशत रही। आलू की मुद्रास्फीति 93. 20 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर बनी रही, और प्याज की दिसंबर में यह बढ़कर 16. 81 प्रतिशत हो गई।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई, जबकि नवंबर में यह 5.48 प्रतिशत थी।
पाकिस्तान में महंगाई की मार झेल रहे लोगों को सस्ता सामान मिला तो उन्होंने जमकर खरीदारी की। तीर्थ यात्रा पर आए 90 लोगों ने 50-60 हजार का सामान खरीद लिया। सभी पाकिस्तानी भारतीयों की मेहमाननवाजी से बेहद खुश नजर आए।
रिसर्च के अनुसार, 2050 तक उपभोक्ता खाद्य कीमतों में करीब तीन गुना की वृद्धि होगी। इससे तमाम खाने-पीने के सामान की कीमत काफी बढ़ जाएगी।
सब्जियों की महंगाई गिरावट के साथ 28.57 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह 63.04 प्रतिशत थी। हालांकि, आलू की महंगाई 82.79 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही, जबकि प्याज की महंगाई नवंबर में तीव्र गिरावट के साथ 2.85 प्रतिशत पर आ गई।
Inflation Rate in November : खुदरा महंगाई नवंबर में घटकर 5.48 प्रतिशत पर आ गई है। अक्टूबर में यह 6.21 प्रतिशत के स्तर पर थी।
अक्टूबर में आलू और प्याज की मुद्रास्फीति क्रमशः 78.73 प्रतिशत और 39.25 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर रही। सब्जियों की मुद्रास्फीति 63.04 प्रतिशत रही, जबकि सितंबर में यह 48.73 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर में 6.61 प्रतिशत थी।
महंगाई के खिलाफ एक अफ्रीकी देश बच्चों को दुनिया की सबसे खौफनाक सजा देने जा रहा है। इसके बारे में सुनकर आपका दिमाग हिल जाएगा।
आरबीआई पेपर में यह स्पष्ट किया गया है कि पेपर केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, मौद्रिक नीति संचरण पर अध्ययन में पाया गया कि मौद्रिक नीति परिवर्तन दीर्घकालिक दरों की तुलना में अल्पकालिक ब्याज दरों को अधिक प्रभावित करते हैं।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि कि फूड बास्केट में मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 9. 24 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 5. 66 प्रतिशत थी। एक साल पहले महीने में 6. 62 प्रतिशत थी।
उत्पादन में कमी के कारण दालों की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि ईंधन की कीमतों में इस साल की शुरुआत में कीमतों में कटौती के कारण 11 प्रतिशत की गिरावट आई है।
कृषि श्रमिकों (सीपीआई-एएल) और ग्रामीण मजदूरों (सीपीआई-आरएल) के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में अगस्त 2024 में 7-7 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।
पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चला है कि सब्जियों की ऊंची कीमतों के कारण अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 3. 65 प्रतिशत थी। यह जुलाई में 3. 60 प्रतिशत से अधिक थी।
बैंक ऑफ बड़ौदा में अर्थशास्त्री अदिति गुप्ता का कहना है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अच्छी बारिश हुई है। इसके कारण बांधों में मौजूद जल भंडार में इजाफा देखने को मिला है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज द्वारा 'इंडियन रेनफॉल ट्रैकर’के मुताबिक, समग्र बुवाई लगभग पूरी हो जाने के साथ, अब ध्यान कटाई के मौसम पर केंद्रित होगा।
अगस्त, 2024 में लगातार दूसरे महीने खुदरा महंगाई दर काबू में रही। अगस्त में खुदरा महंगाई दर 3.65 फीसदी रही।
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