सड़क किनारे मिली बच्ची की मौत के बाद बवाल मचा तो पुलिस ने जांच भी तेजी की। इस बीच बच्ची को सड़क किनारे रखने वाली नर्स की पहचान हो गई। इसके बाद पूरा मामला सामने आया।
कोटा स्थित जे के लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मद्देनजर एसएन मेडिकल कॉलेज द्वारा तैयार रिपोर्ट में जोधपुर में नवजात शिशुओं की मौत का आंकड़ा दिया गया है। कोटा के सरकारी अस्पताल में 100 से अधिक नवजात शिशुओं की मौत हुई है।
यूपी के कन्नौज से एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक मां ने अपने आठ माह के दुधमुंहे बच्चे की गला दबा कर हत्या कर दी।
जेएमसीएच के अधीक्षक सौरभ बोरकाकोटी के अनुसार नवजात विशेष देखरेख इकाई में एक-छह नवंबर के बीच 15 नवजात बच्चों की मौत हुई है। बोरकाकोटी ने दावा किया कि यह मौत चिकित्सीय या अस्पताल की लापरवाही से नहीं हुई है।
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